राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े की सगतड़ा गांव यात्रा: मित्र के साथ पुरानी यादें ताज़ा करते हुए चाय की चुस्की

 राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े की सगतड़ा गांव यात्रा: मित्र के साथ पुरानी यादें ताज़ा करते हुए चाय की चुस्की


उदयपुर, 8 फरवरी – राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 428वीं पुण्यतिथि पर बंडोली स्थित समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के पश्चात सगतड़ा गांव का विशेष दौरा किया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपने 40 साल पुराने मित्रों से मिलकर पुरानी यादें ताज़ा कीं और चाय की चुस्कियों के बीच अनौपचारिक चर्चा की।


मित्रों से पुनर्मिलन: जोशी परिवार के साथ आत्मीय भेंट


राज्यपाल बागड़े अपने पुराने मित्र स्वर्गीय भगवान जोशी के पुत्र मोहन जोशी और हरिराम जोशी से विशेष रूप से मिले और उनके हालचाल पूछे। उन्होंने नरेंद्र जोशी के साथ गर्मजोशी से बातचीत की, जो कि उनके करीबी मित्रों में से एक हैं।


इससे पूर्व, हेमराज जोशी के घर पर राज्यपाल का पारंपरिक मेवाड़ी रीति-रिवाजों के अनुसार भव्य स्वागत किया गया। यहां उन्हें विधि सत्यम की ओर से राम कृष्णा हरि विट्ठल भगवान की तस्वीर भेंट की गई, जिसे देखकर वे अत्यंत प्रसन्न हुए।


मराठी में चर्चा और पुरानी यादों का दौर


राज्यपाल बागड़े लगभग 12 मिनट तक अपने मित्रों के साथ रुके और मराठी भाषा में चर्चा की। उन्होंने अपनी पुरानी यादें साझा कीं और कृषि, समाज और राजनीति से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी लिया और अपने मित्रों के आतिथ्य की सराहना की।


एक किसान से राज्यपाल बनने तक का सफर


दिलचस्प बात यह है कि राज्यपाल बागड़े राजनीति में आने से पहले एक किसान थे। जब वे मंडी में सब्जियां बेचने जाते थे, तब उनकी मुलाकात संभाजी नगर (महाराष्ट्र) के जोशी परिवार से हुई थी। जोशी परिवार वहां होटल व्यवसाय संचालित करता था, और बागड़े अक्सर उनके होटल पर आते थे। यहीं से उनकी मित्रता की नींव रखी गई, जो आज भी उतनी ही प्रगाढ़ है।


राज्यपाल बागड़े का जीवन परिचय


श्री हरिभाऊ बागड़े का जन्म 17 अगस्त 1945 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के फुलंबरी कस्बे में हुआ। वे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। हाल ही में उन्हें राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया।


यात्रा के मायने और भावनात्मक जुड़ाव


सगतड़ा गांव यात्रा के दौरान राज्यपाल बागड़े के चेहरे पर एक अलग ही आत्मीयता झलक रही थी। वर्षों बाद अपने पुराने मित्रों से मिलना उनके लिए एक भावनात्मक क्षण रहा। उन्होंने कहा कि पुरानी दोस्ती किसी अनमोल खजाने से कम नहीं होती और इस यात्रा ने उनके जीवन की अनमोल यादों को पुनर्जीवित किया है।


— संवाददाता डॉ अविनाश जोशी, सलुंबर

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