कब्रिस्तान के गेट का ताला तोड़ने का विरोध
शहर काजी ने कहा तोड़फोड़ करना गलत है
ओमप्रकाश कसेरा
जावद कब्रिस्तान के मुख्य गेट का ताला तोड़ने की शिकायत कल गुरुवार को पुलिस थाने पहुंची, शहर काजी ने तोड़फोड़ को बताया गलत, पुलिस मामले की जांच कर रही है कुछ लोगों ने कहा मुख्य गेट पर ताला नहीं लगना चाहिए,
स्थानीय अठाना दरवाजा बाहर धनेरिया जाने वाले मार्ग पर स्थित कब्रिस्तान के मुख्य गेट पर ताला लगाए जाने के विरोध में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान एसडीएम प्रीति संघवी के समक्ष हाजी ख्वाजा हुसैन मेवा फरोश, सैयद बशीर पहलवान, हाजी जमाल खान, हाजी सुलेमान अहमद छिपा, गफ्फार खान, जाकिर हुसैन एवं नारू शाह के द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसने यह मांग की गई, आम मुस्लिम कब्रिस्तान की व्यवस्थाएं संभाल रहे व्यक्तियों द्वारा कब्रिस्तान के मेंन गेट पर ताला लगा दिए जाने से समाज जनों को कब्रिस्तान के अंदर आने जाने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, अतः श्रीमान से निवेदन है कि अठाना दरवाजा बाहर स्थित आम मुस्लिम कब्रिस्तान के अंदर सभी मुस्लिम बिरादरियों के परिवारों में इंतकाल होने पर उन्हें दफन करने के लिए ले जाया जाता है, वर्षों से उक्त कब्रिस्तान की व्यवस्थाएं समय-समय पर संभालने वाले व्यक्ति बदले जाते रहे, इसके बावजूद कभी भी पुराने समय से उक्त गेट पर किसी के द्वारा ताला नहीं लगाया गया, परंतु पिछले डेढ़ महीने से कब्रिस्तान की व्यवस्थाए संभाल रहे लोगों द्वारा पुलिया के पास से कब्रिस्तान के अंदर दाखिल होने वाले गेट पर ताला लगा दिया गया और इसके पास में एक लोहे की चकरी फिटिंग की गई है, जिससे कब्रिस्तान के अंदर एक एक व्यक्ति ही दाखिल हो सकता है, ऐसे समय कब्रिस्तान के अंदर मुस्लिम समाज के समाज जनों को अपने महरूमो की कब्र पर फातिहा दरूद करने के लिए अपने वाहन कब्रिस्तान के बाहर मुख्य गेट पर ही खड़े करने पड़ रहे हैं, और वह डेढ़ किलोमीटर दूर पैदल चलकर अपने मेहरूमो की कब्र तक पहुंच रहे हैं, जिससे कई बुजुर्गों ने कब्रिस्तान जाना बंद कर दिया, जब मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा कब्रिस्तान के मुख्य गेट से ताला हटाए जाने के लिए कहा गया तो किसी के द्वारा भी ताला नहीं हटाया गया, ज्ञापन देकर एसडीएम से कब्रिस्तान के मुख्य गेट का ताला खुलवाने की मांग की गई थी,
पुलिस थाने पहुंचा मामला, कल गुरुवार को पुलिस थाने पर थाना अधिकारी के नाम से शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें कानूनी दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग करते हुए प्रार्थी की ओर से यह दर्शाया गया कि
वह जावद निवासी होकर ईदगाह कब्रिस्तान कमेटी का सदस्य है, गुरुवार को प्रातः 7 बजे सदर जुबेर भाई मुल्तानी प्रतिदिन की तरह ईदगाह एवं कब्रिस्तान पहुंचे, जहां पर उन्होंने देखा कि कब्रिस्तान के बाहर मुख्य गेट के ताले एवं साकल कटे हुए है, ऐसी घटना पूर्व में भी हो चुकी है जिससे उन्ही लोगों पर आशंका होने से पूर्व में भी इस घटना को अंजाम देने वाले व्यक्तियों का नाम इस प्रकार है, नारू शाह पिता बाबू शाह, बशीर पहलवान, के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर उचित दंडात्मक कार्रवाई की जावे,
शहर काजी आदिल रजा
से इस संबंध में चर्चा की गई, उनसे सवाल किया गया कब्रिस्तान के मुख्य गेट पर ताला लगाए जाने का विरोध हो रहा है, और मामला पुलिस थाने तक पहुंच चुका है,
उन्होंने अपने जवाब में कहा कब्रिस्तान ईदगाह के विषय में जो बातें सामने आई है, उसमें आम मुस्लिम समाज के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठकर इस मसले को हल किया जाएगा,
सामाजिक मुद्दे समाज के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठकर ही हल किया जा सकते हैं, इस प्रकार आवेदन देना और तोड़फोड़ करना गलत बात है यह ठीक नहीं है,
कब्रिस्तान कमेटी के सदर, जुबेर मुल्तानी से इस मामले को लेकर संपर्क किया गया उन्होंने कहा प्रतिदिन की तरह कल गुरुवार को प्रात 7 बजे ईदगाह कब्रिस्तान पहुंचा, तो मैंने देखा मुख्य गेट पर ताला एवं साकल टूटी हुई थी, इसकी जानकारी मेरे साथी पूर्व पार्षद शाकिर अंसारी एवं समाज जनों को दी, आपसी सलाह मशवरा करने के बाद पुलिस थाने पर शिकायत की गई, मेरा यह कहना है जब बशीर भाई, नारू शाह आदि के द्वारा प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम के समक्ष ज्ञापन दिया गया है, तो फिर इस प्रकार किसी के द्वारा मुख्य गेट पर ताला एवं साकल तोड़ने का कार्य नहीं करना चाहिए,
पूर्व पार्षद शाकिर पिता अख्तर हुसैन अंसारी निवासी बड़ी होली मोहल्ला ने बताया कि मेरे द्वारा पुलिस थाने पर थाना अधिकारी को शिकायत पत्र दिया गया है जिसमें यह बताया गया है कि कब्रिस्तान के अंदर जाने वाले मुख्य गेट पर ताला एवं साकल तोड़ दिए गए हैं, ताला तोड़े जाने को लेकर जिन लोगों के ऊपर शक है उनके नाम शिकायत पत्र में लिखे गए हैं,
सैयद बशीर पहलवान
से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, उन्होंने कहा वर्ष 1993 के दौरान मेरे द्वारा कब्रिस्तान के अंदर 200 से अधिक पौधे लगाए गए, जो आज बड़े हो चुके हैं और मैं स्वयं कब्रिस्तान कमेटी का सदर रहा हूं, मेरे द्वारा कब्रिस्तान में बाउंड्री वॉल निर्माण से लेकर कई कार्य करवाने के प्रयास किए गए, ताला तोड़ने का जो आरोप मुझ पर लगाया जा रहा है, वह निराधार होकर झूठा है,
नारू शाह से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया
उन्होंने कहा मुझे कब्रिस्तान के अंदर जाने के दौरान परेशानी हो रही थी, उस समय 2 महीने पहले कब्रिस्तान कमेटी के सदर और सभी सदस्यों को जानकारी देने के बाद मेरे द्वारा ताला हटा दिया गया था, अभी वर्तमान समय में बुजुर्गों को कब्रिस्तान के अंदर जाने के लिए परेशानी हो रही है, और मैंने कब्रिस्तान के अंदर जाना ही बंद कर दिया, कल गुरुवार को मुझ पर ताला तोड़ने का आरोप लगाया गया वह गलत होकर झूठा है क्योंकि मैं पिछले 2 महीने से कब्रिस्तान नहीं पहुंचा हूं,
थाना अधिकारी जितेंद्र वर्मा से इस विषय में चर्चा करने का प्रयास किया, उनका फोन कवरेज एरिया से बाहर होने के कारण उनसे चर्चा नहीं हुई, इसके बाद पुलिस थाने से जानकारी प्राप्त की गई, पुलिस थाने पर पदस्थ आरक्षक अंकित सिंह के द्वारा बताया गया कि कब्रिस्तान के मुख्य गेट का ताला तोड़ने के संबंध में शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है पुलिस इस मामले की जांच करेगी, फिलहाल किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है,