जनपद फतेहपुर अलताफ हुसैन कि रिपोर्ट

 





उत्तर प्रदेश के टोल प्लाजाओं पर खास सॉफ्टवेयर के जरिए करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी का मामला सामने आया है। मंगलवार देर रात लखनऊ से गई एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम ने मिर्जापुर के अतरैला राजा टोल प्लाजा पर छापेमारी कर इस घोटाले का पर्दाफाश किया। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह घोटाला करीब 120 करोड़ रुपये का है।


एसटीएफ के अनुसार, यह गड़बड़ी बिना फास्टैग वाले वाहनों के जरिए की जाती थी। टोल प्लाजा पर लगे सॉफ्टवेयर से फर्जी रसीदें बनाई जाती थीं। जिनसे राजस्व का बड़ा हिस्सा ठेकेदार और कर्मचारियों के बीच बांटा जाता था। एसटीएफ ने मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा से चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए कर्मियों में जौनपुर के आलोक सिंह, लालगंज के मनीष मिश्र और प्रयागराज के राजीव मिश्र शामिल हैं। आलोक सिंह, जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है उसने खुलासा किया कि उसने खुद यह सॉफ्टवेयर तैयार किया है।


आरोपी आलोक सिंह ने बताया कि हर्रो टोल प्लाजा प्रयागराज, अम्दी टोल प्लाजा लोहरा आमगढ़, बागपत, बरेली, गोरखपुर, सौनौली, शामली, अतरैली शिव गुलाम टोल प्लाजा मिर्जापुर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, झारखडं, पंजाब, गुजरात,

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