देवभूमि पहाड़ में लगातार बढ़ते अपराध के कारण स्थानीय जनों में है आक्रोश...

छलकपट धोखा आखिर कब तक सहन करेगा देवभूमि  ??   
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देवभूमि उत्तराखंड में अब स्थानीय निवासियों द्वारा भारी आक्रोश व्यक्त क्यों किया जा रहा  समुदाय विशेष के अपराधियों के प्रति   

देवभूमि सभी के लिए सदा शांत सौम्य एवं सुरक्षित रही है और इसी का खूब फायदा उठाया है बाहरी व्यक्तियों ने,  
राज्य बनने के बाद विशेष समुदाय के लोगों का देवभूमि में जमघट लगने लगा और यह जमघट नेताओं की कृपा से बढ़ने लगा ।      

और धीरे-धीरे अपराध की घटना बढ़ने लगी विशेषकर महिला अपराध चोरी डकैती एवं गुंडागर्दी में भी इसी विशेष समुदाय के अपराधी पकड़ में आकर इनका चेहरा सामने आया है,        

स्थानीय भोले भाले लोगों ने कई बार माफ करके शांति सौहार्द भाईचारा का वातावरण बनाए रखा किंतु जब घटनाएं लगातार बढ़ने लगी तो फिर इस प्रकार स्थानीय जनों का उनके प्रति विश्वास समाप्त होता जा रहा और विगत चार-पांच वर्षों से लगातार इनके द्वारा अपराधों में वृद्धि होती जा रही,   
उत्तराखंड के नगर शहरी क्षेत्र में तो किसी भी अपराधिक घटना का ज्यादा पता नहीं लगता किंतु पहाड़ी क्षेत्रों में जल्दी ही सूचना संज्ञान हो जाता है जिस कारण लगातार इसी समुदाय के जनों द्वारा स्थानीय जनों के साथ खुलेआम मारपीट भी हो रही है गोचर की घटना अभी ताजा है, 
इस प्रकार निश्चल शांत पहाड़ को हिमालय को बार-बार छेड़ने का प्रयास हुआ है, शांति सौहार्द को बिगड़ने का प्रयास हुआ जिसका परिणाम दिन प्रतिदिन जन आक्रोश के रूप में दिखाई दे रहा है।    
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(देवभूमि पहाड़ से भरत  "निष्पक्ष")

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