आज सम्पूर्ण विश्व में प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण को संरक्षित संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और हमारी की सुरक्षा के लिए कार्रवाई को प्रेरित करने के लिए पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस 1970 में शुरू किया गया है यह एक विश्वव्यापी आंदोलन बन गया है, जो प्रत्येक मानवता को पृथ्वी के प्रति उसकी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। यह हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य पर चिंतन करने, मानवीय गतिविधियों से होने वाले नुकसान को पहचानने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रकृति को बहाल करने और संरक्षित करने के लिए कदम उठाने का एक दिन है जो हर रोज लोगों के मन में नयी प्राकृतिक उमंग लेकर वसुंधरा को प्रदूषित और स्वच्छ बनाये और दूसरी ओर पेड़ पोधों से हरी-भरी बनाए तभी हम सतत विकास करने में अहम भूमिका निभायेगे। यह हमारे परिस्थितिकी तंत्र को श्वसनतंत्र को ऑक्सीजन देने के लिए हमारा ग्रह आगे आने वाली पीड़ियों के लिए बच पायेगा। हर साल का पृथ्वी दिवस स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और समुदायों में बड़े उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ मनाया जाता है । पृथ्वी दिवस 2025 की थीम, हमारी शक्ति हमारा ग्रह हमे अपनी धरा को हरा बना-भरा बना है और प्रदूषण से निपटने, प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और टिकाऊ विकल्पों को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता रिस्टोर पुनः बचाव पर जोर देना। समुद्री जीवन, मिट्टी और मानव स्वास्थ्य पर प्लास्टिक के विनाशकारी प्रभाव को उजागर करने के लिए गतिविधियाँ आयोजित की गईं, साथ ही लोगों को पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पृथ्वी दिवस के सुअवसर पर शैक्षणिक संस्थानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छात्रों ने रैलियों, पोस्टर बनाने पर रोल प्ले नाटक में प्रतियोगिताओं, वृक्षारोपण अभियान और निबंध लेखन कार्यक्रमों में भाग लिया। इन गतिविधियों का उद्देश्य युवा दिमागों को जोड़ना और उन्हें पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक बनाना था। कई स्कूलों ने कचरे के पृथक्करण, पुनर्चक्रण और पानी और बिजली जैसे संसाधनों के संरक्षण के महत्व पर कार्यशालाएँ आयोजित कीं। इस तरह की पहल ने न केवल जागरूकता फैलाई बल्कि छात्रों को अपने दैनिक जीवन में हरित आदतें अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।आज समुदायों में, सार्वजनिक स्थानों, पार्कों और समुद्र तटों पर सफाई अभियान चलाए गए। स्वयंसेवकों ने कूड़ा, विशेष रूप से प्लास्टिक कचरा एकत्र किया और दूसरों को प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। सोशल मीडिया अभियानों ने भी पृथ्वी दिवस के संदेशों को दूर-दूर तक फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। EarthDay2025, SayNoToPlastic और GoGreen Our power our pliant जैसे हेज शटैग ऑनलाइन ट्रेंड हुए, जिससे लोगों को अपनी कहानियाँ, पर्यावरण-सुझाव और संधारणीय जीवन के लिए अभिनव विचार साझा करने का मौका मिला। आज विश्व में कॉर्पोरेट और सरकारी कार्यालयों ने पर्यावरण-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके, दिन के लिए कागज रहित संचार पर बंदन करके और कर्मचारियों को सार्वजनिक परिवहन, साइकिल उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करके हाथ मिलाया। कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को पौधे वितरित किए, इस संदेश को पुष्ट करते हुए कि पर्यावरण संरक्षण की बात आने पर छोटे-छोटे कार्य बड़े बदलाव ला सकते हैं। पृथ्वी दिवस सिर्फ़ जश्न मनाने के बारे में नहीं है; यह हमारे प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता की याद दिलाता है। जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, जैव विविधता का नुकसान और प्रदूषण ऐसी चुनौतियाँ हैं जिनके लिए सामूहिक प्रयास और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। यह दिन व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों को स्थिरता की दिशा में साहसिक कदम उठाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान करता है। निष्कर्ष रूप में, पृथ्वी दिवस एक प्रतीकात्मक घटना से कहीं अधिक है। यह एक वैश्विक आंदोलन है जो हमारे ग्रह की रक्षा के लिए लोगों को एकजुट करता है। सचेत विकल्प बनाकर, अपशिष्ट को कम करके और हरित पहल का समर्थन करके, हम में से प्रत्येक एक स्वस्थ पृथ्वी में योगदान दे सकता है। पृथ्वी दिवस को सिर्फ एक दिन का आयोजन न बनने दें, बल्कि हमारे पर्यावरण की सुंदरता और संतुलन को बनाए रखने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता बनाएं। आखिरकार, हमारे पास सिर्फ एक पृथ्वी है, और इसकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। वसुंधरा का यही नारा नदी, नहर, पोखर, तालाब, पहाड़ और पेड़–पोधें है श्रृंगार इसका न करना दोहन यह बन रहा है रोगों के भंडारण का सहारा इसलिए हमारा ग्रह है ऑक्सीजन शक्ति का पिटारा यहां है मिलती है हवा पानी और भोजन रूपी दवा का प्याला यह है नीला ग्रह हमारा इसलिए पौधें लगा कर्तव्य हमारा, वृक्ष धरा के भूषण है करते दूर प्रदूषण है।
संवाददाता पंकज कुमार गुप्ता जालौन उत्तर प्रदेश