व्यापारी संघ की सक्रियता से खुले बाजार अब कन्टेनमेंट को है किसका इंतज़ार?

जावद नगर में कोरोना से बड़ी आपदा जिला प्रशासन का मनमाना लॉक डाऊन बनकर उभरा है, नगर वासियो को राशन किट के नाम पर मज़ाक परोसा जा रहा है, वार्ड संख्या के लगभग दुगने कन्टेनमेंट बने हुए है, बाजार खोलने के नाम पर झूठी तसल्ली दी जा रही है, गांवो की ग्राहकी है मालूम होने के बावजूद सीमाएं सील कर रखी है, डॉक्टर को कंधे का दर्द बताओ तो बोलते है कोरोना का टेस्ट करवा लो।

कहीं ये किसी बड़ी साजिश का नतीजा तो नहीं?

कहीं कोई घोटाला तो नहीं चल रहा?

अब ये बात तो भगवान ही जाने लेकिन जावद की जनता में आक्रोश फुट फुट कर बाहर आता दिखाई दे रहा है, कहीं सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन के खिलाफ पोस्ट कर रहे हैं तो कहीं सड़क पर निकल कर।
 कुछ निवासियों ने तो चेतावनी तक दे डाली है कि अगर प्रशासन अब नए नियम आने के बावजूद कन्टेनमेंट नहीं खोलता है तो उसे जनाक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। ज्ञात रहे कि नए नियम के अनुसार कन्टेनमेंट की अवधि 5 दिन है जबकि जावद के कन्टेनमेंट महीनों पुराने हो चुके है।

मज़े की बात तो यह है कि इस बीच दोनो ही मुख्य पार्टियों के जन प्रतिनिधि नदारद दिखाई दिए हैं, जबकि नगर पंचायत के चुनाव समीप है।

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