138 वर्ष और कांग्रेस का 139 वा स्थापना दिवस


ओम प्रकाश कसेरा। जावद।
आजादी के पहले से देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल कांग्रेस पार्टी आज अपना 1389 वा स्थापना दिवस मना रही है, आईये हम जानते हैं कांग्रेस पार्टी की स्थापना कैसे हुई

28 दिसंबर 1885 को कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई थी, कांग्रेस पार्टी का पूरा नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी है।

एलन ओक्टोवियन हूम ने स्थापना की थी
ब्रिटिश सरकार के सेवानिवृत्ति लोक सेवा
 अधिकारी एलन ओक्टोवियन हूम ने 28 से 31 दिसंबर तक मुंबई में इसका पहला सत्र आयोजित किया था,
कोलकाता विश्वविद्यालय को लिखे अपने पत्र में उन्होंने एक ऐसी संस्था बनाने का विचार रखा जो भारतीय हितों का प्रतिनिधित्व कर सके उनका उद्देश्य था कि इस संस्था के जरिए पढ़े-लिखे संभ्रांत भारतीय की सरकार में भागीदारी बढ़ाई जा सके साथ ही भारतीय जनता और अंग्रेजी हुकूमत के बीच राजनीतिक व सामाजिक चर्चाएं करने का मंच तैयार हो सके
उन्होंने इस संस्था को खड़ा करने की पहल के लिए मार्च 1985 में एक नोटिस जारी किया था
जिसके मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय संघ की पहली बैठक दिसंबर महीने के दौरान पुना में आयोजित की जानी थी
इस दौरान पुना मैं हैजा नामक बीमारी फैलने के कारण यह बैठक मुंबई में रखी गई उस समय हामू ने तत्कालीन वायरस लॉर्ड डॉल्फिन से अनुमति लेकर पहली बैठक का आयोजन कराया,

पहले अध्यक्ष
वोमेश बनर्जी कांग्रेस पार्टी के पहले अध्यक्ष नियुक्त किए गए, 72 जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय में एलन हूम ने कोलकाता के निवासी उमेश बनर्जी को अध्यक्ष नियुक्त किया था,

मोतीलाल नेहरू, गांधी परिवार से पहले अध्यक्ष
इन्है 1919 में अध्यक्ष नियुक्त किया गया था
उस समय अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष का हुआ करता था इन्होंने दूसरी बार 1928 में अध्यक्ष का पद संभाला और नेहरू गांधी परिवार के यह पहले अध्यक्ष हुए

जवाहरलाल नेहरू,
गांधी परिवार से कांग्रेस पार्टी के दूसरे अध्यक्ष
इन्है 1929 में अध्यक्ष के लिए नियुक्त किया गया और यह लगातार 2 वर्ष तक अध्यक्ष पद पर नियुक्त रहे, एवं दूसरी बार 1936 में इन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया गया और इन्होंने वर्ष 1937 तक अध्यक्ष पद संभाला
1947 में देश की आजादी के बाद यह पहले प्रधानमंत्री नियुक्त हुए एवं 14 साल के अंतर में चौथी बार कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर वर्ष 1951 से 1954 तक बरकरार रहे,

इंदिरा गांधी,
जवाहरलाल नेहरू की पुत्री और मोतीलाल नेहरू की पौत्री(पोती)
अल्प समय के लिए 1959 में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष नियुक्त की गई, इसके इसके 20 साल बाद 1978 में दोबारा अध्यक्ष नियुक्त की गई और 31 अक्टूबर 1984 तक कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रही,

राजीव गांधी,
इंदिरा गांधी की मौत के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली इससे पहले वह कांग्रेस पार्टी के महासचिव थे, 1991 में एक आत्मघाती हमले में
मारे जाने पूर्व तक वह कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे,

सोनिया गांधी,
पति राजीव गांधी की मौत के बाद लगातार तमाम दबाव के बावजूद इन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का पद ग्रहण नहीं किया
विदेशी होने कै मुद्दे के कारण उन्होंने लगातार इस पद को संभालने के लिए मना कर दिया और अंततः 1997 के दौरान कोलकाता में हुए अधिवेशन में इन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की
मार्च 1998 में सोनिया गांधी को कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष नियुक्त किया गया, इस दौरान सीताराम केसरी के स्थान पर सोनिया गांधी को पार्टी की अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने 6 अप्रैल 1998 को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के द्वारा इसका अनुमोदन किया गया था
हालांकि 15 में 1999 को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद पवार, पीए संगमा, और तारीख अनवर, द्वारा विदेशी मूल के मसले पर उनकी प्रधानमंत्री के उम्मीदवारी को चुनौती देने पर पद से इस्तीफा दे दिया था, 20 में 1999 को इन तीनों नेताओं को कांग्रेस वर्किंग कमेटी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया,
इसके बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लिया, और लगभग 20 वर्ष तक वह सबसे अधिक समय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रही,

राहुल गांधी,
47 वर्ष की उम्र में इन्होंने 16 दिसंबर 2017 से 3 जुलाई 2019 तक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष का पद संभाल और अध्यक्ष पद संभालने वाले राहुल गांधी, नेहरू गांधी परिवार के छठे सदस्य रहे,

मल्लिकार्जुन खड़गे
24 वर्ष बाद गांधी परिवार के अतिरिक्त कांग्रेस पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया
मल्लिकार्जुन खड़गे 19 अक्टूबर 2022 से इस पद पर पदस्थ है,

प्रथम अध्यक्ष मोतीलाल नेहरू से लगाकर सोनिया गांधी तक लगभग 50 वर्ष से भी अधिक समय गांधी नेहरू परिवार के सदस्य इस पद पर पदस्थ रहे

इन्होंने भी कांग्रेस की कमान संभाली थी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,
सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, अब्दुल कलाम आजाद, सरोजिनी नायडू, भी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रही, पत्रकार न्यायविद और राजनेता वौमेश चंद्र बनर्जी 1885 के दौरान मुंबई में आयोजित कांग्रेस के पहले सत्र में अध्यक्ष रहे, इसके बाद अध्यक्षता करने वालों में दादा भाई नौरोजी दूसरे नंबर पर थे, वही हिंदू महासभा के मुख्य नेताओं में से एक मदन मोहन मालवीय ने भी कांग्रेस की अध्यक्षता की थी, उनके अलावा बी पटा भी सीता रमैया, पुरुषोत्तम दास टंडन, यूएन खौर, एन संजीव रेड्डी, के कामराज, एस निजलिंगपा, जगजीवन राम, शंकर दयाल शर्मा, डीके बरुआ, पीवी नरसिम्हा राव, सीताराम केसरी भी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे,

विदेशी मूल के नेता भी अध्यक्ष रहे
सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उठाया जाता था 
परंतु सोनिया गांधी से पहले विदेशी मूल के पांच नेता कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं,
जिनका जन्म भारत में नहीं हुआ था,
उनमें हाउस आफ कॉमनस सदस्य अल्फ्रेड बैव, इंडियन सिविल सर्विसेज के पूर्व सदस्य सर विलियम वाया डरबन, सर हेनरी कॉटन,
आईसीएस अधिकारी एनी बेसेंट, और इसकाटिश  व्यापारी जॉर्ज यूल के नाम शामिल है,

वर्तमान समय में भारत के करीब 29 राज्यों में से कुल तीन राज्य कर्नाटक, हिमाचल, और तेलंगाना मैं कांग्रेस की सरकार है
जबकि 12 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, और लोकसभा मे एनडीए के 348 और भाजपा के 304 सांसद है, वही 
 लोकसभा में यूपीए के 92 एवं कांग्रेस के 50 सांसद है,
आज कांग्रेस पार्टी का 138 वा स्थापना दिवस है

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