नगर परिषद करवा रही है भवन निर्माण, और कर्मचारी वेतन का इंतजार कर रहे हैं,
ओम प्रकाश कसेरा
जावद नगर परिषद के इतिहास में यह पहला कार्यकाल है जहां पर कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, और नगर परिषद नए भवन का निर्माण करवा रही है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारी वेतन का इंतजार कर रहे हैं,
क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा,एवं नगर परिषद अध्यक्ष सोहन माली के द्वारा 19 जनवरी रविवार को रामपुरा दरवाजा बाहर स्थित नगर परिषद परिसर के अंदर मौजूदा भवन के पीछे, एक करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से बनने वाले तीन मंजिला भवन के लिए भूमि पूजन किया गया, यह भवन मुख्यमंत्री आघौ रचना के अंतर्गत बनाया जाना है और इसकी स्वीकृति डेढ़ वर्ष पूर्व हो चुकी थी, पूर्व में 2 मंजिला इस भवन का निर्माण नीमच के किसी ठेकेदार द्वारा किया जाना था, नीमच के ठेकेदार का भुगतान बकाया होने से उन्होंने इसका निर्माण करने से मना कर दिया, इसके बाद योजना में फेरबदल कर तीन मंजिला भवन निर्माण की स्वीकृत प्रदेश सरकार सरकार के नगरी प्रशासन विभाग से करवाई गई, यानी कर्मचारियों को वेतन मिले या नहीं मिले परंतु किसी भी प्रकार से भवन का निर्माण करवाना है, जबकि भूमि पूजन के कार्यक्रम की हकीकत यह है, कर्मचारी नहीं चाहते हुए भी कार्यक्रम में पहुंचे क्योंकि उन्हें नौकरी करना है,
दिसंबर महीने का बकाया है, वेतन
नगर परिषद कार्यालय में 7 कर्मचारी परमानेंट जिनका वेतन 40 से 60 हजार रुपए, 23 कर्मचारी स्थाई इनका वेतन 10 से 12 हजार रुपए, नगर के अंदर एवं बावल स्थित वाटर फिल्टर प्लांट का कार्य करने वाले 50 कर्मचारी इनका वेतन 10 हजार 170 रुपए के करीब है, सफाई कर्मचारी 80 इनका वेतन 10 से 12 हजार रुपए एवं परमानेंट सफाई कर्मचारी की संख्या 8 से 10 है इनका वेतन 50 से 55 हजार रुपए है,
20 अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई जिन्हें 15 दिन के लिए 5 हजार रुपए वेतन दिया जाता है,
नगर परिषद के वर्तमान कार्यकाल में 50 अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की गई, सफाई के लिए 20 अतिरिक्त कर्मचारी जिन्हें 15 दिन कार्य के लिए 5 हजार रुपए वेतन दिया जाता है, एवं 30 कर्मचारियों की नियुक्ति नगर परिषद कार्यालय में की गई, एक कर्मचारी की नियुक्ति तो ऐसी है कि वह पहले किसी निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाकर उसके बाद उसकी ड्यूटी नगर परिषद कार्यालय में प्रारंभ होती थी यानी एक ही समय में दो जगह ड्यूटी लगती थी, फिलहाल उन्होंने स्कूल में बच्चों को पढ़ाना बंद कर दिया है, जिसका जिससे परिचय है उसने अपने करीबी की नियुक्ति नगर परिषद कार्यालय में करवा दी, और अपने करीबी को छोड़कर सभी कर्मचारी का दिसंबर महीने से वेतन बकाया चल रहा है,
आर्थिक हालत हो रहे हैं खराब, अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति से नगर परिषद के आर्थिक हालात खराब हो रहे हैं, कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, और नगर परिषद नए भवन का निर्माण करवा रही है, हालांकि भवन निर्माण मुख्यमंत्री अधो संरचना के अंतर्गत किया जा रहा है, इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से नगर परिषद द्वारा प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन विभाग से बड़े निर्माण कार्य की मांग की जाती है, संबंधित विभाग की स्वीकृति के बाद राशि जारी होती है और निर्माण कार्य प्रारंभ होता है, नए भवन निर्माण के लिए 30 लाख रुपए स्वीकृत हो चुके हैं, परंतु प्रदेश सरकार से समय पर चुंगी कर प्राप्त नहीं होने का बहाना बनाकर झूठ की बुनियाद पर विकास की इबादत लिखने के लिए ईमानदारी से कार्य करने वाले कर्मचारियों का भी वेतन रोका जा रहा है, नगर परिषद के इतिहास में यह पहला कार्यकाल है जहां कर्मचारी वेतन का इंतजार कर रहे है और नगर परिषद एक करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से नए भवन का निर्माण करवा रही है,
प्रभारी एसडीएम
चंद्र सिंह धारवे से इस संबंध में जानकारी प्राप्त की गई, उन्होंने कहा नगर परिषद के कर्मचारी को वेतन प्रदान करना परिषद की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है, उन्हें अवगत कराया गया की परिषद में अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति से आर्थिक हालत खराब हुए हैं,
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा इस मामले की लिखित में शिकायत प्राप्त होने पर जानकारी प्राप्त की जाएगी,
इसके अतिरिक्त मुख्य नगर परिषद अधिकारी ही इसकी जानकारी दे सकते हैं,
मुख्य नगर परिषद अधिकारी जगजीवन शर्मा के द्वारा इस संबंध में बताया गया कि जिस प्रकार प्रशासन से चुंगी प्राप्त होती है,परिषद के द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों का वेतन प्रदान किया जाता है,