सोनू नागदा बने सरपंच
पूर्व सरपंच पाटीदार ने कहा न्यायालय जाएंगे
ओम प्रकाश कसेरा
जावद तहसील कार्यालय के समीप स्थित बरखेड़ा कामलिया पंचायत के गांव मोरका की चर्चा पिछले एक वर्ष से हो रही है, क्योंकि पिछले वर्ष तत्कालीन सरपंच नरेश पाटीदार के कार्यकाल में गांव ठाव के अंतर्गत शासकीय भूमि पर अपनों को पट्टे जारी कर दिए, और शिकायतों के बाद मामला उपचुनाव तक जा पहुंचा जिससे सरपंच नरेश पाटीदार की कुर्सी चली गई, कल शुक्रवार को महात्मा गांधी महाविद्यालय में उपचुनाव की मतगणना हुई जिसमें देवीलाल धाकड़ को 696, राधा किशन अहीर को 278,
सोनू पिता उमाशंकर नागदा को 811, एवं नोटा में 22 मत प्राप्त हुए, इस प्रकार सोनू नागदा ने अपने सभी प्रतिद्वंदियों को 115 मतों से हराया, और अब नरेश पाटीदार पूर्व सरपंच के नाम से जाने पहचाने जाएंगे,
फर्जी पट्टे जारी कर दिए
ग्राम पंचायत के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उक्त पंजीयन कराए गए, और उक्त विक्रेता रामप्रसाद, राधेश्याम, देवीलाल, दिनेश, शांतिलाल, का उक्त भूमियों पर कभी भी कोई कब्जा नहीं रहा, तथा ग्राम पंचायत की मिली भगत से फर्जी दस्तावेज एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, और शासकीय भूमि की हेरा फेरी कर शासन को करोडो रुपए का नुकसान किया गया, उक्त विक्रेताओं को सरपंच नरेश पाटीदार ने गलत रूप से प्रमाण पत्र जारी किए, और सभी विक्रेताओं को शासकीय भूमि का प्रमाण पत्र जारी कर उक्त दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि की हेरा फेरी कर अवैध कार्य किया गया, इन विक्रेताओं को ग्राम पंचायत द्वारा पट्टे प्रदान किए गए, जबकि उनको पट्टा प्राप्त करने की पात्रता नहीं है, इनके पास पहले से ही ग्राम पंचायत क्षेत्र में भूमि व मकान स्थित है, एवं उनके पास राजस्व भूमि भी स्थित है जो इनके स्वामित्व एवं आधिपत्य की है, जिससे उक्त व्यक्तियों को ग्राम पंचायत से पट्टे प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है, इस प्रकार क्रेता एवं विक्रेता व सरपंच ने मिलकर शासन को नुकसान पहुंचा कर फर्जी रजिस्ट्रियां करवाई है, तथा सरपंच ने अपने पुत्र के नाम पर भी अवैध रूप से गलत रजिस्ट्री गलत प्रमाण पत्र के आधार पर करवाई, गांव में अनेक गरीब व्यक्ति व आवास हीन लोग निवास कर रहे हैं उनको अनदेखा कर ग्राम पंचायत सरपंच ने अवैध रूप से लाभ कमाने की नीयत से उक्त विक्रेताओं को प्रमाण पत्र यानी पट्टे जारी कर दिए,
पटवारी रिपोर्ट के अनुसार उक्त भूमि राजस्व अभिलेख खसरा में दर्ज है, प्रकरण में मौजा पटवारी द्वारा वस्तु स्थिति एवं मौका रिपोर्ट प्रस्तुत कर अवगत कराया गया कि मोरका स्थित भूमि सर्वे नंबर 134 का मौका पूर्व सूचना उपरांत मय पांचों के देखा गया, ग्राम मोर का स्थित भूमि सर्वे नंबर 134 रकबा 0.87 है मय मौका राजस्व अभिलेख खसरा में दर्ज है, विवादित भूमि भी इसी सर्वे नंबर में होकर रिक्त पड़ी है, मौके पर प्लाट नहीं है, विवादित भूमि पर एक तरफ पत्थर की दीवाल व तीन तरफ तार व खंबे लगे हैं, मौके पर अनावेदक राम प्रसाद पिता हीरालाल, देवीलाल पिता रघुनाथ, राधेश्याम पिता हीरालाल ब्राह्मण निवासी मोरका उपस्थित रहे, अनावेदक गण द्वारा बताया गया कि उक्त भूमि पर उनका कब्जा पूर्व से चला रहा है, उसी कब्जा अनुसार पंचायत से प्रमाण पत्र प्राप्त कर उनके द्वारा ही उक्त भूमि विक्रय की गई, मौके पर आवेदक उमाशंकर पिता डमर लाल नागदा ब्राह्मण उपस्थित रहे व उनके द्वारा बताया गया कि उन्होंने पंचायत सचिव से उक्त भूमि के प्रमाण पत्र के संबंध में जानकारी प्राप्त की जिसमें सचिव ने बताया कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है, उक्त भूमि ग्राम के सर्वे नंबर 134 रकबा 0.87 है का बंदोबस्त पूर्व में सर्वे नंबर 179, 180, 181, 182, 183,
रकबा क्रमशः 0.125, 0.115, 0.219, 0.219, 0.199 कुलकिता 05 कुल किता 0.877 है, एवं दर्ज था जो वर्ष 1958 से खसरा में दर्ज चला आ रहा है, तभी से उक्त भूमि आबादी दर्ज है, वर्ष 2023 मैं शासन की स्वामित्व योजना अंतर्गत आबादी भूमिका अभिलेख तैयार किया गया, मौके पर विवादित भूमि रिक्त होने से प्लांट नंबर 07 रकबा 4011 वर्ग फीट शासकीय दर्ज किया गया है,
सचिव की रिपोर्ट के अनुसार, श्याम सुंदर पाटीदार सचिव ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया जनपद पंचायत जावद जिला नीमच के द्वारापत्र क्रमांक क्यू पंचायत 2024 दिनांक 29 अप्रैल 2024 से अवगत कराया गया कि ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम मोरका की भूमि को अवैध रूप से फर्जी पंचायत प्रमाण पत्र के आधार पर विक्रय करने व अवैध लाभ कमाकर शासन को नुकसान पहुंचाने से संबंधित पत्र श्रीमान का प्राप्त हुआ जिसके संदर्भ में उक्त भूमि संबंधित मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया, तथा मोरका की प्रशना घीन भूमि के संबंध में ग्राम पंचायत में कोई रिकार्ड उपलब्ध है,
अपर कलेक्टर (विकास)
जिला नीमच पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 4 अक्टूबर 2024 को तत्कालीन सरपंच नरेश पाटीदार को पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी हुआ, जिसमें दर्शाया गया आपको सूचित किया जाता है की
न्यायालय अनु विभागीय की अधिकारी राजस्व उपखंड जावद के पत्र क्रमांक 6298/रीडर-1
2024 दिनांक 27 अगस्त 2024 से अवगत कराया गया है कि ग्रामवासी मोरका तहसील जावद जिला नीमच द्वारा दिनांक 27 मार्च 2024 को एक आवेदन पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया गया है कि प्रार्थी गण मोरका ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया मैं शासकीय भूमि स्थित है जिसको अवैध रूप से ग्राम पंचायत के फर्जी दस्तावेज बनाकर शासकीय भूमि का अवैध विक्रय पत्र कराए गए हैं, और उक्त भूमि पर कभी किसी का कब्जा नहीं रहा शासकीय भूमि की हेरा फेरी कर करते हुए सरपंच नरेश पाटीदार ने गलत रूप से प्रमाण पत्र जारी किए है,
सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज होगा,
पिछले वर्ष 7 नवंबर 2024 को तत्कालीन एसडीएम राजेश शाह द्वारा जनपद सीईओ को आदेश जारी किया की ग्राम पंचायत बरखेड़ा कामलिया के अंतर्गत ग्राम मोरका स्थित शासकीय भूमि को अवैध रूप से ग्राम पंचायत से फर्जी दस्तावेज बनाकर विक्रय किया गया है, जिनके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जाने हेतु निर्देश प्राप्त हुए हैं,
शासकीय भूमि अवैध रूप से विक्रय करने मैं कौन-कौन दोषी पाए गए हैं जिनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना है, इसके पश्चात हाई कोर्ट द्वारा इसी वर्ष 20 जनवरी को सभी दोषियों पर मामला दर्ज कराए जाने का आदेश जारी किया गया,
जनपद सीईओ आकाश धुर्वे से इस संबंध में सवाल किया गया की क्या सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज होगा,
जवाब, हमारे द्वारा मूल दस्तावेजों की जांच की जा रही है, बहुत जल्द ही पूर्व सरपंच नरेश पाटीदार के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया जाएगा,
सवाल सरपंच न्यायालय में जाने की बात कर रहे हैं,
जवाब सरपंच न्यायालय में जाने के लिए स्वतंत्र है,
तहसीलदार मयूरी जोक
से इस संबंध में सवाल किया गया,
पूर्व सरपंच नरेश पाटीदार का कहना है की प्रशासनिक अधिकारियों ने मेरी बात को नहीं सुना, इसलिए वे अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में जाएंगे,
तहसीलदार ने कहा मतगणना जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश अनुसार करवाई गई है, पूर्व सरपंच नरेश पाटीदार अपनी बात रखने के लिए न्यायालय में जा सकते हैं वह स्वतंत्र हैं,
पूर्व सरपंच नरेश पाटीदार से सोनू नागदा की जीत के विषय में सवाल किया गया कि इस जीत के विषय में आपका क्या कहना है तो उन्होंने ने कहा प्रशासनिक अधिकारियों ने मेरी बात को नहीं सुना
इसलिए वह चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट पहुंचेंगे,