दुनिया में सबसे पहले आतंकवाद की शुरूआत जनाबे फातमा जहरा के घर को जला कर की गयी
सुल्तानपुर : मोहम्मद साहब की इकलौती बेटी जनाबे फातमा जहरा के शहादत के मौके पर वृहस्पतिवार को अंजुम असगरिया अमहट की तरफ से हुसैनिया नौतामीर अमहट में रात 8 बजे एक मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें पेशख्वानी जोहेर अकबरपुरी, आरिफ रजा लखनऊ, अंसार सुलतानपुरी, आबिस रजा सुलतानपुरी, संचालन मौलाना फैज अब्बास, मौलाना जीशान हैदर ने की और मजलिस मौलाना रेहान हैदर जैदी आस्ट्रेलिया ने पढ़ी। उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब के शहादत के बाद इस्लाम विरोधियों ने अपनी एक हुकूमत बनाली जब कि मोहम्मद साहब ने अपने बाद अंतिम हज की वापसी पर गदीर खुम के मैदान में सवा लाख हाजियो के सामने खुदा के हुक्म से मौला अली को अपना उत्तराधिकारीकारी बनाया था लेकिन मुसलमानो ने इसके बाद भी अपना खलीफा बना लिया और अली से जबरदस्ती अपने को मोहम्मद साहब का उत्तराधिकारी मानने के लिए दबाव डालने लगे और न मानने पर अली के घर में आग लगा दी गयी और जलता हुआ दरवाजा जनाबे फातमा जहरा के ऊपर गिरा दिया गया, जिससे वह बेहद जख्मी हो गयी और 18 साल की उम्र में आज ही की तारीख को शहीद हो गयीं, यह दुनिया की सबसे पहली आतंकवादी घटना थी जहाँ से आतंकवाद की शुरूआत हुई, फातमा जहरा की शहादत पर उनके छोटे छोटे बच्चे बहुत रोये उन्हें मदीना के जन्नतुलबकीय कब्रस्तान में सिपुर्दे खाक किया गया, इसके बाद सभी अंजुमनो ने नौहा मातम किया, जनाबे फातमा जहरा सलामुल्लाह अलैहा के शबीह ताबूत का जुलूस कैंडिल मार्च के साथ हुसैनिया नौतामीर से उठा कर जामा मस्जिद अमहट पर खत्म किया गया, दौराने जुलूस मौलाना मोहम्मद जाफर खान, मौलाना सैयद मोहम्मद आबिद मुजफ्फर नगर तकरीर की। इसकी जानकारी हैदर अब्बास खान अध्यक्ष हुसैनी शिया वेलफेयर एसोसिएशन सुलतानपुर ने दी है।