साहित्यकारों ने देश की पुरानी मर्यादित संस्कृति और युवा शक्ति को बचाने का दिया संदेश।

भोपाल :- फेसबुक पर Live कवि सम्मेलन में साहित्यकारों ने, युवा शक्ति और भारत की पुरातन संस्कृति को बचाने के संदेश के साथ साथ, काव्य की विविध रचनाओं का शानदार पाठन किया।
भारत पत्र के रिपोर्टर अनुरुद्ध कौरव से बातचीत के दौरान, मंच संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल ने बताया कि, इस बार Facebook पर, उनके मंच का 44वाँ कवि सम्मेलन था। इस कार्यक्रम में नवोदित एवं वरिष्ठ साहित्यकारों ने मंच को साझा करते हुए, बहुत उत्तम संदेशों के साथ, अपने अपने रचना पाठ किए।

काव्य धारा प्रवाह मंच के अध्यक्ष श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने मंच का लाजवाब संचालन किया। उन्होंने कविर्विदो के परिचय के साथ साथ, बहुत ही सुंदर तरीके से, साहित्यकारों को आमंत्रित किया।
भोपाल की कवयित्री डॉक्टर सीमा अग्रवाल जी ने मां सरस्वती जी की वंदना करके, Live कवि सम्मेलन का शुभ आरंभ किया।

मंच पर सर्वप्रथम सोनभद्र उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय श्री जगदीश प्रसाद केशरी जी ने अपना रचना पाठ किया, उन्होंने,

"मचा महासंग्राम, मौत का बादल है गहराया।"
"लाशों पर लाशे बिछ गई, अम्बर है थर्राया।।"
जैसी वीर रस से ओतप्रोत रचना सुनाकर, दर्शको में जोश भर दिया। उन्होंने अपनी दूसरी रचना,

"हम कहते है तुम, आया ना करो बार बार।"
"यहां एक पत्नी का कहना है, खबरदार।।"
सुनाकर, दर्शको की खूब वाह वाह लूटी।

इनके बाद, बगलवाड़ा मध्य प्रदेश के गायक एवं कवि, श्री राजा भैया ठाकुर जी को आमंत्रित किया गया।
उन्होंने

"सदियों पहले का जमाना आबाद था।"
"वो बुजुर्गों का जीवन खुशहाल था।।"
जैसी लाजवाब रचना सुनाई, जिसमें जनमानस के लिए बहुत सुंदर संदेश था, इसके बाद उन्होंने अविवाहित युवती के अंतर्मन की अभिव्यक्ति पर,

"विनती सुन लो भगवान।"
"मुझे पति मिले धनवान।।"
सुंदर रचना सुनाई, जिसे सुनकर सभी करताल ध्वनि से, श्री राजा भैया ठाकुर जी का सम्मान करने लगे।

इसके बाद, बरेली से श्रृंगार रस के कवि श्री शिवराज सिंह जी ने बहुत ही लाजवाब मुक्तक स्वरूप में अपनी रचना सुनाई,
जिसमें से उनका,

"सारे शहर में जिस पर चर्चा हो, वो काम मुझको चाहिए।"
"हो दुनिया में नाम मेरा, वो मुकाम मुझको चाहिए।।"

बहुत पसंद किया, उनके हर एक मुक्तक पर, दर्शको की खूब प्रशंसा मिली।

भोपाल की कवयित्री डॉक्टर सीमा अग्रवाल जी ने, 
भगवान कृष्ण को समर्पित,

"कृष्ण तो कृष्ण है, जगत के पालनहार है।"
जैसी लाजवाब रचना सुनाने के साथ ही, "युवा शक्ति" नामक शीर्षक पर, लाजवाब रचना सुनाई।

कार्यक्रम के शिखर पर, मंच की संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल जी ने,

"देर लगती हमे भी, पर पहचान जाते है।"
"कौन गैर कौन अपना, जान जाते है।"
जैसी, मुक्तक स्वरूप में शानदार रचना सुनाई, जिसे सुनकर सभी वाह वाह करते नजर आने लगे।
मंच अध्यक्ष एवं मंच संचालक श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने, समापन से पूर्व, किसान और नवयुवा पर शानदार मुक्तक सुनाए।

Live कवि सम्मेलन का समापन, श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने, सभी साहित्यकारों को धन्यवाद एवं आभार के साथ हुआ।

श्रीमती पायल पटेल जी ने, भारत पत्र को बताया कि, उनके काव्य धारा प्रवाह Facebook मंच पर आयोजित होने वाले Live कवि सम्मेलन में, लगातार प्रगति हो रही है और, धरातल पर कार्यक्रम के लिए भी, विभिन्न संस्थाओं से आमंत्रण आ रहे है, उन्होंने बताया कि, जिस किसी भी संस्था या समिति को, धरातल पर कवि सम्मेलन करवाने हो, वे काव्य धारा प्रवाह मंच की टीम से सीधे संपर्क कर सकते है और कवि सम्मेलन करवा सकते है। काव्य धारा प्रवाह मंच धरातल पर भी कवि सम्मेलन आयोजित कर चुके है और आने वाले समय में, कुछ ओर कार्यक्रम होने जा रहे है। दर्शको ओर श्रोताओं के द्वारा , काव्य धारा प्रवाह मंच के कवि सम्मेलन, बहुत ही पसंद किए जा रहे है। ओर प्रसंशको का निवेदन भी लगातार आ रहा है कि, काव्य धारा मंच आगे भी, धरातल पर कवि सम्मेलन का आयोजन करता रहे। उन्होंने मीडिया स्तंभ भारत पत्र का भी धन्यवाद किया।

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