काशी की भव्यता नें चमकाई विरासत और अर्थव्यवस्था



काशी की भव्यता नें चमकाई विरासत और अर्थव्यवस्था

वाराणसी : 15 नवंबर को काशी में आयोजित भव्य देव दीपावली नें शहर की प्राचीन विरासत को नई ऊंचाई दी और आर्थिक क्षेत्र में भी नई गति प्रदान की। इस खास मौके पर लाखों की संख्या में देश-विदेश से आए पर्यटकों नें गंगा के किनारे जगमगाते घाटों की भव्यता का आनंद लिया। इस दौरान बनारस की पारंपरिक गुलाबी मीनाकारी कला के ज्वेलरी और सजावट के सामानों की रिकॉर्ड बिक्री नें कलाकारों और व्यापारियों को उत्साह से भर दिया।  

काशी की पहचान बन चुकी गुलाबी मीनाकारी की इस बार अभूतपूर्व मांग रही। कलाकारों के अनुसार, इस देव दीपावली के दौरान गुलाबी मीनाकारी से बने गहनों, गिफ्ट आइटम्स और मंदिरों के मॉडल्स ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। खासतौर पर भगवान गणेश और काशी विश्वनाथ मंदिर के मॉडल्स की जमकर खरीदारी हुई।  

बनारस के कारीगर कुंज बिहारी नें बताया कि इस बार 1 करोड़ से अधिक की खरीदारी सिर्फ गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों की हुई है। इन उत्पादों की कीमतें 5,000 से लेकर 5 लाख रुपये तक थीं। अभी भी कई ऑर्डर्स पूरे किए जा रहे हैं, जिनमें भगवान गणेश की मूर्तियां और काशी विश्वनाथ मंदिर के मॉडल शामिल हैं।  

देव दीपावली के मौके पर श्रद्धालुओं नें भगवान गणेश की गुलाबी मीनाकारी से बनी मूर्तियों को विशेष रूप से पसंद किया। बनारस के कारीगरों नें बताया कि विदेशी पर्यटकों ने भी इन कलात्मक वस्तुओं की जमकर सराहना की और बड़े पैमाने पर इन्हें खरीदा। इससे कारीगरों को न केवल आर्थिक मजबूती मिली, बल्कि उनकी कला को वैश्विक पहचान भी मिली।  

देर शाम काशी के सभी घाट दीयों की रोशनी से जगमगा उठे। लेजर शो, आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों नें इस पर्व को और भी भव्य बना दिया। गंगा घाट पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों नें श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मन मोह लिया।  

देव दीपावली के मौके पर काशी में कई गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जैसे वीआईपी नें भी आयोजन की शोभा बढ़ाई।  

देव दीपावली न केवल काशी की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करती है, बल्कि यह स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों के लिए आय का बड़ा स्रोत भी बनती जा रही है। गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों की रिकॉर्ड बिक्री और पर्यटकों की भारी संख्या नें स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।  

देव दीपावली 2024 नें एक बार फिर साबित कर दिया कि यह पर्व न केवल काशी की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देता है। घाटों की रोशनी, गुलाबी मीनाकारी की चमक और श्रद्धालुओं की आस्था नें इस पर्व को और अधिक भव्य बना दिया।

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