प्रयागराज - बदलते समय के साथ रिश्तों में बढ़ती दूरियाँ चिंता का विषय – सौरभ रावत

स्थान: प्रयागराज
दिनांक: 14 अप्रैल 2025

आज के तकनीकी युग में जहाँ संचार के अनगिनत साधन मौजूद हैं, वहीं पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में बढ़ती दूरियाँ एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। जाने-माने समाजसेवी और युवा विचारक सौरभ रावत ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में इस विषय पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि "हम टेक्नोलॉजी से तो जुड़ते जा रहे हैं, लेकिन दिलों से दूर होते जा रहे हैं।" सौरभ रावत ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, करियर की प्रतिस्पर्धा, मोबाइल और सोशल मीडिया की लत ने इंसानों को इतना व्यस्त कर दिया है कि अब रिश्ते बस औपचारिकता बन कर रह गए हैं। माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद कम हो गया है, पति-पत्नी में भावनात्मक जुड़ाव कम हो रहा है और भाई-बहनों के रिश्ते अब त्योहारों तक सीमित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले जहाँ संयुक्त परिवारों में आपसी सहयोग, प्यार और समझदारी का वातावरण होता था, अब एकल परिवारों में संवादहीनता बढ़ती जा रही है। टेक्नोलॉजी जहाँ एक ओर विश्व को जोड़ रही है, वहीं लोगों को अपने ही परिवार से दूर कर रही है। सौरभ रावत ने सुझाव दिया कि हर व्यक्ति को अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय अपनों के लिए निकालना चाहिए। “सिर्फ वर्चुअल कनेक्शन नहीं, वास्तविक जुड़ाव ज़रूरी है। एक साथ बैठकर भोजन करना, बिना फोन के संवाद करना और त्योहारों को मिलकर मनाना रिश्तों को फिर से जीवंत बना सकता है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी को समझना होगा कि जीवन केवल सफलता और पैसे तक सीमित नहीं है। सच्ची खुशी तो रिश्तों में ही छिपी है। यदि हम समय रहते नहीं चेते, तो आने वाली पीढ़ियाँ भावनात्मक रूप से बहुत अकेली हो जाएँगी। रावत ने स्कूलों और कॉलेजों में "रिश्तों की अहमियत" जैसे विषयों पर विशेष कार्यशालाएँ आयोजित करने की बात भी कही, जिससे युवाओं में संवेदनशीलता और पारिवारिक मूल्यों के प्रति समझ विकसित की जा सके। अंत में, सौरभ रावत ने सभी से अपील की कि वे दिन के कुछ पल अपनों के नाम करें। “रिश्ते कोई तकनीकी डिवाइस नहीं हैं जिन्हें जब चाहा ऑन किया और जब चाहा ऑफ। इन्हें समय, स्नेह और समझ की जरूरत होती है।” उनकी यह बात हर उस व्यक्ति के लिए एक संदेश है जो दौड़ती जिंदगी में कभी-कभी ठहरना भूल गया है। रिश्तों को समय देना, उन्हें समझना और निभाना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

संवाददाता पंकज कुमार गुप्ता जालौन उत्तर प्रदेश

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने