काव्य धारा प्रवाह मंच पर, पूर्वजों को श्रद्धांजलि के साथ साथ, देश के वीर शहीदों को भी नमन किया गया।

भोपाल :- Facebook पर Live कवि सम्मेलन आयोजन में इस बार, श्राद्ध पक्ष में, पूर्वजों के सम्मान में और देश के वीर शहीदों के सम्मान में कविताएं पढ़ी गई और साथ ही, अलग अलग विषय पर, साहित्यकारो ने, अपनी लेखनी और कविता का शानदार प्रदर्शन किया।काव्य धारा प्रवाह मंच के अध्यक्ष, आदरणीय श्री दौलत सिंह ठाकुर जी और संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल जी ने, भारत पत्र के रिपोर्टर अनुरुद्ध कौरव से, साझा वार्तालाप करते हुए बताया कि, इस बार का कार्यक्रम, किसी भी विषय से मुक्त रखा गया था, मंच पर देश के जाने माने कविर्विदो ने इस बार मंच से, बहुत ही शानदार प्रस्तुतियां प्रदान की।
इस बार के कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन, काव्य धारा प्रवाह के अध्यक्ष, श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने संभाली हुई थी, उन्होंने कार्यक्रम का आरंभ, साहित्यकारो, काव्य धारा प्रवाह की टीम के परिचय के साथ करते हुए किया।
श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने सर्वप्रथम, मंच पर सरस्वती वंदना के लिए, प्रयागराज उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ कवयित्री आदरणीया पुष्पा श्रीवास्तव जी को आमंत्रित किया ओर उन्होंने, बड़े ही सुंदर भावो के साथ, मां सरस्वती जी की वंदना करके, कवि सम्मेलन का शुभ आरंभ किया।
मंच पर सर्वप्रथम वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला झड़बड़े मीता जी को काव्य पाठ के लिय आमंत्रित किया गया, जिन्होंने"सात स्वरो के सप्तक सा है, जीवन मधुरिम ज्ञान।
"जैसी बहुत प्यारी रचना सुनाई, ओर जीवन के अलग अलग भावों को, शब्दो में उतारा।इसके बाद उन्होंने,"भाव ह्रदय की गलियों में जब, विचरण करने आते है।"जैसी रचना में, शब्दो के विभिन्न चरित्रों को, शब्दो में पिरोकर और, लयबद्ध तरीके से, श्रोताओं को सुनाया। मध्य प्रदेश के अधिवक्ता एवं कविर्विद श्री सुनील स्वामी जी को आमंत्रित किया गया, उन्होंने"गुरु वशिष्ठ की सीख,राम कथा का सार है।
"जैसे शब्द संचयन वाली अदभुत रचना सुनाई, जिसमे उन्होंने अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हुए, भगवान से, उनकी सद्गति एवं स्वयं के कल्याण की प्रार्थना की। इनको इस रचना को सुनकर, सभी श्रोता, दर्शक एवं साहित्यकारो ने, अपने अपने पूर्वजों को नमन करते हुए, प्रभु श्रीराम जी के जय जयकार की।
काव्य धारा मंच पर, अगले पायदान पर बारी आई, भोपाल के मशहूर गजल सम्राट, साहित्यकार, लेखक एवं कवि, आदरणीय श्री कमलेश "नूर" जी ने अपने काव्य पाठ में, बहुत सुंदर, बहुत ही प्यारे और लाजवाब करने वाले, बहुत से शेर सुनाए,जिसमे से कुछ शेर, इस प्रकार रहे।
"मां भारती की आंखों के तारे शहीद है।"इस प्रकार के कई सारे शेर, देश के वीर शहीदों के लिए कमलेश नूर जी ने सुनाए।
श्री कमलेश नूर जी ने, हमारी मातृ भाषा हिंदी पर सुनाया और इसके बाद उन्होंने कई सारे प्यारे मुक्तक सुनाए जिसमे, सबसे शानदार रहा "राम* शीर्षक पर, जिस को सुनकर माहौल भक्तिमय हो गया।इसके बाद, प्रभु श्रीराम जी जन्मस्थली उत्तर प्रदेश ओर त्रिवेणी स्थल, प्रयाग राज की वरिष्ठ कवयित्री का नंबर आया,उन्होंने "परिवर्तन" नामक शीर्षक पर एक रचना ओर इसके बाद दूसरी एक प्यारी सी रचना सुनाई।"परिवर्तन को स्वीकार करो!""जो जीवन में प्रतिपल को घटता है।
"""परिवर्तन को स्वीकार करो।।"दूसरी रचना रही,"फौजी देश की शान है।
""मान है, अभिमान है।
"आदरणीया पुष्पा जी के बाद, कार्यक्रम के शिखर पर, काव्य धारा प्रवाह मंच के अध्यक्ष, समाज सेवी, मंच संचालक, कविर्विद एवं श्रीरामचरितमानस के व्याख्याकार आदरणीय श्री दौलत सिंह ठाकुर जीजी ने बारी आई,"सत्ता बदली क्या क्या बदला, इसको आज बताते है।
""2014 से पहले की हम, व्यथा आज सुनाते है।।"इस रचना में श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने, राजनैतिक परिदृश्य को समाहित करते हुए, 2014 से पहलें के भारत और, 2014 के बाद के भारत में हुए बदलावों पर, बहुत ही तेज धारदार कटाक्ष करते हुए, पूरे सामाजिक परिवर्तन को, आसान तरीके से समझा दिया, जिसे सुनकर सभी वाह वाह करते हुए, करताल ध्वनि से, श्री दौलत सिंह ठाकुर जी का सम्मान करने लगे।
काव्य धारा प्रवाह मंच की संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल जी ने और मंच अध्यक्ष एवं संचालक जी ने, मंच को साझा करने वाले सभी साहित्यकारों का अभार प्रकट किया ओर विधिवत कार्यक्रम का समापन किया।
भारत पत्र के रिपोर्टर अनुरुद्ध कौरव से वार्तालाप के दौरान श्रीमती पायल पटेल जी ने बतलाया कि, उनका काव्य धारा मंच, आगामी कार्यक्रम में, मां शारदे के नवरात्रि महोत्सव के परिपेक्ष मे, माता के नवरूपो की लीलाओं कथाओं और सम सामयिक विषयों पर आधारित, कवि सम्मेलन रखेंगे।
श्रीमती पायल पटेल ने बतलाया कि, उनके काव्य धारा प्रवाह मंच का प्रयास है कि वे, देश के जन जन तक पहुंचे और, उनका यह मंच, इस प्रयास में लगातार प्रगति कर रहा है। 
अब तक उनके Live कार्यक्रम में, देश के लगभग सभी राज्यों के वरिष्ठ एवं विशिष्ठ एवं नवोदित साहित्यकार हिस्सा ले चुके हैं और, लगातार नई नई विधा में पारंगत साहित्यकार, उनके मंच से जुड़ते जा रहे है। 
ओर इस सबका श्रेय उन्होंने, साहित्यकारो, दर्शको, उनके Page के सदस्यों और मीडिया के अभिन्न अंग भारत पत्र को धन्यवाद देते हुए, सभी का आभार प्रकट किया ओर आशा जताई कि, आप सभी ऐसे ही भविष्य में उनके मंच से जुड़े रहेंगे और काव्य धारा प्रवाह के साथ, ऐसे ही काव्य का आनंद लेते रहेंगे।

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