*चतुर्थ दिवस श्रीमद्भागवत कथा मैं कृष्ण जन्म का वर्णन किया गया*
टहरौली के ग्राम सेमरी कछियान मैं चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा मैं चतुर्थ दिवस मंगलवार को श्री कृष्ण भगवान का जन्मोत्सव का वर्णन बड़े धूमधाम से मनाया गया।जन्म होते ही भक्त जमकर झूमे। कथा वाचक पंडित श्री परम पूज्य गुरुदेव संतोष व्यास महाराज ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते जाते हैं। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये। वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे। पंडित संतोष व्यास जी महराज जी ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्या रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर फेकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है भयभीत कंस खीजता हुआ महल की ओर चला गया
अंत मैं सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया