शाहपुरा - 12 वर्षीया श्रेया कुमावत बनी पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा - स्वामी जगद्गुरु रामदयाल जी महाराज

शाहपुरा। अंतर्राष्ट्रीय फूलडोल महोत्सव के भव्य मंच पर 12 वर्षीय ग्रीन लिटिल बेबी श्रेया कुमावत को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए जगद्गुरु रामदयाल जी महाराज द्वारा सम्मानित किया गया। नन्हीं उम्र में बड़ी सोच रखने वाली श्रेया ने यह सिद्ध कर दिया कि उम्र छोटी हो या बड़ी, संकल्प और समर्पण बड़े होने चाहिए। श्रेया ने न केवल स्वयं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया, बल्कि अपने प्रयासों से बच्चों, युवाओं और समाज को भी जागरूक किया। सम्मान स्वरूप जगद्गुरु रामदयाल जी महाराज ने श्रेया को स्वामी रामचरण जी महाराज की कृति भेंट की और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्रेया ने मंच पर बैठे सभी संतों एवं देशभर से पधारे रामस्नेह सम्प्रदाय के संतों के चरणों में ह्रदय से आभार व नमन किया। मंच से अपने संबोधन में श्रेया ने कहा, "आओ हम सब मिलकर इस धरती माता को हरा-भरा बनाएं। पेड़ लगाएं, जीवन बचाएं।" उनके इस सन्देश को सुनकर पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सभी संतों ने श्रेया की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया। छोटी सी उम्र में बड़ा कार्य कर दिखाने वाली श्रेया आज देश के बच्चों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।

संवाददाता पंकज कुमार गुप्ता जालौन उत्तर प्रदेश

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