नीमच - जावद - बेगूं - सिंगोली - कोटा रेलवे लाइन के लिए किया जा रहा है ड्रोन सर्वे


ओमप्रकाश कसेरा
जावद रेलवे की मांग को लेकर विधानसभा क्षेत्र के निवासियों का वर्षों पुराना सपना अब सच होता हुआ दिखाई दे रहा है क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, सांसद सुधीर गुप्ता, सांसद सीपी जोशी के प्रयास से क्षेत्र वासियों को रेलवे की एक शानदार सौगात प्राप्त सकती है,

हैदराबाद की कंपनी आर वी एसोसिएट द्वारा फाइनल सर्व यहां पर किया जा रहा है, पिछले दिनों 14 मार्च से नीमच, सकराना घाटी जहां पर सीमेंट प्लांट स्थापित होना है इसके बाद खेड़ा राठौर, गांव खोर नो तोरण मंदिर से जावद जाने वाले मार्ग पर बीछण माता मंदिर के आसपास, यहां से हनुमंतिया,आटा, सरोदा, सहित आसपास के छोटे-छोटे गांव मैं नए रेल मार्ग के लिए ड्रोन कैमरे से सर्वे किया जा रहा है,वहीं नया रेल मार्ग
चडोल,पालछा, बस्सी विजयपुर, रतनगढ़ रोड से सिंगोली, रावतभाटा, से होते हुए कोटा तक हो सकता है, और इन्हीं मार्गों पर रेलवे स्टेशन स्थापित होंगे, अगर यह सर्वे फाइनल होता है तो जावद नगर वासियों के लिए रेलवे स्टेशन खौर जाने वाले मार्ग पर स्थापित हो सकता है,
सर्वे के दौरान गांव खोर नो तोरण मंदिर से आगे मुख्य सड़क के पास सफेद और लाल ऑयल पेंट से चिन्ह यानी निशान बनाया गया है, इसी प्रकार के निशान गांव हनुमंतिया के किसान प्रेमचंद धाकड़ के खेत पर एक पत्थर के पास बनाया गया है, इसी प्रकार के निशान गांव चडोल एवं सरोदा के आसपास खेतों में बनाए गए हैं, यह मार्ग 201 किलोमीटर की दूरी का हो सकता है,

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के अंतर्गत लोकसभा चुनाव से पहले पिछले वर्ष 27 फरवरी 2024 को 5 करोड़ 3 लाख 25 हजार रुपए नई रेल लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएल एस) की मंजूरी का संदर्भित पत्र डीवाई सीईसी नीमच कोटा पश्चिम रेलवे द्वारा जारी किया गया जिसमें उक्त राशि स्वीकृत की गई,
दरअसल प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का गठन 15 अगस्त 2021 को किया गया, इसके तहत 23 मार्च 2023 को रेलवे के 68 संयुक्त डिवीजन बनाए गए जिसके अंतर्गत नीमच सिंगोली बेगू रावतभाटा कोटा रेलवे लाइन का सर्वे स्वीकृत हुआ और उस समय इसके जॉइंट डायरेक्टर अभिषेक जोगावत रहे, इससे पहले भी सर्वप्रथम तत्कालीन रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12 फरवरी 2014 को रेल लाइन के सर्वे को स्वीकृति प्रदान की थी, जिसके प्रारंभिक सर्वे के लिए 22 लाख 50 हज़ार रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई थी,
और इसके बाद वर्ष 2017 के दौरान पश्चिम मध्य रेलवे जोन जबलपुर द्वारा आरईटी सर्वेक्षण शुरू करवाया गया जिसमें संभावित मार्ग नीमच से जावद, डिकेन, रतनगढ़, सिंगोली, भैसरोदगढ़, रावतभाटा, जवाहर सागर कोटा जाने वाला 140 किलोमीटर की दूरी का मार्ग दर्शाया गया, इस सर्वे की गति धीमी होने से पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा वर्ष 2018-19 के मुख्य शीर्ष (मेजर हेड) 3001 के अनुदान अनुसार पत्र क्रमांक 2, 1, 2, में चालु 40 संख्या क्रमांक 14 पर रेलवे लाइन के सर्वेक्षण के खर्च को दर्शाया गया, सर्वेक्षण का कार्य जुलाई अगस्त 2018 में पूरा होने के साथ इसकी रिपोर्ट डवू सीआर मुख्यालय जबलपुर से रेलवे बोर्ड दिल्ली को प्रेषित हो चुकी थी,
इस सर्वे से पहले 2 सर्वे स्वीकृत हो चुके हैं और यह तीसरा सर्वे है,

4 हजार लोगों ने रेलवे की मांग को लेकर किए हस्ताक्षर 31 दिसंबर 2023 को रेल संघर्ष समिति द्वारा स्थानीय रावला कुआं हनुमान मंदिर पर एक मीटिंग आयोजित की गई एवं 1 जनवरी 2024 को रेलवे लाइन के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ किया गया 15 से 20 दिनों में लगभग 4 हजार लोगों ने रेलवे की मांग के लिए अपने हस्ताक्षर किए, इस दौरान रेल संघर्ष समिति के हस्ताक्षर अभियान और रेल नहीं तो वोट नहीं जैसे आंदोलन और पत्रकारों की सक्रियता के चलते लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीमच - सिंगोली - कोटा रेल लाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण (फाइनल लोकेशन के लिए राशि स्वीकृत की गई लेकिन स्वीकृति में रेल लाइन के रुट को बदलकर नीमच - जावद -बेगूं - सिंगोली - रावतभाटा - कोटा कर दिया गया। जिससे इस मार्ग की दूरी 60 किलोमीटर अधिक हो गई है,

RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार 05 दिसंबर 2024 को यह ज्ञात हुआ कि नीमच - सिंगोली - कोटा रेल लाइन के FLS के अंतर्गत यातायात अध्ययन का कार्य जारी है जिसके पश्चात् रेल संघर्ष समिति के सदस्य सत्यनारायण ओझा, मेहबूब मेव, इब्राहीम बोहरा, सचिन सोनी एवं देवेंद्र बैरागी दिल्ली पहुंचे जहां पर इन्होंने चित्तौड़ संसदीय क्षेत्र के सांसद सी, पी, जोशी एवं मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता से चर्चा की और इस रेल लाइन के FLS का कार्य जल्द पूर्ण करवा कर इसके निर्माण के लिए राशि स्वीकृत करवाने हेतु ज्ञापन दिया, जिस पर दोनों सांसदों ने आश्वस्त भी किया। 

गोल्ड क्रेस्ट सीमेंट प्लांट के स्थापित होने से नए रेल मार्ग का निर्माण होने की संभावना प्रबल हो गई है, क्योंकि जहां पर भी उद्योग स्थापित होते हैं वहां पर क्षेत्र का विकास होने के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं सिर्फ आम जनता की सुविधा के लिए यात्री रेल गाड़ी का संचालन करना रेल विभाग के लिए संभव नहीं है, रेलवे को मालगाड़ी के संचालन से आय प्राप्त होती है इसलिए नीमच कृषि उपज मंडी एवं नए सीमेंट प्लांट से रेलवे को जोड़ा जाएगा और इसका फायदा विधानसभा क्षेत्र के निवासियों को होगा, अन्यथा रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार नीमच सिंगोली - कोटा रेल परियोजना की फिजिबिलिटी माइनस 6% है जो कि इस रेल परियोजना के लिए भविष्य में हानिकारक हो सकती है। 
किन्तु यह सरे समीकरण तब बदल गए जब नीमच के सगराना में बनने जा रहे गोल्ड़क्रेस्ट सीमेंट के 4000 करोड़ के प्लांट का शिलान्यास मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 01 मार्च 2024 को वर्चुअल रूप से किया। आपको बता दें कि गोल्ड़क्रेस्ट सीमेंट कंपनी नीमच के सागराना में 10 हज़ार मेट्रिक टन प्रति दिन क्षमता वाला सीमेंट स्थापित कर रही है जिसका प्रारंभिक कार्य शुरू हो चुका है। हाल ही में गोल्ड़क्रेस्ट सीमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर आर एस जोशी पिछले महीने भोपाल में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी मिले। 

नीमच -सिंगोली - कोटा रेल लाइन का कार्य होता है तो इस रेल मार्ग से गोल्ड़क्रेस्ट सीमेंट कोयला, पेट कॉक, जिप्सम, फ्लाई ऐश, स्टोन और रेड मड का इनवर्ड ट्रैफिक एवं सीमेंट और क्लिंकर का आउटवर्ड ट्रैफिक देगी जिससे रेलवे को सालाना 800 से 1000 करोड़ का रेवेन्यू होने का अनुमान लगाया जा रहा है। उपरोक्त जानकारी देते हुए रेल संघर्ष समिति के इब्राहीम बोहरा और सचिन सोनी ने बताया कि यदि नीमच -सिंगोली - कोटा रेल लाइन का कार्य पूर्ण किया जाता है तो इससे रेलवे को घाटा होने की संभावना नहीं है क्योंकि क्षेत्र में बढ़ते हुए औद्योगिक निवेश को देखते हुए वर्तमान रूट से कई गुना अधिक फायदा होगा। आपको बता दें कि प्रस्तावित रूट पर वर्तमान में आदित्य बिरला ग्रुप का विक्रम सीमेंट प्लांट, कोटा थर्मल पॉवर प्लांट, रावतभाटा का परमाणु ऊर्जा प्लांट और नीमच की नई कृषि उपज मंडी पहले से है। 

सांसद सीपी जोशी से कल गुरुवार शाम 6:30 पर इस संबंध में चर्चा करने का प्रयास किया वह किसी मीटिंग में व्यस्त थे इसलिए उनसे चर्चा नहीं हुई, जबकि सांसद सुधीर गुप्ता एवं क्षेत्रीय विधायक ओमप्रकाश सकलेचा का फोन कवरेज से बाहर था,

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