जिला संवादाता अलताफ हुसैन
जानवरों" की "क्रूरता" देख-देख "जिम्मेदारों" की "मर" चुकी है "आत्मा"*
👉अफसरों को नजर नहीं आ रही बाकरगंज की जानवरों की बाजार
👉जाम,गंदगी,अराजकता व लोगों की परेशानियों से अधिकारियों ने मुंह में मोड़ा!
👉पहले बाकरगंज फिर बाईपास से हटवाई जा चुकी है बकरी बाजार पर भैंसा मण्डीं में मेहरबानीं!
👉अपने में ही मस्त सत्ताधारी,लोगों की समस्याओं से मोड़ा रखा है मुंह!
जानवरों की इस मंडी के बगल में बकरी बाजार भी कभी लगती थी जिसे जिला प्रशासन ने बंद करा दिया था लेकिन भैंसा मंडी के संचालकों ने अधिकारियों को न जाने कौन सी घुट्टी पिला रखी है कि पशु क्रूरता के साथ-साथ लगने वाले जाम,गंदगी व दुर्गंध से लोगों को हो रही परेशानी अफसरों को भा रही है।चाहे जितना जाम लग जाए,चाहे जितनी अराजकता हो किसी को कुछ दिखाई नहीं पड़ता और तो और यहां से हटी बकरी बाजार दिल्ली दरबार के पास बाईपास गई जहां भी जाम एवं अव्यवस्था को लेकर वहां से भी प्रशासन ने सारी औपचारिकताएं व कागजी खानापूरी पूरी होने के बावजूद बाजार को जबरन हटवा दिया गया।वहां लग रही बकरी बाजार को तो हटवा दिया गया लेकिन जानवरों की इस मंडी पर मेहरबानी बनी हुई है।