बरखेड़ा उपचुनाव की हो सकती है मतगणना
ओमप्रकाश कसेरा
जावद समीप ग्राम बरखेड़ा कामलिया पंचायत के उपचुनाव पिछले वर्ष 9 दिसंबर को संपन्न हुए थे, परंतु चुनाव प्रक्रिया के दिन ही तत्कालीन सरपंच नरेश पाटीदार कमिश्नर उज्जैन एवं हाई कोर्ट इंदौर पहुंचे और उन्होंने उपचुनाव की उपचुनाव की मतगणना रोके जाने की मांग की थी तत्पश्चात इंदौर हाई कोर्ट द्वारा उज्जैन कमिश्नर को मामले की जांच के लिए प्रेषित किया गया उसके बाद उपचुनाव की मतगणना पर रोक लगा दी गई,
यह है मामला
बरखेड़ा कामलिया के अंतर्गत ग्राम मोरका स्थित मुख्य मार्ग के पास 17 हजार 100 स्क्वायर फीट गांव ठाव की शासकीय भूमि पर 4800 स्क्वायर फीट, के 2 पट्टे, कुल 5600 स्क्वायर फीट, एवं 1500 स्क्वायर फीट, के 5 पट्टे, जो 7500 स्क्वायर फीट भूमि को सरपंच नरेश पाटीदार, एवं उनके पुत्र अनिल पिता नरेश पाटीदार, रामप्रसाद हीरालाल नागदा निवासी मोरका, देवीलाल पिता रघुनाथ नागदा निवासी मोरका, शांतिलाल पिता राधेश्याम नागदा निवासी मोरका, दिनेश पिता मांगीलाल नागदा निवासी मोरका ने 12 लोगों मे मुस्तफा पिता इकबाल हुसैन बोहरा निवासी नीमच, रानू पति- वैभव ओझा जावद, घनश्याम पिता सत्यनारायण मंदारा धाकड़ जावद, के द्वारा एक दूसरे से खरीदकर एवं एक दूसरे को बेच दिया गया,
और इस मामले की शिकायत उमाशंकर नागदा, मनीष चौबे, शोभाराम धाकड़ आदि के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से लगाकर उज्जैन कमिश्नर, जिला कलेक्टर नीमच, एसडीएम जावद सहित अन्य शासकीय विभाग मैं संबंधित अधिकारियों के समक्ष की गई थी,
परंतु अब गांव ठाव की भूमि होने से शासकीय जमीन बेचने वालों के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है, और शासकीय जमीन खरीदने वालो का कहना है कि उन्होंने शासन के नियम अनुसार रजिस्ट्री शुल्क जमा करवारकर जमीन को खरीदा है इसलिए वह दोषी नहीं है,
जिला पंचायत सीईओ अरविंद डामोर द्वारा पिछले वर्ष 12 नवंबर को जारी किए गए आदेश अनुसार सरपंच नरेश पाटीदार को पद से पृथक किया गया, जिसमें दर्शाया गया कि जावद जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम मोरका मैं जमीन के मामले में प्रकरण का मेरे द्वारा अवलोकन कर संलग्न दस्तावेज तथा (एसडीम) अनुविभागी अधिकारी उपखंड जावद से प्राप्त प्रतिवेदन न्यायालय अनु विभागीय अधिकारी उपखंड जावद से प्राप्त प्रतिवेदन न्यायालय अनुविभागी अधिकारी उपखंड जावद से प्रकरण की मूल प्रति उसमें संलग्न समस्त दस्तावेजों तथा शिकायत जांच प्रतिवेदन जारी किए गए, सूचना पत्र एवं अनावेदको एवं अन्य समस्त के द्वारा प्रस्तुत जवाब आदि का अवलोकन कर मनन किया गया वह पाया कि नरेश पाटीदार सरपंच ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया, के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासकीय भूमि के अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर स्वामित्व प्रमाण पत्र जारी किए गए, जबकि भू राजस्व संहिता की धारा 244 अंतर्गत उक्त अधिकार तहसीलदार को प्राप्त है,सरपंच द्वारा उक्त स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर रजिस्ट्री करवाई जाकर हेरा फेरी की गई, अतः नरेश पाटीदार सरपंच ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया जनपद पंचायत जावद को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के अंतर्गत सरपंच ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया के पद से पृथक किया जाता है,
उपचुनाव संपन्न हुए
इसके बाद ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया मैं सरपंच पद हेतु उपचुनाव संपन्न हुए, और चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए मतगणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर सरपंच नरेश पाटीदार कमिश्नर एवं इंदौर हाई कोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें स्टे प्राप्त हो गया, और अब पिछले दिनों 7 फरवरी को कमिश्नर एवं हाई कोर्ट द्वारा याचिका करता की अपील को खारिज किया गया, प्रकरण क्रमांक 38237- 2024
पेज क्रमांक 2 के अनुसार दोनों पक्षों के विद्वान तथा शिकायतकर्ता को सुनने तथा अभिलेख का अवलोकन करने के पश्चात यह न्यायालय इस राय पर पहुंचा है की याचिका करता की अपील पर अंतिम रूप से सुनवाई हो चुकी है, तथा उसे आदेश के लिए सुरक्षित रखा गया है, इस याचिका में निर्णय करने के लिए कुछ भी शेष नहीं है, तथा इसे निष्फल मानते हुए खारिज किया जाता है,
यानी याचिका करता की शिकायत हाई कोर्ट एवं कमिश्नर उज्जैन से खारिज हो चुकी है, परंतु हाई कोर्ट एवं कमिश्नर से खारिज होने का आदेश फिलहाल जारी नहीं हुआ है,
संभवत आदेश जारी होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश अनुसार बरखेड़ा कामलिया उप सरपंच के चुनाव की मतगणना प्रारंभ हो सकती है,
जनपद सीईओ
आकाश धुर्वे से इस संबंध में जानकारी प्राप्त की गई, उन्होंने कहा शिकायतकर्ता की अपील खारिज होने की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है परंतु उसकी मूल प्रति उन्हें प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए प्रमाणिक दस्तावेज प्राप्त होने के बाद ही वह इस मामले की जानकारी दे सकते हैं,
सरपंच नरेश पाटीदार का कहना है, मैं न्याय की लड़ाई लड़ रहा हूं
इंदौर हाई कोर्ट में मेरे द्वारा शिकायत की गई थी जिसका मामला विचाराधीन है, मेरी अपील खारिज नहीं हुई है,