मन्दसौर जिले का गोआ बीच है यह शानदार प्राकृतिक नजारे वाला क्षेत्र

भानपुरा, जिला-मन्दसौर (म.प्र.) से मात्र 8 किलोमीटर दूर गांव कंवला अभी चर्चा में है - जिसका मुख्य कारण है गांव में बढ़ता पर्यटन। आज यह पोस्ट उसी स्थान के बारे में है - ग्राम कंवला चारों ओर से माँ चंबल के आंचल से घिरा है, उसी में गांव का दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र जिस में पर्यटन की असीम संभावनाएं है।

 गांव के आबादी क्षेत्र से दूर दक्षिण में चंबल के तट पर दो विशाल शिलाखंड स्थित है - इन शिलखंडो में एबाबिल पक्षी के मिट्टी से बने सुन्दर घरौंदे होने के कारण इन्हें गांव में "चिड़ी वाला पत्थर" भी कहते है, इन्हीं दो विशाल शिलाखंडो की परिधि में चंबल अपना विराट स्वरूप लिए बहती है।

 पश्चिमी हवा होने पर चंबल की विशाल , ऊंची ऊंची लहरें पानी स्थित चट्टानों से अटखेलियां करते हुए रेत को धकेलते हुए किनारों को आकार देती है, इस प्रकार लगातार लहरों कि मार से रेत ने जमा होकर किनारों को बीच (beach) का स्वरुप दे दिया है, यही कारण है कि आने वाले पर्यटक इसे 'मिनी गोवा' की संज्ञा देने लगे है।

 दिन भर चंबल की लहरे किनारों से टकराकर अपने विराट स्वरूप का एहसास करवाती रहती है, शाम होते होते हवा के साथ कभी लहरों का जोश बढ़ जाता है तो कभी विपरीत हवा की दिशा होने पर माँ चंबल शान्त होकर अपने कोमल स्वरूप को दर्शाती है।

 चंबल की लहरों तथा पर्यटकों की आवाजाही के बीच इन दो विशाल शिलाखंडो के आसपास जीवन का ताना बाना चलता रहता है, दिन भर अपने चूजों के लिए भोजन लाते अबाबील पक्षी भी शाम होते होते घरोंदो से निकल आसमान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगातार चक्कर लगाते रहते है, सूर्यास्त के समय यह दृश्य अत्यंत मनोहारी होता है।

 एक ओर सूरज अपनी अंतिम किरणों से समस्त रोशनी उड़ेल देना चाहता है वहीं दूसरी ओर अबाबील पक्षियों का झुंड हवा के साथ आसमां से होड़ लगाते है, इस प्रकार सूर्यास्त के साथ धीरे धीरे सबकुछ शान्त होने लगता है, पक्षी अपने घोसलों में लौटने लगते है ओर फिर चंबल भी शान्त हो जाती है।

इन दो विशाल शिलाखंडों में आदिमानव द्वारा लाखो वर्ष पूर्व बनाए गए शैलचित्र भी है जो मानव की विकास यात्रा, इन चट्टानों के अस्तित्व, तथा चंबल की विराट स्वरूप के साक्षी है।

यह स्थान अत्यंत ही मनोरम है, यहां जाने हेतु आप को भानपुरा से 8 कि मी दूर गांव कंवला (कोहला) में आना होगा, गांव के आबादी क्षेत्र में गांव की शुरुआत से आबादी क्षेत्र के अंतिम सिरे के बाद से कच्चा प्राकृतिक मार्ग है जो सीधा इन दो चट्टानों तक जाता जहां आप अपने परिवार सहित, दोस्तो सहित जाकर मा चंबल के अनुपम एवम विराट सौंदर्य का आनंद ले सकते है।

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