फोर्ब्स लिस्ट : भारत विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था, चौथी सबसे बड़ी सेना फिर भी स्थान 12वाँ
फोर्ब्स ने हाल ही में 2025 के लिए दुनिया के 10 सबसे ताकतवर देशों की लिस्ट जारी की है। इस सूची में अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों ने अपनी जगह बनाई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि भारत इसमें शामिल नहीं है। यह खबर न केवल चौंकाने वाली है बल्कि कई सवाल भी खड़े करती है। जिस देश की अर्थव्यवस्था दुनिया के टॉप 5 में आती है, जिसकी सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी है और जिसका राजनीतिक व कूटनीतिक प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, उसे इस लिस्ट से बाहर कैसे किया जा सकता है?
यहाँ दुनिया के टॉप 10 देशों की सूची दी गई है जो उनकी आर्थिक स्थिति (GDP), जनसंख्या, और भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर वर्गीकृत हैं:
अमेरिका: 30.34 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 34.5 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - उत्तरी अमेरिका
चीन: 19.53 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 141.9 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - एशिया
रूस: 2.2 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 14.4 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - यूरोप
यूनाइटेड किंगडम: 3.73 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 6.91 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - यूरोप
जर्मनी: 4.92 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 8.45 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - यूरोप
दक्षिण कोरिया: 1.95 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 5.17 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - एशिया
फ्रांस: 3.28 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 6.65 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - यूरोप
जापान: 4.39 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 12.37 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - एशिया
सऊदी अरब: 1.14 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 3.39 करोड़ की जनसंख्या; क्षेत्र - एशिया
इजरायल: 550.91 बिलियन डॉलर की जीडीपी और 93.8 लाख की जनसंख्या; क्षेत्र - एशिया
ये देश न केवल आर्थिक महाशक्ति हैं, बल्कि वैश्विक राजनीति और तकनीकी नवाचार में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
क्या है भारत की फोर्ब्स में पोजिशन?
फरवरी 2025 तक, भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में 12वें स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान टॉप 20 में भी कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। भारत अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था, सैन्य ताकत, और वैश्विक प्रभाव के साथ इस सूची में महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है। वहीं पाकिस्तान, जो विभिन्न आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से जूझ रहा है, इस सूची में शामिल होने में विफल रहा है।
क्या हैं फोर्ब्स की रैंकिंग के पैमाने?
फोर्ब्स ने पांच प्रमुख मानकों पर यह लिस्ट तैयार की है:
देश का नेता: राष्ट्रीय नेतृत्व का वैश्विक प्रभाव
आर्थिक प्रभाव: अर्थव्यवस्था की स्थिति और प्रभाव
राजनीतिक प्रभाव: वैश्विक राजनीति में भूमिका
अंतरराष्ट्रीय गठबंधन: वैश्विक संगठनों में भागीदारी
सैन्य शक्ति: रक्षा क्षेत्र में मजबूती
भारत की मजबूत स्थिति:
इन सभी मानकों पर अगर भारत की स्थिति देखी जाए, तो यह कई देशों से बेहतर है:
देश का नेता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है। G20, BRICS और SCO जैसे मंचों पर भारत की आवाज को गंभीरता से सुना जाता है।
आर्थिक प्रभाव: भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक है।
राजनीतिक प्रभाव: रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-गाज़ा संघर्ष जैसे मुद्दों पर भारत की तटस्थ और संतुलित भूमिका इसे एक भरोसेमंद देश बनाती है।
अंतरराष्ट्रीय गठबंधन: भारत Quad, BRICS और SCO जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समूहों का सक्रिय सदस्य है।
सैन्य ताकत: भारत की सेना दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना मानी जाती है।
तो फिर भारत लिस्ट से बाहर क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की लिस्ट कई बार राजनीतिक एजेंडा सेट करने के लिए बनाई जाती हैं। फोर्ब्स एक अमेरिकी मीडिया कंपनी है, जो बिजनेस और आर्थिक मामलों पर रिपोर्टिंग करती है। इसमें पश्चिमी देशों को अधिक तवज्जो दिए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
अमेरिका टॉप पर: अमेरिका इन रिपोर्ट्स का सबसे बड़ा फंडिंग नेशन है।
पश्चिमी देशों की प्राथमिकता: पश्चिमी मीडिया का प्रभाव इन लिस्ट्स को प्रभावित करता है।
भारत को कमजोर दिखाने की कोशिश: भारत की बढ़ती ताकत को दबाने के लिए नकारात्मक नैरेटिव बनाने की रणनीति भी हो सकती है।
आगे का क्या है रास्ता?
भारत को इन लिस्ट्स में शामिल होने के लिए नहीं बल्कि असली ताकतवर देश बनने के लिए प्रयास करना चाहिए। इसके लिए कुछ कदम जरूरी हैं:
आर्थिक मजबूती: अर्थव्यवस्था को और मजबूत करना होगा।
टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता: स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना होगा।
रक्षा क्षेत्र में निवेश: सैन्य ताकत को और अधिक बढ़ाना होगा।
वैश्विक छवि सुधार: अंतरराष्ट्रीय मीडिया और एजेंसियों में अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी।
"आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम"-
भारत को किसी की लिस्ट में शामिल होने की जरूरत नहीं है। हमें इतना ताकतवर बनना है कि लिस्ट खुद हमें शामिल करने को मजबूर हो जाए। भारत के लोगों को आत्मविश्वास के साथ अपने देश की ताकत को पहचानना चाहिए और देश के विकास में योगदान देना चाहिए।