क्या कांग्रेस की हार का कारण है, शुभचिंतक
ओमप्रकाश कसेरा
जावद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने बताया कि वह पार्टी उम्मीदवार की जीत को हर हाल में देखना चाहते हैं, परंतु पार्टी के नेता ही आपसी गुटबाजी में उलझ रहे जिससे पार्टी कांग्रेस को नुकसान हो सत्ताधारी दल के नेता भी यही चाहते हैं, गुट बाजी की राजनीति के कारण पिछले 21 वर्षों से कांग्रेस सत्ता से बाहर है,
भाजपा में जो हालात थे वह आज कांग्रेस में हो गए हैं, वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव से पहले यहां पर पटवा एवं सकलेचा समर्थको मैं आपसी गुट बाजी करती थी, जिससे वर्ष 1993 एवं 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे, घनश्याम पाटीदार को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जीत प्राप्त होती रही, और इसी दौरान दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल में उन्होंने सामान्य प्रशासन मंत्रालय संभालते हुए, नगर में आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज की आधारशिला रखी जिससे आज छात्रों को पढ़ाई के साथ रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं, परंतु मध्य प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा एवं सुंदरलाल पटवा के निधन के बाद गुटबाजी लगभग समाप्त हो गई, और गुट बाजी नहीं होने के कारण भाजपा आज कांग्रेस पार्टी से अधिक मजबूत स्थिति में दिखाई देती है,
कांग्रेस में गुट बाजी के क्या कारण है, जो गुट बाजी भारतीय जनता पार्टी में हुआ करती थी, वही गुट बजी आज कांग्रेस के पतन का कारण बन रही है, क्योंकि कांग्रेस के मौजूदा नेता विधानसभा चुनाव के दौरान अपने ही साथी की जीत को देखना नहीं चाहते हैं, कांग्रेस पार्टी के साथ रहकर पार्टी को धोखा देने वाले नेता यही चाहते हैं कि मैं विधानसभा का चुनाव हार गया तो तुम्हें भी विधानसभा का चुनाव जितने नहीं दूंगा, और इसी प्रकार अंदरूनी तौर पर कांग्रेस को कमजोर करने की रणनीति पर कार्य किया जाता है, जिसका प्रमाण सामने नहीं आता है, और यह प्रचारित किया जाता है कि यहां पर विपक्ष कमजोर है, फूट डालो और राज करो कि इस रणनीति में सत्ताधारी दल के नेता कांग्रेस नेता के साथ सम्मिलित हो सकते हैं, यही कारण है कि कांग्रेस के नेता स्थानीय मुद्दों को लेकर प्रभावी तरीके से विरोध नहीं करते हैं, औपचारिक रूप से विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कार्यों में रुकावट होती है परंतु कांग्रेस नेताओं के सभी कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट नहीं होती है और इसे कहते हैं आपसी समझौते यानी गठबंधन की राजनीति जो यहां पर जारी है,
वर्ष 1952 से 2023 तक लगभग 47 भाजपा का शासन रहा, वर्ष 2028 तक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल को यहां पर 50 वर्ष से भी अधिक हो जाएंगे, अगर हम कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक सफर को देखें तो कांग्रेस पार्टी का 25 वर्ष शासन रहा, और वर्ष 2003 से 2023 तक लगातार 5 विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी आपसी गुट बाजी के कारण हार चुकी है, कांग्रेस में यह गुट बाजी पहले नहीं हुआ करती थी, कांग्रेस पार्टी के बागी नेता चुनावी मैदान में रहे जिससे गुट बाजी बढ़ गई, और निर्दलीय प्रत्याशियों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग मिलता रहा, जिससे कांग्रेस के नेताओं पर कभी पैसे लेकर सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए कार्य करने के आरोप लगाते हैं, तो कभी किसी नेता का ऑडियो वीडियो वायरल होता है कि वह सत्ता पक्ष के लिए कार्य कर रहे हैं, अब ऐसे नेताओं से कांग्रेस पार्टी क्या उम्मीद रखेगी यह तो आने वाला समय बताएगा, विधानसभा चुनाव में जिस पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया वही नेता कांग्रेस को धोखा दे रहे हैं,
वीडियो हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो पिछले चार-पांच दिनों से वायरल हो रहा है, जिसमें विधायक ओमप्रकाश सकलेचा एक सार्वजनिक मंच पर माइक में बोलते हुए कांग्रेस पार्टी के नेता सत्यनारायण पाटीदार को अपना हमदर्द बता रहे हैं, और पाटीदार मुस्कुरा रहे हैं, हालांकि इस वीडियो की हम पुष्टि नहीं करते हैं कि यह वीडियो कहां का है, परंतु बताया जा रहा है कि यह वीडियो ग्राम झातला में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान बनाया गया, और यहीं पर रात के समय एक कांग्रेसी नेता के यहां मीटिंग हुई, कि हम सभी विरोधियों को एक रहना है, यानी विधानसभा चुनाव के 4 वर्ष पहले ही पार्टी उम्मीदवार को हराने की योजना बनाई गई, क्योंकि मैं विधानसभा चुनाव हार गया तो तुम्हें भी विधानसभा का चुनाव जितने नहीं दूंगा, इसी रणनीति पर कांग्रेस को धोखा दे रहे हैं, शुभचिंतक,