दिनांक - 18 मई 2025 स्थान झांसी – दिल्ली मार्ग, पेड़ लगाने वाला देश का बेटा, ट्रेन में ढूंढता रहा बैठने की जगह!

आज जब देश भर में पर्यावरण सुरक्षा की बातें की जा रही हैं, उस समय "Peepal Man" डॉ. रघुराज प्रताप सिंह जैसे सच्चे पर्यावरण योद्धा को भारतीय रेलवे की उदासीनता का सामना करना पड़ा। एक ऐसे व्यक्ति को, जिसने एक लाख से अधिक पेड़ लगाकर जलवायु परिवर्तन से लड़ने में अहम योगदान दिया है, झांसी से दिल्ली की यात्रा के दौरान ट्रेन में आरक्षित सीट नहीं मिली और उन्हें आम यात्रियों की तरह सामान्य डिब्बे (जनरल कोच) में खड़े होकर सफर करना पड़ा। डॉ. रघुराज प्रताप सिंह का यह अनुभव केवल एक व्यक्ति की परेशानी नहीं, बल्कि यह सिस्टम की उदासीनता और असली नायकों की अनदेखी का प्रमाण है। डॉ. सिंह का कहना है: "मैं कोई विशेष सुविधा नहीं मांगता, लेकिन जो लोग जीवनभर देश और समाज के लिए काम करते हैं, उनके लिए कम से कम गरिमा से यात्रा करने की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए।" आज जब सेलिब्रिटीज और नेताओं के लिए विशेष कोच और सुविधा होती है, वहां "हरियाली के लिए संघर्ष करने वाला सपूत" सामान्य डिब्बे में भीड़ में सफर करता है, यह सोचने वाली बात है। हमारी मांग है: पर्यावरण योद्धाओं, समाजसेवियों और जनसेवकों के लिए रेलवे में सम्मानजनक आरक्षित सीटों की व्यवस्था हो। डॉ. रघुराज प्रताप सिंह जैसे व्यक्तित्व को राष्ट्रीय सम्मान, सुविधा और समर्थन दिया जाए ताकि वे अपने मिशन को और मजबूती से आगे बढ़ा सकें। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, यह एक सिस्टम के प्रति संदेश था – “पेड़ लगाने वाला खड़ा रहा, व्यवस्था सोती रही!”

संवाददाता पंकज कुमार गुप्ता जालौन उत्तर प्रदेश

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