नीमच को जिला बने हुए 24 साल, आज भी कई कार्यालय हो रहे मंदसौर में संचालित

पिछले 20 सालों से भाजपा प्रदेश में काबिज, नहीं दिला सकी जिले को हक।
नीमच. नीमच को जिला बने 24 साल हो गए हैं। विडम्बना यह है कि इतने वर्षों बाद भी कई प्रमुख विभागों के कार्यालय मंदसौर जिले में आज भी संचालित हो रहे हैं। इन कार्यालयों को नीमच लाने का अब तक प्रयास नहीं किया गया। इससे जिले की जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 सहकारी बैंक, सौर ऊर्जा आदि के मंदसौर में हैं मुख्यालय
वर्ष 1998 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नीमच जिले का गठन किया था। 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी 13 से अधिक महत्वपूर्ण विभागों के मुख्यालय आज भी मंदसौर में ही संचालित हो रहे हैं। इससे नीमच की जनता को लगातार बड़ा नुकसान हो रहा है। दु:खद है कि प्रदेश में भाजपा की 20 वर्षों से सरकार है। इसके बाद भी इस महत्वपूर्ण मामले पर भाजपा के सत्ता सुख भोगने वाले जनप्रतिनिधियों ने अब तक ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस नेता और जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने अब मामले को उठाया है। उन्होंने कहा कि नीमच जिले के बड़े बड़े विभागों के कार्यालय मंदसौर में होने से नीमच की जनता का बीते सालों में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। बाहेती ने बताया कि नीमच जिला बनने के बाद अलग बैंक बनना ही था। अगर अलग सहकारी बैंक बनता जो इसमें नीमच जिले का अध्यक्ष बनता। तब नीमच को निश्चित फायदा होता। नीमच जिले में सहकारी बैंक नहीं होने से जिले में सहकारी समितियों का विस्तार नहीं हो पाया। जिले मेंं ग्राम पंचायतों की संख्या 246 है, लेकिन सहकारी समितियों की संख्या करीब 167 ही है। बाहेती ने बताया कि प्रदेश भर में सौर ऊर्जा के लिए नीमच जिला विख्यात हो चुका है। जावद में हजारों हेक्टेयर भूमि पर सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है, लेकिन विडम्बना है कि सौर ऊर्जा का अक्षय ऊर्जा विभाग का मुख्यालय भी मंदसौर में है। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस, बीएसएनएल, मप्र राज्य विपणन संघ, मप्र आपूर्ति निगम, जल निगम, इफको, पुरातत्व विभाग, हाउसिंग बोर्ड, श्रम न्यायालय, हस्तकरघा विभाग, सेतु विकास निगम समेत कई विभाग हैं जिनके मुख्यालय मंदसौर हैं। कभी नीमच में हाउसिंग बोर्ड का कार्यालय हुआ करता था, लेकिन उसे भी मंदसौर भेज दिया गया। अब लोगों को हाउसिंग बोर्ड संबंधित कार्यों के लिए मंदसौर व रतलाम की दौड़ लगाना पड़ रही है।

पुरा सम्पदा भी नहीं समेट पा रहा नीमच जिला
बाहेती ने बताया कि नीमच जिला पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है। कई मंदिर नीमच जिले में ऐसे हैं, जो सदियों पुराने हैं। इसके अलावा आजादी की लड़ाई की 1857 की क्रांति के अवशेष भी नीमच में जगह जगह मौजूद हैं, लेकिन नीमच में पुरातत्व का कार्यालय नहीं होने के कारण ऐतिहासिक अवशेष बिखरे पड़े हुए हैं। विपणन संघ का मुख्यालय अगर नीमच जिले में होता तो किसानों की उपज के सरकारी तौल केंद्र एवं खाद विक्रय केंद्र बढ़ते जिसका फायदा किसानों को होता। मध्यप्रदेश आपूर्ति निगम मंदसौर में होने से जिले में आज भी राशन की आपूर्ति मंदसौर से ही संचालित होती है। बाहेती ने कहा कि नीमच जिले में सही समय पर सभी विभाग के मुख्यालय आ जाते तो नीमच की जनता को अनगिनत फायदे होते हैं लेकिन दु:ख है कि आज भी इस मामले में वर्तमान विधायकों के कोई प्रयास नहीं है कि इन विभागों के मुख्यालयों को नीमच में लाया जाए। मुख्यालय मंदसौर होने से इन विभागों के अधिकारी नीमच जिले से तहसील के दर्जे का दोयम व्यवहार करते हैं। मुख्य बात यह है की कई विभागों के मुख्यालय मंदसौर में होने की वजह से नीमच जिले की हर सप्ताह होने वाली टीएल समीक्षा बैठक में जिला प्रशासन को इन विभागों की समीक्षा के कई मामलों में मंदसौर की बैठक पर आधारित रहना पड़ता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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