लखनऊ पुस्तक मेला प्रारम्भ, माध्यम बदल जाये पर किताबों का महत्व कम नहीं होगा : सुशील कुमार


 लखनऊ पुस्तक मेला प्रारम्भ, माध्यम बदल जाये पर किताबों का महत्व कम नहीं होगा : सुशील कुमार


ईशा-मीशा के कथक ने सजायी सांझ


लखनऊ, 1 मार्च। रवीन्द्रालय चारबाग लॉन में आज से नौ मार्च तक चलने वाला लखनऊ पुस्तक मेला प्रारम्भ हो गया। मेले का उदघाटन यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशीलकुमार ने किया। इस मेले में बाल साहित्य थीम पर आधारित साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों का सिलसिला भी प्रारम्भ हो गया।


सुशील कुमार ने कहा कि किताबों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता, माध्यम जरूर बदल सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आज जरूरत है किताबों को डिजिटल में लाने की। कुछ प्रकाशकों ने यह काम शुरू भी कर दिया है।


इस मेले में देश भर के प्रकाशकों के स्टाल लगाए गए हैं। इनमें भारतीय कला प्रकाशन दिल्ली, दिव्यांश पब्लिकेशंस लखनऊ, पद्म बुक कंपनी दिल्ली सहित कई अन्य प्रकाशक शामिल हैं।


मेले के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। इनमें रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा की कथक संरचना मेरे रघुवर का प्रदर्शन विशिष्ट रहा। इसके अलावा, अगीत परिषद और नवसृजन संस्था के संयोजन में सम्मान व काव्य समारोह का आयोजन भी हुआ।


मेले के सांस्कृतिक मंच पर आज कार्यक्रमों की शुरुआत अगीत परिषद और नवसृजन संस्था के संयोजन में सम्मान व काव्य समारोह का आयोजन हुआ। रूपा पाण्डेय शतरूपा की वाणी वंदना से प्रारम्भ समारोह में महेशचन्द्र द्विवेदी, प्रो. ऊषा सिन्हा, सुल्तान शाकिर, ओम नीरव व उमेशचन्द्र आदि ने भाग लिया।


शाम को संकल्प फाउण्डेशन के कलाकारों से शशि सिंह के संयोजन में संगीत की महफिल सजायी। पृथ्वी इनोवेशन की ओर से पर्यावरण विषयक रोचक प्रतियोगिताओं का दौर चला।


मेले में 2 मार्च को पूर्वाह्न 11ः00 बजे आभूषण काव्यात्मक अभिव्यक्ति पटल की काव्य गोष्ठी होगी। दोपहर 12ः30 बजे बच्चों और युवाओं के कार्यक्रम होंगे। अपराह्न 3ः30 बजे पुस्तक लोकार्पण निखिल प्रकाशन होगा। शाम 5ः00 बजे पुस्तक लोकार्पण कोई नया नाम दो महेन्द्र भीष्म होगा।

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