वक्फ अधिनियम पर विशेष चर्चा निष्कर्ष

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर बुद्धिजीवी वर्ग के साथ चर्चा के आधार पर निष्कर्ष     
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(उत्तराखंड राजधानी देहरादून से भरत सिंह रावत)
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वक्फ अधिनियम के बारे में अभी हाल ही में देशभर में बुद्धिजीवी प्रेस मीडिया वर्ग द्वारा ही आम जनता को चौंकाने वाली खबर आई थी कि तमिलनाडु के एक गांव तिरुचेंदुरई जो की पूरी तरह सनातन अनुयायियों का अर्थात हिंदू गांव है, जिसमें 1500 साल से भी पुराना हिंदू मंदिर शामिल है, इस पूरे गांव को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया है।   
इससे हिंदू समाज हैरान रह गया कि 10वीं सदी में इस भूमि पर आया एक तथाकथित धर्म कैसे उस भूमि और मंदिर पर दावा कर सकता है जिस धर्म का वह मंदिर है  !

 वक्फ शब्द के वास्तविक अर्थ के अनुसार, संपत्ति को अल्लाह की सेवा में रखा जाता है।  इसलिए, संपत्ति और उसका उपयोग इस्लामी कानून के तहत शासित है।

 वक्फ अधिनियम में एक प्रावधान है, जिसके अनुसार वक्फ बोर्ड, उस व्यक्ति को सूचित किए बिना किसी भी संपत्ति पर कब्जा कर सकता है, जैसा कि पूरे तिरुचेंदुरई गांव में हुआ है। पीड़ित जनसमूह के लिए न्यायालय के दरवाजे भी बंद किए गए हैं,   

अधिनियम की धारा 83 के अनुसार वक्फ न्यायाधिकरण, मुसलमानों के शरिया कानून द्वारा शासित है और शरिया कहता है कि एक बार कोई भूमि वक्फ की हो गई तो सदैव वक्फ की ही रहती है।  

 धारा 85 के अनुसार सिविल न्यायालयों के पास ऐसे वक्फ संबंधी विवादों पर कोई अधिकार नहीं रखा गया है, जो कि  अनुचित अन्यायपूर्ण है

वक्फ अधिनियम सीमाओं के क़ानून के अधीन नहीं है, जो 1963 के भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करता है। इसलिए कोई भी वक्फ बोर्ड कितनी भी संपत्ति रख सकता है और देश में किसी भी संपत्ति पर दावा कर सकता है, जो कि राष्ट्र के लिए बहुत ही घातक है।

यह अधिनियम वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति पर दावा करने के लिए पूर्ण शक्तियाँ प्रदान करता है। यही कारण है कि आज पूरे देश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां अनुमानतः 6 लाख एकड़ से भी ज्यादा है,  और यह सेना और रेलवे के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक है। 
 इस प्रकार से तो यह तथाकथित  अधिनियम देश की समस्त भूमि (निजी एवं सरकारी दोनों) पर कानूनन कब्ज़ा कर लेगा क्योंकि यह अधिनियम एक धर्म विशेष को वक्फ़ बोर्डों को इस प्रकार की शक्तियां प्रदान करता है।

 2014 के लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक एक दिन पूर्व दिल्ली की अरबों रुपए की 123 प्रमुख संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया गया, आखिर क्यों ?? 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत समस्त भारतीय नागरिकों को समानता का अधिकार मिलता है, सभी धर्म और भारतीय नागरिक समान हैं, किंतु वक्फ अधिनियम समानता समरसता सहित संविधान का खुला उल्लंघन करता है।   

 *2014 के बाद जो सरकार बनी   चलो मानते हैं 3 वर्ष उसको देश के हालात दशा नियम कानून समझने में लगा होगा तो फिर* .....  
*सरकार अथवा केंद्रीय शासन पिछले 7 वर्ष से इस मुद्दे पर चुपचाप क्यों रहे ? ऐसे काले नियम कानून अधिनियम पर कानून सचिव कानून मंत्री फिर पूरे कैबिनेट को चर्चा करनी चाहिए थी, उसके बाद जनता के सामने लाना चाहिए था, जो की बहुत देर में जनता के संज्ञान पेड़ आया*    
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