भोपाल:- काव्य धारा प्रवाह के फेसबुक पेज पर ऑनलाइन साप्ताहिक Live कवि सम्मेलन में इस बार, वरिष्ठ साहित्यकारों ने, देश में हो रहे जंगलों के कटान पर बहुत हो जोरदार कटाक्ष करते हुए, देश में पेड़ पौधों ओर जंगलों को लगाने और बचाने का निवेदन किया, जिससे देश में चहुंओर हरियाली ही हरियाली हो। इसके अतिरिक्त, कविर्विदो ने अपनी अपनी मधुर रचनाओं से समा बांधकर ,मंच से जुड़े श्रेताओ से खूब वाह वाही लूटी ।
भारत पत्र के रिपोर्टर अनिरुद्ध कौरव से बातचीत में, काव्य धारा प्रवाह मंच की संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल ने बताया कि, इस बार Live कवि सम्मेलन का संचालन, भोपाल की मशहूर कवयित्री रेनू गोस्वामी जी ने बहुत कुशलता पूर्वक किया। रेनू गोस्वामी जी ने, सभी साहित्यकारों का परिचय, पटल पर उपस्थित सभींको दिया और प्रत्येक साहित्यकार के सम्मान में, उन्होंने बहुत ही लाजवाब मुक्तक सुनाए, जिसे सुनकर प्रत्येक कविर्विद लाजवाब हो गए।
कार्यक्रम का शुभ आरंभ काव्य धारा प्रवाह की संस्थापिका श्रीमती पायल ने मां सरस्वती जी की वंदना करके किया।
काव्य धारा प्रवाह मंच पर पधारे, वरिष्ठ साहित्यकार/ कविर्विद श्री सत्य नारायण "सत्य" जी ने, अपने काव्य पाठ से पहले, कई शानदार मुक्तक सुनाए। इसके बाद उन्होंने, पर्यावरण पर बहुत ही सुन्दर रचना सुनाई,
जंगल जंगल आग लगी है इसे बुझाओ रे ।
पाती पाती वन की शोभा इसे बचाओ रे ।।
जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
इनके बाद मंच पर आई, गजलकारा आ. ओरीना अदा "भोपाली जी" ने, अपनी अति उत्तम रचना प्रस्तुत करते हुए कहा,
"कुछ नहीं बढ़ कर यहां उसकी रजा के सामने।"
"बूंद जैसा है समुंदर उस खुदा के सामने ।।"
उनकी इस रचना पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाकर उनकी हौसला अफजाई की । उनकी दूसरी रचना,
"गर कही दर्द हो, दवा कीजे।"
"जिंदगी ही दर्द हो तो, क्या कीजे।।"
उनकी इस रचना को सुनकर, श्रोता एवं साहित्यकार गदगद हो उठे।
इनके अगले क्रम में मंच पर आए आ.जनकवि शंकर पाल बुंदेली जी,
उन्होंने अपनी रचना ,
"चकित नयन हुए देख चांद जमी आया उतर"
इस रचना को सुनकर, उन्होंने श्रोताओं का मन मोह लिया। शंकर पाल जी की दूसरी रचना,
"कटे ना रात, नहीं बीते बासर।"
"तुम बिन कैसे कटे, ओ नट नागर।।"
उनकी यह रचना श्रीकृष्ण भगवान को समर्पित थी, जो बहुत ही शानदार रही।
उसके बाद ग्वालियर से आई हुई कवयित्री आ. ऋतु रस्तोगी जी ने बड़ी सुंदर लय से अपनी रचना ,
"चांद गगन में आएगा करने तेरी बात ।"
सुना कर सब का दिल जीत लिया।
बड़े ही सुन्दर ढंग से मंच का संचालन कर रही भोपाल की कवयित्री आदरणीया रेनू गोस्वामी जी ने भी अपना शानदार रचना पाठ किया।
उन्होंने
"दिखावटी बनावटी दुनिया को ना मंजूर।"
नामक शीर्षक की कविता सुनाकर, श्रोताओं को बनावटी और दिखावटी दुनिया का अंतर समझाया, जिसे सुनकर सभी वाह वाह करने लगे।
Live कवि सम्मेलन के इस कार्यक्रम के अंत में काव्य धारा प्रवाह मंच के अध्यक्ष श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने, एक सुंदर मुक्तक सुनाकर, ओर मंच को साझा करने वाले सभी साहित्यकारों एवं दर्शको का आभार व्यक्त करते हुए, इस सफल कार्यक्रम का समापन किया ।
मंच संस्थापिका श्रीमति पायल पटेल ने, वार्तालाप के शिखर पर, भारत पत्र को बताया कि, विगत तीन माह से, उनका मंच, विभिन्न उत्सवों पर Live कवि सम्मेलन आयोजित करता रहा है, उत्सवों के बाद, यह कार्यक्रम ऐसा रहा, जिसमें साहित्यकारों ने, देश ओर देश के वर्तमान गंभीर मुद्दों पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि, उनका मंच, देश, समाज, सनातन धर्म ओर हिंदी साहित्य के लिए पूर्णतया समर्पित है और, उनका काव्य धारा प्रवाह मंच, अपनी संपूर्ण शक्ति के साथ, देश, समाज, हिंदी साहित्य ओर सनातन धर्म के लिए कार्य करता रहेगा और उन्होंने देश के कविर्विदो का भी आवाहन किया कि, वे भी उनके मंच के इस जन जागृति Live कवि सम्मेलन का हिस्सा बनकर, एक सर्वेश्रेष्ठ नागरिक एवं जिम्मेदार साहित्यकार होने की जिम्मेदारी निभाए।
श्रीमती पायल पटेल जी ने, भारत पत्र को बताया कि, आगामी 13 नवंबर को, उनका मंच, तिरुपति अभिनव होम्स भोपाल में भव्य दिव्य कवि सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है, जिसकी विस्तृत सूचना, आज ही उनके मंच द्वारा विभिन्न पटल पर जारी हो जाएगी। इस कार्यक्रम में अलग अलग विधा के कविर्विद, कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। उन्होंने भोपाल एवं इसके आसपास के काव्य प्रेमियों का आवाहन किया कि, वे भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर, कवि सम्मेलन का आनंद ले।, श्रीमती पायल पटेल जी ने आगे बताया कि, उनका मंच, धरातल पर भी कवि सम्मेलन आयोजित करने के लिए सुसज्जित है, यदि कोई भी समिति अथवा व्यक्ति विशेष, कवि सम्मेलन करवाना चाहते है तो, कृपया उनकी काव्य धारा प्रवाह मंच की टीम से, 7678387371 नंबर पर संपर्क करे। उन्होंने रिपोर्टिंग करने के लिए, भारत पत्र का भी धन्यवाद किया।
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अनुरुद्ध कौरव