नीमच - सिंगोली - कोटा की बजाय जावद रोड - सिंगोली - रावतभाटा - कोटा रेल परियोजना पर चिंतन शुरू हो

जावद विधानसभा क्षेत्र की नीमच-सिंगोली-कोटा रेल लाइन की मांग 50 साल से कागजों में दफन है। नागरिकों ने कई बार इसकी खातिर आवाज बुलंद की, लेकिन हर बार की तरह मुद्दा व जनता की सुविधा को दरकिनार कर दिया गया।

कभी सर्वे गलत रेल मंडल को आवंटित कर दिया जाता है तो कभी ट्रैफिक की कमी बता कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है, जबकि हजारों लोग इस रेल परियोजना से वंचित होने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते रहे हैं।

सर्वे में बताया जाता है कि इस रेल लाइन को डालने में जितना खर्च आएगा उसकी रिकवरी के लिए पर्याप्त ट्रैफिक की कमी है।

तो इसका समाधान निकालते हुए, रेल संघर्ष समिति, जावद नीमच सिंगोली के सदस्य इब्राहिम बोहरा ने यह सुझाव दिया है की उपर्युक्त रेल मार्ग को नीमच - सिंगोली - कोटा की बजाय जावद रोड - सिंगोली - रावतभाटा - कोटा के रास्ते बनाया जाए।

दरअसल नीमच - निमाबहेड़ा रेल मार्ग के मध्य जावद रोड स्टेशन के पास से एक लाइन दोनो ट्रैक को कनेक्ट करती हुई विक्रम सीमेंट वर्क्स, खोर तक जाती है, जिसकी नीमच से दूरी करीब 17 किलोमीटर है। अब चूंकि नीमच से कोटा की दूरी वाया नए रेलमार्ग करीब 140 - 150 किलोमीटर मानी जा रही है जो कि वर्तमान में 240 किलोमीटर है तो इस नए संशोधन के ज़रिए 10 से 15 किलोमीटर की दूरी और कम हो जायेगी जिससे शासन का 15 किलोमीटर लाइन बिछाने का खर्च और कम हो जायेगा।

और चूंकि विक्रम सीमेंट वर्क्स, जो की एशिया का सबसे बड़ा सीमेंट प्लांट है और वह कोटा और रावतभाटा जैसे शहरों से सीधे जुड़ सकेगा तो नीमच जिले के विकास को तो जैसे नए पर लग जायेंगे, साथ ही साथ निंबाहेड़ा से भी जुड़ाव होने से जे के सीमेंट, वंडर सीमेंट आदि कई दूसरे बड़े उद्योगों को भी लाभ होगा।

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