सतपुली मोटर बौगीन खास ...

(देवभूमि से भरत सिंह रावत)   ✍️  .... अपने बुजुर्गों द्वारा बताया गया कि आज से 73 वर्ष पूर्व सतपुली में जो कि इस समय जनपद पौड़ी गढ़वाल का हिस्सा है नयार नदी द्वारा भयंकर बाढ़ जल प्रलय ने उस दौर में न सिर्फ पौड़ी जनपद बल्कि पूरे उत्तरप्रदेश को झकझोर कर दिया था,  सितंबर के इसी समय अर्थात लगभग
13-14 सितम्बर, 1951 की रात्रि को पूर्वी नयार में जल प्रलय का ग्रास बने 22 मोटर- गाडिय़ां व 30 ड्राइवर-कंडक्टरों सहित कई लोगों की जान व माल को जलमग्न कर दिया था ।  

उस ह्रदय विरादक प्रकृति के तांडव की दास्तां आज भी उस वक़्त के जवान युवा और आज के बुजुर्गों के मुंह से सुनने को मिलती हैं कि किस तरह कई घरों के चिराग बुझे, अब लोग समय के साथ साथ उस दर्दनाक घटना को भूल गए, एक स्मारक पर लिखे वो नाम आज भी सतपुली पावर हाउस के समीप धूल एवं काई जमे व झाड़ियों एक बीच ढके मिल जायेंगे।
कहते हैं कविता व गीत अमर होते हैं, उस ञासदी की भयानकता को बयां करता एक मार्मिक गढ़वाली लोकगीत आज भी हर किसी को भाव-विभोर कर देता है।     (विक्रमी संवत 2008 अर्थात 1951 ईसवी सन )
  
*द्वी हजार आठ भादों का मास,
सतपुली मोटर बौगीन खास।
औड़र आई गये कि जांच होली,
पुर्जा देखणक इंजन खोली।
अपणी मोटर साथ मां लावा,
भोल होली जांच अब सेई जावा।
सेई जोला भै-बन्धों बरखा ऐगे,
गिड़गिड़ थर-थर सुणेंण लेगे।
भादों का मैना रुण-झुण पांणी,
हे पापी नयार क्या बात ठाणीं।
सुबेर उठीक जब आयां भैर,
बौगीक आईन सांदन-खैर।
गाड़ी का भीतर अब ढुंगा भरा,
होई जाली सांगुड़ी धीरज धरा।
गाड़ी की छत मां अब पाणी ऐगे,
जिकुड़ी डमडम कांपण लेगे।
अपणा बचण पीपल पकड़े,
सो पापी पीपल स्यूं जड़ा उखड़े।
भग्यानूं की मोटर छाला लैगी,
अभाग्यों की मोटर डूबण लेगी।
शिवानन्दी कु छयो गोवरधन दास,
द्वी हजार रुप्या छै जैका पास।
डाकखानों छोड़ीक तैन गाड़ी लेनी,
तै पापी गाड़ीन कनो धोका देनी।
गाड़ी बगदी जब तैन देखी,
रुप्यों की गड़ोली नयार स्यां फैंकी।
हे पापी नयार कमायें त्वैकू,
मंगसीरा मैना ब्यो छायो मैकू।
काखड़ी-मुंगरी बूति छाई ब्वै न,
राली लगी होली नी खाई गैंन।
दगड़ा का भैबन्धों तुम घर जाला,
सतपुली हालत मेरी मां मा लगाला।
मेरी मां मा बोल्यान तू मांजी मेरी,
नी रयों मांजी गोदी को तेरी।
मेरी मां मा बोल्यान नी रयीं आस,
सतपुली मोटर बौगीन खास।
'द्वी हजार आठ भादों का मास, 
 सतपुली मोटर बौगीन खास।।
    
 काल का ग्रास बनें सतपुली बाढ़ के सभी बलिदानी जनों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं नमन।।  💐💐💐👏🙏

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