प्रेस विज्ञप्ति - भारत पीपल रत्न अवार्ड 2024 सें डॉ. गयास उद्दीन हाशमी का सम्मान

हमीरपुर, उत्तर प्रदेश में रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के प्रति अतुलनीय योगदान के लिए डॉ. गयास उद्दीन हाशमी को भारत पीपल रत्न अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके पर्यावरण प्रेम और समाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया।

पर्यावरण के प्रति समर्पण

डॉ. गयास उद्दीन हाशमी ने पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है। उन्होंने न केवल वृक्षारोपण अभियानों में सक्रिय भाग लिया है, बल्कि समाज में पर्यावरणीय जागरूकता लाने के लिए भी अनेक कार्य किए हैं। उनका मानना है कि वृक्षों का संरक्षण ही जीवन का संरक्षण है।उन्होंने न केवल खुद पेड़ लगाए बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया कि वे अपने आसपास के पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखें। 

डॉ. हाशमी का मुख्य ध्यान भारतीय पर्यावरण की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षित करने पर रहा है। उनके द्वारा शुरू किए गए कई अभियान न केवल पेड़ों की संख्या बढ़ाने में सहायक साबित हुए, बल्कि उन्होंने लोगों को पर्यावरणीय समस्याओं की गंभीरता से भी अवगत कराया।

सामाजिक सहभागिता

डॉ. हाशमी का कार्य सिर्फ पर्यावरण तक ही सीमित नहीं है, उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को पर्यावरणीय संरक्षण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया है। बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों के साथ उन्होंने वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए हैं, जहां उन्होंने विशेष रूप से पीपल, नीम और बरगद जैसे पारंपरिक भारतीय पेड़ों को प्राथमिकता दी है।

उनकी पहल पर कई विद्यालयों और महाविद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य था पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति नई पीढ़ी को संवेदनशील बनाना। डॉ. हाशमी ने बार-बार यह बात कही है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वायु, जल और हरित पर्यावरण छोड़ना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

उल्लेखनीय कार्य

डॉ. हाशमी ने उत्तर प्रदेश में सैकड़ों पीपल के पेड़ों का रोपण करवाया है। उन्होंने जल संरक्षण के लिए भी कई अभियानों का नेतृत्व किया है, जिनमें तालाबों की सफाई, जल स्रोतों के पुनर्जीवन और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने समाज को यह सिखाने का प्रयास किया कि वृक्षारोपण और जल संरक्षण एक-दूसरे के पूरक हैं।

उनके द्वारा स्थापित सामुदायिक प्रयासों ने हजारों ग्रामीणों को न केवल पर्यावरण के महत्व को समझने में मदद की है, बल्कि उन्हें हरित रोजगार के अवसर भी प्रदान किए हैं। उनकी यह सोच कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण ही समृद्धि की कुंजी है, ने कई लोगों को उनके मिशन से जोड़ा है।

सम्मान और मान्यता

भारत पीपल रत्न अवार्ड 2024 से सम्मानित होना न केवल डॉ. हाशमी के लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह उनके प्रयासों और समाज के प्रति उनके योगदान का एक प्रमाण है। यह पुरस्कार उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

इस अवसर पर रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. रघुराज प्रताप सिंह ने कहा फाउंडेशन द्वारा यह सम्मान प्रत्येक वर्ष भारत के कुछ चुनिंदा सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षक, अपने क्षेत्र में असाधारण कार्य कर चुके व्यक्तियों कों उनके सामाजिक काम करने लिए यह सम्मान दिया जाता हैं उसी में, डॉ. हाशमी जैसे व्यक्तित्व न केवल समाज को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं जो आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और हरा-भरा पर्यावरण देने का वादा करता है।

निष्कर्ष

डॉ. गयास उद्दीन हाशमी का यह सम्मान पर्यावरणीय संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे उनके अथक प्रयासों की मान्यता है। उनके जैसे व्यक्तित्व समाज के लिए एक प्रेरणा हैं और यह साबित करते हैं कि यदि समर्पण और दृढ़ता हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उनके प्रयासों से प्रेरणा लेते हुए समाज को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए, ताकि हम अपने आने वाले कल को सुरक्षित और स्वच्छ बना सकें।

मीडिया पंकज कुमार गुप्ता जालौन उत्तर प्रदेश 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने