काष्टमयी जीवन तक तो ठीक था, जावद में तो मरणोपरांत भी कष्ट ही कष्ट है


जावद नगर की अतरंगी किस्सों से तो आप सभी अच्छी तरह से परिचित हैं ही, बस उसी कड़ी में शुक्रवार को एक और किस्सा जुड़ गया जब कंठाल चौराहा निवासी स्वर्गीय श्री कन्हैया लाल जी सोनी की धर्मपत्नी एवं दिनेश जी की माताजी के आकस्मिक निधन के बाद उनकी शवयात्रा निकली। दरअसल शमशान के मार्ग के बीच में जावद की खाल (खार)  भी पड़ती है और जैसा ही सभी को ज्ञात है वर्षाकाल चल रहा है तो जावद की खार में पानी भी भरा है, किन्तु जाने वाले को आजतक कौन रोक पाया है।  बस इसी के चलते शवयात्रा को गुठने तक भरे पानी के बीच में होते हुए ले जाना पड़ा, इसी लिए अगर ये कहाँ जाए की मरणोपराँत भी कष्ट ही कष्ट है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। रही बात सरकार की तो वो इस और कब ध्यान देगी किसी को नहीं पता, हालाँकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधायक श्री ओमप्रकाश सकलेचा के पिताजी स्वर्गीय श्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा का स्मृति स्थल भी इसी खाल को पार करने के बाद आता है। 

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