स्वयं सहायता समूह का मानदेय बकाया, जिला पंचायत सीईओ ने कहा जानकारी प्राप्त करेंगे
ओम प्रकाश कसेरा
जावद नगर सहित जिले के स्वयं सहायता समूह एवं सांझा चूल्हा रसोईया संघ को समय पर मानदेय नहीं मिलने से उन्हें कई प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जनवरी महीने से मानदेय बकाया फरवरी महीने के 2 दिन शेष बचे हैं,
महिला स्वयं सहायता समूह संघ मध्य प्रदेश द्वारा मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर, एवं जिला पंचायत सीईओ के नाम से उनके कार्यालय में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया जिसमें दर्शाया गया की प्रधानमंत्री पुरक पोषण संनिर्माण योजना एवं आंगनवाड़ी सांझा चूल्हा योजना की आवश्यक समस्याओं के संबंध में
उपरोक्त विषय अनुसार मध्यान भोजन एवं आंगनवाड़ी योजना को संचालित करने में आ रही महत्वपुर्ण समस्या निम्नानुसार हैः
शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में शासन की महत्वपुर्ण योजना प्रधानमंत्री पूरक पोषण संनिर्माण योजना अंतर्गत दोपहर का भोजन समूह द्वारा संचालित किया जाता है जिसमें उपस्थित छात्र संख्या के मान से राशि एवं खाद्यान जारी नही होने से योजना का संचालन करने में आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए राशि खाद्यान प्रतिमाह समय पर जारी हो। महंगाई को देखते
हुए मध्यान भोजन की लागत दर बढ़ाई जाए एवं खाद्यान्न की मात्रा भी बढ़ाई जाए ईधन हेतु गैस टंकी की राशी दर्ज छात्र संख्या की मान से अलग से तय की जाए।
विशेष भोजन के दिन लागत ज्यादा आती है इसलिए विशेष भोज के दिन प्रति छात्र लागत रावी बढ़ाई जाए। महिला बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रो में दर्ज छात्र संख्या के मान से खाद्यान्न एवं राशि जारी की जाए जो कि वर्तमान में बहुत की कम मात्रा में राशि एवं खाद्यान्न जारी होने से योजना का संचालन करने में समूह संचालक को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एवं इंधन और आंगनवाड़ी केन्द्रो की दुरी के हिसाबसे परिवहन की राशि अलग से जारी की जाए।
मध्यान भोजन एवं आंगनवाड़ी रसोईया का मानदेय समय पर जारी हो एवं विद्यालय में बच्चों द्वारा भोजन करने के पश्चात थाली साफ करवाने हेतु अलग से एक महिला की नियुक्ति हो और उसका मानदेय अलब से जारी किया जाए।
महिला समूह संचालक शिक्षित नही होने के कारण उनके द्वारा कई प्रकार की जानकारियों के अभाव में लेखा जोखा का रिकार्ड नही रखा जाता है, जिससें संबधित विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी मांगने पर उपलब्ध नहीं होने से उन्हे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए समूह संचालको को बेवजह कागजी कार्य से दुर रखा जाए क्योकि समय पर खाद्य एवं राशि जारी नहीं होने से वह अपना रिकॉर्ड सही ढंग से नहीं रख पातें है।
लाड़ली बहनो की तर्ज पर कार्यरत महिला रसोईया के मानदेय प्रतिमाह जारी होने की एक निश्चिततारिख तय की जाए। श्रीमान से निवेदन कि बिन्दु क. 1 से 7 तक की महत्वपुर्ण समस्याओं का निराकरण करवाने का कष्ट करे जिससे संबधित समूह संचालक को योजना का संचालन करने में किसी प्रकार की समस्या का समना नही करना पड़े, विज्ञापन प्रस्तुत किए जाने के दौरान संघ की जिला अध्यक्ष
माया पाटीदार,
सचिव आशा शर्मा,
सहित स्वयं सहायता समूह संघ से जुड़ी महिलाएं उपस्थित रही
यह भी बताया गया
केंद्र सरकार की जानकारी के अनुसार स्वयं सहायता समूह को 100% के मान से राशि प्राप्त की जानी चाहिए जिसमें 60% केंद्र एवं 40% राज्य सरकार से प्राप्त होती है, परंतु विगत वर्षों से सिर्फ 60% राशि ही आवंटित की जा रही है, जिस कारण मेनू के आधार पर भोजन देने में स्वयं सहायता समूह को कर्जदार होना पड़ रहा है, महंगाई को देखते हुए प्राथमिक शाला में प्रति छात्र भोजन पकाने की लागत दर 5.45 पैसे की जगह 10 रुपए बढ़ाया जाए, एवं खाद्यान्न 100 ग्राम की मात्रा बढ़ाकर 200 ग्राम की जाए, इसी प्रकार माध्यमिक शाला में प्रति छात्र भोजन दर 8.17 पैसे की जगह 15 रुपए बढ़ाया जाए, एवं खाद्यान्न 150 ग्राम से बढ़ाकर 300 ग्राम किया जाए, आंगनवाड़ी केंद्र में कार्यरत रसोईया बहनों का मानदेय 500 रुपए से बढ़ाकर 3000 हजार रुपए महीना किया जाए,
विगत 2 वर्षों में प्रदेश स्तर पर रसोईया बहनों की संख्या 2 लाख 32 हजार हुआ करती थी, जो आज कम होकर 2 लाख 12 हजार रह गई है, जिससे रसोईया बहने
बेरोजगार हो चुकी है, स्थानीय से लगाकर जिले के सभी स्वयं सहायता समूह आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं,
जिला पंचायत सीईओ
अमन वैष्णव से इस संबंध में जानकारी प्राप्त की गई उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह एवं सांझा चूल्हा रसोईया संघ का मानदेय बकाया होने की उन्हें जानकारी नहीं है वह इस मामले की जानकारी प्राप्त करेंगे,
प्रदेश अध्यक्ष
माया मनोहर बैरागी ने कहा (एमडीएम) महिला स्वयं सहायता समूह एवं सांझा चूल्हा रसोईया संघ का जनवरी महीने से मानदेय बकाया है और फरवरी महीने के कुल 2 दिन शेष बचे हैं, समय पर मानदेय नहीं मिलने के कारण समूह को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, हालात यह है कि आंगवाड़ी केंद्र के लिए भोजन पकाने हेतु उपयोग में लाए जाने वाले बर्तन पूरी तरह खराब हो चुके हैं, प्रशासन से हमारी मांग है कि समूह को नए बर्तन उपलब्ध करवाए जाए,