7500 यूनिट ब्लड बैंक को दान में मिली फिर भी खून के बदले खून क्यों?


इब्राहिम बोहरा।
रक्तदान महादान, रक्तदान जीवनदान।
दोस्तो यह नारा हमने हजारों लाखों बार सुना है और आज के इस विकसित होते समाज में देखा भी है। आपको बता दूं की हाल ही में कलेक्टर महोदय श्री दिनेश जैन द्वारा नीमच जिले की जन्म जयंती पर एक अनोखा कीर्तिमान बनाया गया जिसमे जिलेवासियों ने महज़ 10 घंटे के भीतर 7642 यूनिट रक्त दान करके एक विश्व रिकॉर्ड बना दिया। जिले में अलग अलग 32 जगहों पर शिविर लगाए गए थे और आम आदमी से लेकर बड़े बड़े अधिकारियों तक ने रक्त दान किया।

किंतु क्या आपको पता है कि ब्लड बैंक आपके रक्तदान को सिर्फ 42 दिन तक ही रख सकता है और उसके बाद यह रक्त किसी को चढ़ाया नहीं जा सकता और बेकार हो जाता है। मैं यह कलेक्टर महोदय की निंदा नहीं कर रहा, उन्होंने जो कार्य किया वो सराहनीय है और मुझे पूरा भरोसा है की यह ब्लड अलग अलग ब्लड बैंको में पहुंचा दिया गया होगा। कलेक्टर महोदय के इस अभियान से कई लोगों को प्रेरणा मिली है की रक्तदान करना चाहिए और कई लोगों के मन में अब इस पुण्य के काम से जुड़ी शंकाएं और डर भी खत्म हुआ है।

दरअसल बात यह है की इन 7642 में से किसी को भी रक्त की आवश्यकता होगी तो भी ब्लड बैंक उनके काम नही आ सकता और उनको ब्लड के बदले ब्लड ही देना होगा,  हालांकि सर्टिफिकेट के ज़रिए भी लड़झगड़ कर रक्त हासिल किया जा सकता है पर वह हर किसी के बस की बात नहीं।

क्या यह सही है? क्या इससे हम और लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित कर सकेंगे? या फिर इस कारण ही कई सारे लोग रक्तदान नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है समय आने पर ये ब्लड बैंक उनके काम नहीं आयेंगे।

इसका एक बहुत ही सरल सा उपाय है।
वह उपाय यह है की जिस प्रकार आप हर चीज़ को आधार से लिंक कर रहे हैं, उसी प्रकार से रक्तदान का डाटा भी आधार से लिंक होना चाहिए। हर बार जब कोई व्यक्ति रक्तदान करें तो उसके आधार पर उसकी संख्या क्रेडिट में दर्शित की जानी चाहिए और उन्ही ब्लड क्रेडिट के बदले समय पर आवश्यकता के अनुरूप उसे उतने यूनिट खून बिना किसी खून के बदले, ब्लड बैंक से मुहैया कराना चाहिए।

वो स्वार्थी है तभी तो इंसान है साहब,
स्वार्थ न होता तो भगवान कहलाता।

मनुष्य सबसे पहले अपना स्वार्थ साधता है और इसी कड़ी में वो रक्तदान करेगा, खुद के लिए। मेरे विचार में अगर ये व्यवस्था लागू की जाती है तो अन्यत्र कोई मनुष्य रक्तदाताओं की कमी से बिना ईलाज नहीं मरेगा।

यदि आप इस व्यवस्था के पक्ष में हैं तो नीचे दी गई लिंक पर जाकर पिटीशन पर अपने हस्ताक्षर अवश्य करें।

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