चार अलग अलग राज्यों के साहित्यकारों ने, चारो दिशाओं में बिखेरा, अपनी लेखनी का लाजवाब जलवा।


भोपाल :- काव्य धारा प्रवाह Facebook मंच के 45 वें Live कवि सम्मेलन में, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा ओर मध्य प्रदेश जैसे चार राज्यों के प्रख्यात साहित्यकारों ने मंच से ,अपनी लेखनी के द्वारा, चारो दिशाओं में अपनी लाजवाब रचनाओं का जलवा बिखेरा।

काव्य धारा प्रवाह मंच की संस्थापिका श्रीमती पायल जी ने, भारत पत्र के रिपोर्टर अनुरुद्ध कौरव से बातचीत के दौरान बताया कि, इस बार उनके Live कवि सम्मेलन में, देश के अलग अलग राज्यों के प्रसिद्ध साहित्यकारों ने हिस्सा लेकर, मंच की शोभा बढ़ाई और, अपनी शानदार रचनाओं की रोशनी से, चारो दिशाएं प्रकाशमान कर दी।

45 वें Live कवि सम्मेलन के संचालन की बागडोर, मंच के अध्यक्ष श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने, बहुत ही शानदार तरीके से संभाली हुई थी, उन्होंने सर्वप्रथम, सभी कविर्विदों का गौरवमयी विस्तृत परिचय दिया और मंच का परिचय भी दिया। मंच संचालक महोदय, प्रत्येक कविर्विद को आमंत्रित करने से पूर्व, बहुत ही लाजवाब मुक्तकों से, कविर्विदो का अभिनंदन किया।

मां गंगा की पावन धरा कानपुर उत्तर प्रदेश की प्रख्यात कवयित्री श्रीमती कुसुम सिंह अविचल जी ने, मां सरस्वती जी की वंदना करके, Live कवि सम्मेलन का शुभ आरंभ किया।

सबसे पहले, देश ओर विदेशी संस्थाओं से सम्मान प्राप्त, पंजाब के प्रख्यात कविर्विद, डॉक्टर श्री रवि घायल जी को आमंत्रित किया गया। उन्होंने मंच पर, बहुत शानदार मुक्तक सुनाते हुए, अपने जन्मदिन पर लिखी लाजवाब,

"ऊपर वाले को भी, हमारी कमी खलने लगी है।"
"देखो देखो, मेरी उमर ढलने लगीं है।।"
रचना सुनाई, ओर इसके बाद, द्वितीय सत्र में, मुक्तक के साथ साथ,

"हूं तन्हा तो, निकलना ,छोड़ दूं क्या।"
"मैं सूरज हूं, चमकना छोड़ दूं क्या।।"
जैसी बहुत ही शानदार रचना सुनाई, जिसे सुनकर सभी वाह वाह कर उठे
ओर इसके बाद उन्होंने,

"कभी सूटकेस में, कभी फ्रिज में, पैक मिलती हूं मैं।"
"पहचान नहीं पाते, क्योंकि टुकड़ों में बटी मिलती हूं मैं।।"

जैसी लाजवाब रचना सुनाई, जो आजकल की भयंकर कुकृत्य लव जिहाद पर आधारित थी, उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से, देश के इस गंभीर विषय पर, बहुत मुखर आवाज में अपनी आवाज और बात रखी।

इनके बाद, गुरुग्राम हरियाणा में जन्मे, प्रख्यात साहित्यकार एवं कविर्विद श्री विनय कुमार जी ने, अपने शानदार, जानदार और लाजवाब शेर शायरियां से, मंच का माहौल खुशनुमा बना दिया, उन्होंने,

"जिंदा रहकर भी, कई बार मरा हूं मैं।"
"बस इसी तरह जिस्त का सफर कर रहा हूं मैं।।"
ओर
"आज दस्त भी खामोश है। ओर सहरा भी खामोश ।"
"ये कैसा दहशत ओ खौफ है, सब कुछ है खामोश।।"
जैसे शानदार मुक्तक सुनाने के साथ साथ, दूसरे सत्र में, लाजवाब गजल और कविता सुनाई।
जिसमें से एक रचना,

"मेरी परेशानियां है बेपनाह, ओर मै, अजाब में आधा इधर, आधा उधर।"
"अपनी ही उलझनों में फंसा हर बसर है, बजा में रहता है वो, आधा इधर, आधा उधर।।"
बहुत ही पसंद की गई। उनकी इस रचना पर उन्होंने, खूब वाह वाही लूटी।

कानपुर उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती कुसुम अविचल ने, अपनी बारी पर, अपने चिरपरिचित अंदाज में, मां गंगा जी को एक रचना समर्पित की।

"उत्तर भारत भूमि धन्य, गंगा का यहां किनारा है।"
"भागीरथ नदी अति पावन, भगीरथ ने इसे उतारा है।।"
इस रचना में उन्होंने, मां गंगा की बहुत ही सुंदर झांकी प्रस्तुत करते हुए, गंगा माई का बहुत ही सुंदर गुणगान किया।
ओर
उन्होंने दूसरे सत्र में, भ्रूण हत्या पर, बहुत ही मार्मिक कर देने वाली रचना सुनाते हुए, संदेश दिया कि,कन्या भ्रूण हत्या देश में बंद होनी चाहिए, उनकी रचना कुछ इस प्रकार रही,

"प्रसफोरण भ्रूण का, कलिका बन ना सकी।"
"अंकुरण बनने से पहले, मै कुम्हला गई।"

कुसुम जी की इस रचना पर, श्रोताओं के बहुत सुंदर सुंदर और हृदय को प्रफुल्लित कर देने वाले कमेंट्स आए।

मंच संचालक आदरणीय श्री दौलत सिंह ठाकुर साहब ने, भारतीय संस्कारों पर बहुत ही लाजवाब रचना सुनाई। उन्होंने

"संस्कार जो मानव को, मानवता सिखलाते है।"
"संस्कार जो मर्यादा का, नित नव पाठ पढ़ाते है।।"
नामक रचना सुनाई, जिसमें उन्होंने आज के समाज में, बच्चों को शिक्षित करने के साथ, उनमें भारतीय संस्कार देने पर बहुत जोर दिया। उनकी इस रचना पर, साहित्यकारों एवं दर्शको ने, श्री दौलत सिंह ठाकुर जी का बहुत सम्मान किया।

मंच के शिखर पर, काव्य धारा प्रवाह मंच की संस्थापिका, श्रीमती पायल पटेल जी ने,

"भुला तू भी नहीं सकता, भूला मै भी नहीं सकती।"
"दगा तूने किया लेकिन, दगा मै कर नहीं सकती।।"

जैसी प्यारी रचना सुनाकर, मंच पर उपस्थित सभी साहित्यकारों एवं दर्शकों को, करताल बजाने के लिए बाध्य कर दिया। उनकी यह रचना बहुत पसंद की गई।

मंच संस्थापक श्री दौलत सिंह ठाकुर जी ने, कार्यक्रम का विधिवत समापन करते हुए, सभी साहित्यकारों एवं दर्शको का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।

श्रीमती पायल पटेल जी ने, आगे HD SCN News India को बताया कि, आज उनके मंच पर, देश के अलग अलग राज्यों के, देश ओर विदेशों में सम्मानित साहित्यकारों ने मंच को साझा किया। जिसमें से डॉक्टर श्री रवि घायल जी, कविर्विद होने के साथ साथ, एक विशेष कला में प्रशिक्षित है, जिनके साथ काव्य धारा प्रवाह, आगामी कुछ दिन में, एक घंटे का Live कार्यक्रम रखकर, उनकी प्रतिभा का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि, काव्य धारा मंच, हिंदी साहित्य ओर देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियोंके लिए पूर्णतया समर्पित हैं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए शतत कार्यरत है। श्रीमती पायल पटेल जी ने, भारत पत्र का धन्यवाद देते हुए, अपनी वार्तालाप को विराम दिया।

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