कृषि उपज मंडी में अव्यवस्था किसान ने किसान के साथ की मारपीट,
ओमप्रकाश कसेरा
जावद स्थानीय कृषि उपज मंडी में इन दिनों लहसुन की बंपर आवक हो रही है जिसके चलते मंडी प्रशासन की अव्यवस्था भी उजागर हो रही है, क्योंकि कृषि उपज मंडी में पद रिक्त होने से कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या नहीं है, किसानों को अपनी कृषि उपज रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल रही है और कुछ लोगों ने अपने वाहन कृषि उपज मंडी परिसर में खड़े कर रखे हैं,
वर्ष 1962 में कृषि उपज मंडी प्रारंभ हुई थी और कृषि उपज मंडी को निरंतर जारी रहते हुए 62 वर्ष बीत चुके हैं, समय-समय पर मौजूदा प्रशासन एवं व्यापारियों द्वारा यह प्रयास किया जाता रहा है की कृषि उपज मंडी में जिंसों की आवक लगातार जारी रहे, जिससे आसपास के किसान भी अपनी कृषि उपज बेचने के लिए यहां पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे, प्रशासन व्यापारी एवं किसानों के बेहतर तालमेल से इन दोनों कृषि उपज मंडी लहसुन की आवक से गुलजार हो रही है, यहां पर 8 से 10 लाइसेंसी व्यापारी कृषि उपज खरीदने का कार्य कर रहे हैं, वर्ष 2004 के दौरान
मंडी प्रशासन द्वारा 11 गोदाम का निर्माण करवाया गया, उस समय व्यापार कर रहे व्यापारियों द्वारा गोदाम निर्माण के खर्च की 50% राशि डिपॉजिट के रूप में जमा करवाई गई इसलिए यह गोदाम उन्हें व्यापारियों के नाम आरक्षित है जो उस समय व्यापार कर रहे थे इसलिए वर्तमान समय में व्यापार कर रहे व्यापारियों के पास कृषि उपज रखने के लिए गोदाम की व्यवस्था नहीं होने से इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है,
कार पार्किंग हो रही है मंडी में, कृषि उपज मंडी के अंदर प्रवेश करते समय मुख्य द्वार के पास कल रविवार को 10 कार दिखाई दी कुछ वाहन तो ऐसे हैं, जिन्हें कवर के साथ रखा गया है, यानी वे पिछले काफी समय से यहां पर खड़े हैं परंतु प्रभावशाली लोगों के वाहन होने के कारण मंडी प्रशासन भी इस मामले को लेकर मौन है जबकि किसानों को अपनी कृषि उपज रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती है तो दूसरी ओर ऐसे समय में भी प्रभावशाली लोगों ने अपने वाहन कृषि उपज मंडी परिसर के अंदर खड़े कर रखे हैं इसको लेकर भी किसानों में नाराजगी है, और मंडी में
कर्मचारियों की कमी होने से मुख्य द्वार पर चौकीदार की व्यवस्था नहीं है, जिससे कभी-कभी मवेशी अंदर प्रवेश कर जाते हैं और किसानो की कृषि उपज को खराब कर देते हैं, यहां तक की मंडी परिसर के फर्श पर प्रतिदिन सफाई भी नहीं होती है, दिन के समय फर्श पर धूल मिट्टी एवं कचरा दिखाई देता है
वही कृषि उपज मंडी में बीते कल शुक्रवार की रात्रि लगभग 9 बजे में दो किसानों के बीच लहसुन रखने की बात को लेकर विवाद हुआ जिसके चलते दो किसान के बीच हुए विवाद में एक किसान ने दुसरे के सिर पर पत्थर से वार किया जिससे वह घायल हो गया। किसान ने मारपीट करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस थाने में शिकायत की जिस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया।
फरियादी किरपालसिह पिता नेपाल सिह उम्र 36 साल निवासी सरोदा ने बताया की वह बीते कल शुक्रवार को अपने गांव सरोदा से टेक्ट्रर ट्राली मे लहसुन भरकर बेचने हेतु जावद कृषि मण्डी आया था जहां पर रात करीब 9 बजे की बात होकर वह उसके अंकल करण सिह पिता रायसिह निवासी सरोदा लहसुन खाली करने के लिए प्लास्टिक का पाल बिछा रखा था जिसे उसके द्वारा सही किया जा रहा था तभी उसके टेक्ट्रर के पास रामचन्द्र पिता काशीराम धाकड निवासी रुपारेल जावद का अपना टेक्ट्रर लेकर खडा था जिसके द्वारा बिना कुछ बात के मेरे साथ गालीगलौच कर मारपीट करने लगा ओर पास मे पडे पत्थर को उठा कर सिर पर मार दिया जिससे वह घायल हो गया हैं।
पीड़ित किसान ने आरोप लगाया की कृषि उपज मंडी में हो रही अव्यवस्थाओं को लेकर कहा है कि कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए पानी की व्यवस्था नही और रात में अंधेरा भी रहता है वही यहां पर किसानो की ऊपज चोरी होने का भी डर बना रहता इसी के साथ लूट डकैती की घटनाएं पहले यहां हो चुकी है उन्होंने जिला कलेक्टर से कृषि उपज मंडी में व्यवस्थाएं ठीक किए की जाने की मांग की है।
घायल व्यक्ति ने उसी रात 9:45 पर पुलिस थाने पहुचकर अपने साथ हुई मारपीट को लेकर शिकायत की जिसमें उन्होंने बताया की उनके साथ की गई मारपीट के दौरान उनके गले, मुंह के जबड़े, एवं सिर पर चोट होने से कल शनिवार को वह नीमच शासकीय चिकित्सालय पहुंचे जहां पर उन्होंने सीटी स्कैन करवाने की जानकारी दी, हाथ और गले का एक्स्ट्रा सोमवार को करवाया जाएगा, इसके बाद किसान की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ बीएनएस 115 (2), 351 (2), 296 धाराओं की प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच प्रारंभ की हैं, किसान के साथ हुई मारपीट की डाक्टरी रिपोर्ट फिलहाल प्राप्त नहीं हुई है,
कृषि उपज मंडी सचिव
समीर दास से इस विषय में चर्चा की गई,
उन्होंने कहा किसान के साथ मारपीट होने की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है, किसी भी किसान के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए, स्टाफ की कमी से कुछ अव्यवस्था हो रही है जिससे संबंधित अधिकारियों को अवगत करवा कर व्यवस्था को दूर किया जाएगा, मंडी प्रशासन की ओर से किसान भाइयों के लिए पेयजल की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में है,
इसके अतिरिक्त जो कमियां है उन्हें दूर किया जाएगा,