दिनांक 10 अप्रैल 2025 स्थान प्रयागराज
आज के इस तेजी से बदलते युग में समाज को प्रगतिशील, सशक्त और समावेशी बनाने के लिए युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रत्येक युवा को सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। "भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा युवा वर्ग का है। यदि यह विशाल ऊर्जा सही दिशा में प्रवाहित की जाए, तो देश में असंभव लगने वाले परिवर्तन भी संभव हो सकते हैं। सामाजिक कार्यों में युवाओं की भागीदारी न केवल समाज की सेवा है, बल्कि यह स्वयं उनके व्यक्तित्व विकास का भी माध्यम बनती है।" मेरा मानना है कि आज भी देश के कई हिस्सों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, लैंगिक समानता और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर व्यापक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इन क्षेत्रों में युवा वर्ग की सहभागिता से समाज की समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकता है। कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना), एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर), रेड क्रॉस, रोवर्स-रेंजर्स जैसे संगठनों के माध्यम से सामाजिक कार्यों से जोड़ा जाना चाहिए। इससे उनमें सेवा भावना, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास होगा। मेरा सुझाव है कि सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर युवाओं के लिए विशेष सामाजिक अभियान चलाने चाहिए, जिसमें स्वेच्छा से सेवा देने वालों को उचित प्रशिक्षण और प्रोत्साहन प्रदान किया जाए। इससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में भी सामाजिक परिवर्तन की लहर फैलाई जा सकती है। युवाओं से मेरा आह्वान है कि वे केवल सरकारी नौकरियों और निजी क्षेत्र की ओर ही न भागें, बल्कि स्वयं भी सामाजिक उद्यमिता (Social Entrepreneurship) की ओर कदम बढ़ाएं। अपने आस-पास की समस्याओं को समझें, समाधान खोजें और अपने छोटे-छोटे प्रयासों से बड़े बदलाव की नींव रखें आज सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम बन चुका है। यदि युवा जागरूकता फैलाने, जनहित के मुद्दों को उठाने और जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए इसका सकारात्मक उपयोग करें, तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। “हर युवा को यह समझना होगा कि समाज के प्रति हमारी भी एक जिम्मेदारी है। देश की प्रगति केवल सरकार या नीतियों से नहीं, बल्कि जागरूक नागरिकों और सक्रिय युवाओं से संभव होती है। जब तक युवा वर्ग अपने कर्तव्यों को नहीं समझेगा, तब तक पूर्ण रूप से विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा।” विशेष रूप से आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि वे स्वयं को केवल करियर तक सीमित न रखें, बल्कि समाज के उत्थान में भी अपनी भूमिका निभाएं। जब हर युवा समाज सुधारक बन जाएगा, तब भारत एक सशक्त, समान और समावेशी राष्ट्र के रूप में विश्वपटल पर खड़ा होगा।
लेखक - सौरभ रावत (डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन, बाँदा उत्तर प्रदेश )
संवाददाता पंकज कुमार गुप्ता उरई जालौन उत्तर प्रदेश