सीसीआई स्क्रैप नीलामी के खिलाफ उच्च न्यायालय इंदौर पहुंचेंगे, मजदूर
ओम प्रकाश कसेरा
जावद तहसील के नया गांव में स्थित सीसीआई सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया के उपक्रम फैक्ट्री के पूर्व श्रमिक लोडर अपने बकाया भुगतान को लेकर स्क्रैप नीलामी के खिलाफ उच्च न्यायालय इंदौर पहुंचेंगे,
तहसील कार्यालय पहुंचे कर्मचारी, कल गुरुवार को सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री के पूर्व कर्मचारी
तहसील कार्यालय पहुंचे
कर्मचारियों का कहना है की हमारे 70 साथियों का भुगतान बकाया है श्रमिकों द्वारा जिसकी याचिका श्रम न्यायालय मंदसौर लगाई गई,वहां से माननीय न्यायालय ने मजदूरों के पक्ष में अपना फैसला सुनाया इस फैसले के खिलाफ सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधक द्वारा उच्च न्यायालय इंदौर के समक्ष अपील की गई वहां से भी मजदूरों को न्याय मिला और प्रबंधक को निराशा हुई, न्यायालय पीठासीन अधिकारी श्रम न्यायालय मंदसौर के समक्ष वर्ष 2003 के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेज के अनुसार
सीमेंट श्रमिक संघ जिला नीमच, एवं श्रमिक संघ नयागांव के कर्मचारियों द्वारा सीमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया के विरुद्ध एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें यह बताया गया कि फैक्ट्री की आर्थिक स्थिति अत्यधिक खराब होने से फैक्ट्री में कार्यरत पूर्व कर्मचारी लोडर को दिनांक 15 अक्टूबर 2003 से कार्य मुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया, जिसके पीछे यह कारण बताया गया कि लोडिंग विभाग के ठेकेदार का ठेका समाप्त हो चुका है जबकि उस समय लगभग 135 लोडिंग श्रमिक कार्य से प्रभावित हुए जो वर्ष 1980 से फैक्ट्री के अंदर कार्य कर रहे थे विगत 23 वर्षों से लगातार कार्य करने वाले स्थाई कर्मचारियों को विधि का पालन किए बिना कार्य से नहीं हटाया जा सकता है,
तहसील न्यायालय में नीलामी की सूचना नहीं
तहसील न्यायालय जावद में सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री के पूर्व लोडर श्रमिक का मामला चल रहा है, जहां पर ऑनलाइन प्रक्रिया से सीमेंट फैक्ट्री का स्क्रैप बेचे जाने की सूचना नहीं है, इसके अतिरिक्त फैक्ट्री परिसर के बाहर एवं फैक्ट्री में कार्यरत सुरक्षा गार्ड के नियमितीकरण किए जाने का मामला सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल डिस्ट्रीब्यूशन जबलपुर में चल रहा है वहां पर भी नीलामी की कोई सूचना नहीं दी गई, और आम जनता को स्क्रैप बेचे जाने की जानकारी इसलिए नहीं हुई क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है इस प्रक्रिया की जानकारी उन्हें है जो नीलामी प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं, पिछले दिनों 5 मार्च को नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गई फिर भी आम जनता को यह ज्ञात नहीं हुआ की स्क्रैप कितने करोड़ रुपए में बेचा गया, अहम सवाल यह है इस मामले की इतनी गोपनीयता क्यों रखी जा रही है, क्या किसी निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया जा रहा है, इस विषय पर अगली सुनवाई 17 मार्च को तहसीलदार के समक्ष होगी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सीटू यूनियन शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया सीमेंट कॉरपोरेशन इंडिया की सीमेंट फैक्ट्री के लोडर का बकाया वेतन भुगतान का मामला जावद तहसीलदार के समक्ष पिछले 15 माह से लंबित है। बकाया वेतन भुगतान के लिए लोडर ने श्रम न्यायालय में 1999 में दावा प्रस्तुत किया था वहां से उनके पक्ष में फैसला हुआ। फैक्ट्री में औद्योगिक न्यायालय में अपील की , वहां पर भी लोडर के पक्ष में फैसला हुआ ।फैक्ट्री ने रिट पीटीशन हाई कोर्ट में लगाई , वहां भी उनकी पिटीशन खारिज हुई, वहां से पुन लेबर कोर्ट मंदसौर में मामला आया जहां से कलेक्टर नीमच को प्रत्येक लोडर को 30-30 लाख रुपए भुगतान करने हेतु लिखा गया। जो ब्याज सहित करीब 30 करोड़ रूपया होता है। कलेक्टर महोदय ने जावद तहसीलदार को यह मामला 2023 में भेजा कि लोडर का वेतन भुगतान कराया जाए और अगर फैक्ट्री भुगतान नहीं करती है तो उसकी संपत्ति की कुर्की की जाए और लोडर्स को पैसा दिलाया जाए ।लेकिन 15 महीने से जावद तहसीलदार के यहां यह मामला लंबित है और ऐसे में जावद तहसीलदार न्यायालय में बिना सूचना दिए फैक्ट्री की नीलामी की प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया है। यह स्थापित कानूनो का उल्लंघन है। इसके अलावा सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल में भी फैक्ट्री के खिलाफ एक मामला लंबित है और दिल्ली हाई कोर्ट में फैक्ट्री के बंद करने की प्रक्रिया के खिलाफ भी एक मामला लंबित है। फैक्ट्री प्रबंधन ने कहीं भी सूचना दिए बिना यह नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली है। जो की स्थापित कानून का उल्लंघन है।
तहसील न्यायालय में
रियाज मोहम्मद, शोभा लाल धाकड़, शांतिलाल धाकड़, उदयराम धाकड़, मांगीलाल खारोल, कमल सिंह पवार, रतन मेघवाल, किशोर मेघवाल, मूलाराम भांबी, आदि उपस्थित रहे,
तहसीलदार मयूरी जोक
से इस संबंध में सवाल किया गया, कि पिछले 15 महीने से आपके अंतर्गत तहसील न्यायालय में सीसीआई सीमेंट फैक्ट्री के पूर्व लोडर श्रमिक का मामला लंबित है, जिसमें फैक्ट्री की संपत्ति कुर्क कर मजदूरों का भुगतान किए जाने का आदेश आपके पास सुरक्षित है, इसके बावजूद आपके द्वारा इस मामले को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं की गई,
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा मुझे यहां पर पदस्थ हुए कुछ महीने हुए हैं, मामला मेरे आने से पहले का है, फिर भी मेरे द्वारा समस्त दस्तावेज जिला कलेक्टर को भेजे जा रहे हैं उनका मार्गदर्शन प्राप्त होने के पश्चात आगे की कार्रवाई की जाएगी,घ