जावद लॉकडाउन के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए वही कई लोग मंदी से उबर भी नहीं पाए है जबकि कई उपभोक्ता कंटेंटमेंट एरिया में आने से बिजली के बिल समय पर जमा नहीं करवा पाए जिन उपभोक्ताओं ने बिजली के बिल समय पर जमा करवाएं हैं अब उन्हें भी अधिक जमा करवाने के लिए बिल दिए गए
कुछ उपभोक्ताओं ने बताया कि जून माह का 180 रुपए का बिल दिया गया था जुलाई माह का बिल 6109 रुपए का दिया गया यह उपभोक्ता खुर्रा चौक के हैं इसी प्रकार अन्य उपभोक्ता के 100 से 400 तक के बिल आते थे उनके अब 30 93 रुपए एवं 3484 रुपए के बिजली के बिल घरों के आ रहे है वर्ष 2018 के मई माह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरल बिजली योजना लागू की थी जब कांग्रेस की सरकार बनी तो बिजली कंपनी ने टैरिफ रेट के हिसाब से उपभोक्ताओं से पैसे वसूल ना प्रारंभ किए और उस समय 100 या 200 रुपए के बिजली के बिल के के बदले 1200 एवं इससे अधिक के बिल उपभोक्ताओं को दिए गए मध्यप्रदेश में फिर से भाजपा सरकार हैं शिवराज सिंह मुख्यमंत्री हैं तो फिर सरल बिजली योजना का लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है
जानकारी के अनुसार अब शासन की सब्सिडी उन्हीं को मिल रही है जिनके प्रत्येक माह में 150 बिजली यूनिट की खपत हुई हो
वही इस संबंध में विद्युत मंडल अधिकारी श्रीमान बीके मंडल से चर्चा की जिस पर उन्होंने कहा लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रहे इससे बिजली की खपत अधिक हुई और मार्च माह तक जिन उपभोक्ताओं का बिजली का बिल 400 रुपए तक आता था उन्हें शासन की योजना का फायदा मिल रहा था 400 रुपए से अधिक के बिल आने पर नियम अनुसार उन उपभोक्ताओं को शासन की योजना का फायदा नहीं मिल रहा है
अधिकारी महोदय ने शासन के नियम बता दिए मगर लॉकडाउन के कारण गरीब आदमी का परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है और वह 6000 रुपए के बिजली के बिल कैसे भरेगा