देवभूमि पहाड़ में पंचायत चुनाव की पूर्व तैयारी

*देवभूमि पहाड़ के पंचायत चुनाव एवं क्षेत्र विकास की अवधारणा सहित मानसिकता बदलनी होगी*   ------------------------------------   (देहरादून से भरत सिंह रावत)     -------------------------------------
 *देवभूमि पहाड़ के पंचायत चुनाव एवं क्षेत्र विकास की अवधारणा सहित मानसिकता परिवर्तन करनी होगी* ..... 
बस कुछ समय बाद फिर देवभूमि पहाड़ के गांव में पंचायत चुनाव की चहल कदमी शुरू होगी , फिर से याद आयेंगे हम जैसे लोगों को गांव की तिबारी,  किसने किससे कितना स्नेह सहयोग मदद किया कुछ का प्रेम भाव बढ़ेगा तो कुछ का टूटेगा । 5 साल तक जो देहरादून चंडीगढ़ दिल्ली की सरहद से गांव की तमाम विकास की बात करते थे वो भी अब गांव की चौपालों मे सरलता से दिखने लगेंगे। जो गांव इन 5 सालों में लगभग बंजर वीरान उजाड़ सा  सुनसान हो गया था वहां अब कुछ समय बाद पंचायत चुनाव रूपी महापर्व महाकौथिक में चाय दारू विभिन्न शराब की बहार  रंगत होगी ..... ना चाहते हुए भी बिना बोले चाय नाश्ता आ जाएगा मुर्गा चिकन भी तैयार रहेगा , न जाने कितनी मासूम बकरियां का बलिदान होगा और चुनाव परिणाम आने के बाद कितनों की मवासी घाम लगेंगी । 5 साल का गांव वालों का प्यार कुटुंबवाद,परिवारवाद, भाई भतीजावाद  खोला़ धड़ावाद जात पातवाद तक सिमट जायेगा । गांव के विकास की बात तो दूर लोग खुद के घर को भूल जायेंगे जब ये पंचायत चुनाव आयेंगे तो फिर से पहाड़ों के बंद रास्तों से झाड़पात हटेगी...  स्वच्छता अभियान भी होगा..  अपनी अपनी उम्मीदवारी के लिए दावेदारी होगी ? और मतदान से एक दिन पूर्व गाडियां भर भर  के वोट देने हेतु गांव आएंगे ऐसी व्यवस्था भी होगी ... वीरान पड़ी गांव की तिबारी दुकान रास्ते कुछ दिनों के लिए गुलजार हो जाएंगे ...   सूनी पड़ी रातों की महफिल जाग जाएगी । फोकस होगा तो सिर्फ दो बातों पर कि पहले वाले पंचायत प्रतिनिधि ने क्या क्या गलतियां किया ? और किसकी वोट किसको है ?  पूरा नफा नुकसान की गणित लगभग 20 दिन रात भर चैन विश्राम आराम  हराम कर देगी .... लेकिन भाई चहल पहल तो बहुत होगी....  जिन्होंने कभी गांव देखा नही 18 वर्ष का हो गया मतदान सूची में नाम है जबरदस्ती अपने-अपने पक्ष में मतदान हेतु बोला जाएगा यहां तक आने-जाने गाड़ी की भी व्यवस्था हो जाएगी । जी तोड़ मेहनत कर जिन लोगों की बदौलत गांव बचा है जो राह देखते है 5 साल में किसी अपने की कोई तो सुध लेगा गांव की वो भी बड़े खुश होंगे कि चलो फलाने का बेटा बहू आए हैं और हमें समौण लाए हैं । और पंचायत चुनाव की वो कालरात्रा 5 साल के गांव के बंधुत्व प्रेम को ले डूबाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी ।
इतनी तिगड़म फिगडम करने के बाद देहरादून दिल्ली चंडीगढ़ रुड़की श्रीनगर से आए लोग भले ही मजबूरी में मतदान करने आएंगे किंतु इसी बहाने अपने गांव खेत खलिहान भी देखकर अपनी खुद बिसराएंगे । किंतु ऐसे बहुत कम ग्राम पंचायतें होंगी या क्षेत्र होंगे जहां से निर्विरोध पंचायत प्रतिनिधि का चुनाव होगा एवं ऐसा संजोग भी बहुत कम ही होगा जहां शिक्षित योग्य कर्मठ सक्षम सुयोग्य व्यक्ति को अवसर मिलेगा ।
देवभूमि पहाड़ के लगभग 95% गांव की दशा यही है । *इस पोस्ट  रेबार संदेश मैसेज का मकसद आने वाले चुनाव में ये सब न होकर ग्राम एवं क्षेत्र विकास की सोच पर विचार हो साथ ही वास्तव में जमीन पर कार्य हो हर गांव का ग्राम प्रधान पंचायत प्रतिनिधि निर्विरोध चुना जाए तो बहुत अच्छा रहेगा ऐसी सहमति बने और बेहतर सुयोग्य सक्षम प्रतिनिधि के चयन हेतु सभी ग्रामवासी क्षेत्रवासी संभावित उम्मीदवारों की योग्यता क्षमता दक्षता सक्षमता का सही-सही मूल्यांकन करें और आमतौर पर इस मौके पर होने वाली  क्लेश टेंशन कुटुंब परिवार में ही विघटन मतभेद को दूर करने के लिए सभी गांव क्षेत्र वासी न्यायिक सहयोग करने का मन बनाएं ...मतभेद मनभेद ना हो सब मिलकर गांव एवं क्षेत्र में जो प्रमुख समस्याएं हैं उनका उचित समाधान हो सके इस प्रकार प्रत्येक मतदाता अपने-अपने ग्राम एवं क्षेत्र विकास उत्थान प्रगति सुनिश्चित करने का साहस और पहल करेंगे, जो की विकास उत्थान की सकारात्मक अवधारणा सहित स्वस्थ मानसिकता और भावना का विकास कर सके* ।   
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