10 हजार एकड़ में मार्केट, हर दिन 5 करोड़ रुपए का कारोबार; यहां 10 लाख रुपए तक की कीमत वाले पौधे भी








आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से 15 किमी दूर कडियम इलाका है। एक लंबी सड़क, उसके पास नहर में बहता कलकल पानी। नहर के दोनों तरफ हजारों की संख्या में पौधों की नर्सरी है। ये देश कासबसे बड़ापौधों का बाजार है। 25 किमी और 10 हजार एकड़ में फैला ये बाजार देश और विदेशों में पौधों की सप्लाई करता है। कोरोना के चलते पिछले 3 महीने से पूरा बाजार बंद था। अब धीरे-धीरे वापस रौनक लौटने लगी है।

श्री सत्यनारायणा नर्सरी के मालिक ताताजी बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण बिजनेस में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। इस महीने में पिछले साल 500 गाड़ियांइस बाजार से रोजाना पौधे लेकर जाती थीं। मगर अभी 50 से 80 के बीच ही जा रही हैं।

इनके यहां से सबसे महंगा पौधा भी है,जिसकी कीमत 1 लाख से लेकर 10 लाख तक है। ये पौधा चीन से मंगवाया जाता है। इसका नाम साइना बोनसाई है। इसके आकार के आधार पर इसकी कीमत तय होती है। अगस्त में ही 5 कंटेनर भरकर चीनसे ये पौधे मंगवाए थे।

श्रीलक्ष्मी वेकेंश्वरा नर्सरी के श्रीनिवासराव बताते है कि यहां पर 95 प्रतिशत लोकल प्लांट हैं, जिन्हेंबाहर सप्लाई किया जाता है।

एक दिन में पांच करोड़ का बिजनेस

श्रीलक्ष्मी वेकेंश्वरा नर्सरी के श्रीनिवासराव बताते है कि यहां पर 95 प्रतिशत लोकल प्लांट हैं, जिन्हेंबाहर सप्लाई किया जाता है। केवल 5 प्रतिशत पौधे ही बाहर से मंगवाए जाते है। पूरे देश में यहां से पौधे सप्लाई होते हैं। इसके साथ ही हर तरह का पौधा यहां मिल जाता है। एक दिन मेंकरीब 5 करोड़ का बिजनेस होता था।यहां से दुबई, कतर, चीना, स्पेन आदि देशोमें पौधोकी सप्लाईकी जाती है।

25 किमी एरिया में 50 के करीब गांव आते हैं, जिनमें से 90% नर्सरी का काम करते हैं। 80% पौधे यहीं तैयार होते हैं। बाकी 20% पूना, कलकत्ता, चैन्नई, चीना, स्पेन,थाईलैंड से आता है।

पहले 500 गाड़ियांइस बाजार से रोजाना पौधे लेकर जाती थीं। लेकिन कोरोना के चलते अभी 50 से 80 के बीच ही गाड़ियां जा रही हैं।

यहां 6000 से ज्यादा फार्म हैं। सबसे ज्यादा इस मौसम में मैंगो, कोकोनट, संतरा, मोसंबी, सीताफल, स्पोता की उपज होती है।1959 में इस बाजार की शुरुआत हुई थी। उस समय 3-4 नर्सरी फार्म हाउस थे। यहां की मिट्टी उपजाऊ होने के कारण धीरे-धीरे गांव के लोगइस बिज़नेस में आ गए।आज ये देशका सबसे बड़ा बाजार है। 1 लाख के करीब लोग आज यहां काम कर रहे हैं।

बाहर से आने वाले पौधे

चीनसे बोनसाईको लाया जाता है, जिसकी कीमत 1 लाख से 7 लाख है। स्पेन से- ओलिया को मंगाया जाता है,जिसकी कीमत 10 लाख है- ये गुडलक पौधा है। इसके साथ ही थाईलैंड से कलरफुल बोगनवेलिया लाया जाता है।

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