नीमच - जावद - सिंगोली - कोटा रेल लाइन के लिए दिया ज्ञापन, मुख्यमंत्री के साथ खिंचाई सेल्फी।

जावद। आज दिनांक 23 फरवरी 2024 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नीमच रोड शो के दौरान रेल संघर्ष समिति के सदस्य इब्राहीम बोहरा और सचिन सोनी ने उन्हें नीमच - जावद - सिंगोली - कोटा रेल लाइन के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने की मांग का समर्थन करने के लिए 3000 लोगों के हस्ताक्षर किया हुआ ज्ञापन दिया और मौखिक रूप से हुई वार्ता में माननीय मुखमंत्री जी ने उन्हें आश्वासन भी दिया, साथ ही साथ दोनो सदस्यों ने मुख्यमंत्री जी के साथ सेल्फी भी खिंचाई।

नीमच - जावद - सिंगोली - कोटा रेल लाइन एक बहुप्रतीक्षित रेल लाइन है जिसकी मांग जावद विधानसभा क्षेत्र से करीब 50 वर्षों से उठाई जा रही है। इस लाइन की स्वीकृति वर्ष 2014 के बजट में तत्कालीन सांसद मीनाक्षी नटराजन जी द्वारा दिलाई गई और रेल मंडल ने इसके सर्वे के लिए लगभग 4 वर्ष का समय भी पूरा किया। सर्वे का फसाना किसी ट्रेजेडी फिल्म से कम नहीं जैसे कि सर्वे गलत रेल मंडल को आवंटित कर दिया जाता है, क्या रेल मंत्रालय को इतनी छोटी सी बात भी समझ नहीं आती।

पर जब आखिरकार सर्वे पूरा कर लिया जाता है तो इस परियोजना को ट्रैफिक की कमी बता कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है, जबकि हजारों लोग इस रेल परियोजना से वंचित होने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते रहे हैं। नागरिकों ने कई बार इसकी खातिर आवाज बुलंद की, लेकिन हर बार की तरह मुद्दा व जनता की सुविधा को दरकिनार कर दिया गया।

सर्वे में बताया जाता है कि इस रेल लाइन को डालने में जितना खर्च आएगा उसकी रिकवरी के लिए पर्याप्त ट्रैफिक की कमी है, जबकि देखा जाए तो वर्तमान में कोटा जाने के लिए वाया चित्तौड़गढ़ और बूंदी होते हुए जाना पड़ता है जिसकी कुल दूरी 240 किलोमीटर हो जाती है और 5-6 बड़े स्टेशन ही बीच में आते है और अगर यही लाइन सीधे नीमच से वाया सिंगोली और रावतभाटा होते हुए जाए तो दूरी मात्र 140 किलोमीटर रह जायेगी और 5-6 बड़े स्टेशन इस लाइन के बीच में भी आयेंगे।

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