नीमच के सरवानिया महाराज में बनेगा बॉयो टेक्टनोलॉजी पार्क, मुख्यमंत्री ने लगाई मुहर


नीमच। जिले के जावद तहसील के सरवानिया महाराज नगर में 39.53 हेक्टेयर भूमि पर बॉयो टेक्नोलॉजी पार्क का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था। प्रदेश से भोपाल में भी बनाने के लिए प्रस्ताव बना था। लेकिन जावद विधायक व केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने नीमच जिला औषधि फसल की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ यहां बॉयो टेक्रोलॉजी पार्क निर्माण का प्रस्ताव बनाकर भेजा था। जिसके लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। गत 3 जुलाई को भूमिपूजन की तिथि भी तय हुई थी। फिर कुछ अड़चन के कारण प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चल गया था। लेकिन अभी केबिनेट बैठक और कार्यक्रम के दौरान भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश का पहला बॉयो टेक्नोलॉजी पार्क नीमच में बनने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी है, जिसके लिए 100 करोड़ के बजट को स्वीकृत कर दिया है। जिसका भूमिपूजन आगामी 30 सिंतबर को होगा।

नीमच जिला प्रदेश में सबसे बड़ा औषधीय उत्पादन क्षेत्र है। इसके बावजूद यहां कोई बड़ा शोध संस्थान नहीं है। मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने जिले में इसकी आवश्यकता को बखूबी समझा और ठोस प्रयास किए। मार्च 2021 में मंत्री सखलेचा ने केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को इस प्रोजेक्ट के लिए पत्र लिखा। उन्होंने दिसंबर 2022 में केंद्र को दोबारा पत्र लिखा, जिसमें उल्लेख किया कि बायोटेक पार्क के लिए जावद जमीन उपलब्ध कराई गई।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने बताया कि बायो टेक्नालॉजी पार्क के लिए भूमि-पूजन नीमच जिले की जावद तहसील के सरवानिया महाराज में किया जाना प्रस्तावित है। इस पार्क के निर्माण पर 100 करोड़ रूपये से अधिक की लागत आएगी और 39.53 हेक्टेयर भूमि पर पार्क का निर्माण होगा।बायो टेक्नोलॉजी पार्क के उद्देश्य अनुसार मध्य प्रदेश सरकार इसे क्रियान्वित करेगी। मंत्री सखलेचा ने बताया कि पूर्व में भी बायो टेक्नालॉजी पार्क हेतु भूमिपूजन नीमच जिले की जावद तहसील के सरवानिया महाराज में 13 जुलाई 2023 को किया जाना प्रस्तावित है। इस अवसर पर पार्क हेतु 100 करोड़ से अधिक की लागत से स्वीकृत 39.53 हेक्टेयर भूमि पर भूमिपूजन के साथ ही 03 दिवसीय राष्ट्रीय स्तर का विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन भी किया जाएगा। जावद के सरवानिया महाराज में बनने वाला यह पार्क प्रदेश का पहला पार्क होगा। बता दें कि अब तक देश में ऐसे प्रोजेक्ट लखनऊ, हैदराबाद, चेन्नई रायपुर, बेंगलुरु, गुवाहाटी में हैं। एक प्रोजेक्ट केरल के शहर कोच्चि में हैं, जो राज्य की वाणिज्यिक राजधानी है। एक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में है।

पहले भोपाल में लगना था प्रोजेक्ट
केंद्र की पहल पर 2020 में भोपाल के लिए बायो टेक्नोलॉजी पार्क एंड बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर प्रस्तावित किया था। लेकिन मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने अपने क्षेत्र में 79 औषधीय उत्पादन व रकबा अधिक होने के चलते इस प्रोजेक्ट भोपाल से जावद लाने के लिए प्रयास किया। जावद में स्वीकृति से पहले ही अपने विधानसभा क्षेत्र के सरवानिया नगर में बायोटेक पार्क के लिए 40 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी। इसके बाद नीमच में प्रदेश की सबसे बड़ी औषधि मंडी को देखते हुए राज्य और केंद्र के अधिकारियों की बैठक में केंद्र ने प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक सहमति दे दी।

बायोटेक्नोलॉजी पार्क के क्षेत्र को लाभ
क्षेत्र के युवाओं के लिए भी रोजगार और उन्नत कृषि के अवसर बढ़ेंगे। जैव प्रौद्योगिकी में डिग्री के साथ, आप चिकित्सा, कृषि और खाद्य उत्पादन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले वैज्ञानिक, शोधकर्ता या उद्यमी बन सकते हैं। जैव प्रौद्योगिकी में बीएससी के साथ, आप कृषि, चिकित्सा और खाद्य उत्पादन सहित विभिन्न उद्योगों में काम कर सकते हैं। जैव प्रौद्योगिकी ने रोगजऩक़ों से निपटने के लिए बेहतर दवाएं और टीके बनाने में मदद की है, उच्च उपज वाली फसलें जो आसानी से काटी जाती हैं और विभिन्न जलवायु में उगाई जा सकती हैं; विटामिन ए से भरपूर चावल और भी बहुत कुछ।

30 तारीख को भूमिपूजन
लंबे समय से जिले में बॉयो टेक्निोलॉजी पार्क के लिए प्रयासरत थे, भोपाल और नीमच के लिए प्रस्ताव बना था। लेकिन नीमच की भौतिक स्थिति को देखकर यहीं लाने का प्रयास किया गया था। जो कि आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी केबिनेट बैठक में स्वीकृत कर दिया है। ३० सितंबर को भूमिपूजन किया जाएगा। जिसमें केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र ङ्क्षसह व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित अन्य दिग्गज नेता की उपस्थित में कार्यक्रम संपन्न होगा। जिसके लिए कलेक्टर को भी सूचित कर दिया गया है। यह प्रदेश का पहला बॉयो टेक्नोलॉजी पार्क है।

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