नगर परिषद की दुकानों के बरामदे से निकल रहा है प्लास्टर
ओमप्रकाश कसेरा
जावद नगर पालिका एवं परिषद द्वारा निर्माण करवाई गई दुकानों के बरामदे एवं रास्ते से सीमेंट का प्लास्टर निकल रहा है, जिस और ध्यान नहीं दिए जाने के कारण कभी भी जनहानि हो सकती है,
स्थानीय बस स्टैंड स्थित दिग्विजय परिसर के पास से यात्री प्रतीक्षालय के पास वर्ष 1986 के दौरान मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के कार्यकाल एवं तत्कालीन नगर पालिका बद्री लाल नागला के कार्यकाल में सबसे पहले दुकानों का निर्माण यहीं पर हुआ था,सबसे पुरानी दुकानों के मुख्य द्वार एवं पीछे के हिस्से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, कुछ दुकानों पर मुख्य द्वार के पत्थर भी क्षतिग्रस्त दिखाई देते हैं,
इसके बाद वर्ष 1995 के दौरान दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल एवं तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष मांगीलाल हकवाडिया के कार्यकाल में शास्त्री चौक के पास पुलिया के दोनों और एवं शास्त्री चौक के सामने की ओर बटेश्वर महादेव मंदिर से पहले दुकानों का निर्माण करवाया गया, इसके साथ ही वर्ष 1997 के दौरान यात्री प्रतीक्षालय के सामने इंदिरा कंपलेक्स का निर्माण किया गया, वर्ष 2001 के दौरान शास्त्री चौक के पास सब्जी मंडी के स्थान पर दिग्विजय कंपलेक्स का निर्माण हुआ यह जानकारी बस स्टैंड परिसर की है, जबकि खोर दरवाजा बाहर गायत्री मंदिर से आगे,अठाना दरवाजा बाहर, एवं रामपुरा दरवाजा बाहर भी नगर परिषद द्वारा दुकानों का निर्माण करवाया गया है परंतु यहां पर दुकानों के बरामदे से सीमेंट का प्लास्टर गिरने की जानकारी फिलहाल प्राप्त नहीं हुई है,
दीनदयाल परिसर का निर्माण नीमच जाने वाले मार्ग पर स्थित शाखा मैदान के सामने शिवराज सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2014 के दौरान तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष श्याम काबरा के कार्यकाल में यहां पर दुकानों का निर्माण करवाया गया, इस प्रकार गांधी चौराहे से लगाकर इंदिरा कंपलेक्स, दिग्विजय कंपलेक्स, शास्त्री चौक के पास शास्त्री मार्केट, एवं यात्री प्रतीक्षालय के पास सहित लगभग 50 दुकानो का निर्माण उक्त एरिया में नगर परिषद द्वारा करवाया गया, जिसमें सबसे अधिक पुरानी दुकानों की छत एवं रास्ते से सीमेंट का प्लास्टर नीचे जमीन पर गिरता रहता है, क्योंकि दुकानदारों द्वारा समय-समय पर नगर परिषद से दुकानों का मेंटेनेंस करवाने की मांग की जाती रही है, इस और परिषद द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण कहीं दुकानों के अंदर छत से सीमेंट का प्लास्टर गिर जाता है तो कहीं दुकानों के बाहर बरामदे से तो कहीं दुकानों के पास रास्ते से सीमेंट का प्लास्टर गिरने की स्थिति में है और लोहे के सरिया खराब होकर बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहे हैं,
कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में दुकानों के बाहर चबूतरे एवं दुकानों की शटर टीन सेट आदि जेसीबी मशीन के माध्यम से हटाए गए थे, इस दौरान यात्री प्रतीक्षालय के पास स्थित सबसे पुरानी दुकानों के कुछ दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए, जो आज भी दिखाई देते हैं यहां तक की नगर परिषद प्रशासन द्वारा दुकानों के बाहर निर्माण करवाई गई सीढियो को अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोड़ दिया गया था और उस समय हालात यह रहे बड़े अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं हुई, आज भी मौजूदा प्रशासन एवं नगर परिषद द्वारा बड़े अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई यहां पर नहीं की जाती है, क्योंकि बड़े स्तर पर अतिक्रमण करने वाले अपना अतिक्रमण बचाने के लिए न्यायालय में पहुंच जाते हैं,
दुकानों के पिलर पर दरारें आ चुकी है,
बटेश्वर महादेव मंदिर से पहले शास्त्री मार्केट की कुछ दुकानों के पिलर पर दरारें दिखाई दे रही है, इसी के पास रावला कुआं की ओर जाने के लिए रास्ते का निर्माण नगर परिषद द्वारा करवाया गया था
यहां पर रास्ते की छत से सीमेंट का प्लास्टर नीचे गिर रहा है, इस रास्ते के पास सुविधा घर का उपयोग करने के लिए स्थानीय दुकानदार के अतिरिक्त बाहर के यात्री पहुंचते हैं, यहीं पर पिछले महीने 31 जनवरी को दुकान के बरामदे से सीमेंट का प्लास्टर गिर गया था उस समय दुकानदार के यहां कुछ ग्राहक मौजूद है परंतु ग्राहक को किसी प्रकार की चोट नहीं लगी दुकानदार का जरूर नुकसान हुआ दुकानदार ने बताया कि उन्होंने नगर परिषद से दुकानों का मेंटेनेंस करवाने हेतु लिखित में निवेदन पत्र प्रस्तुत किया, परंतु नगर परिषद द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया गया और दुकान की छत से प्लास्टर गिर गया,सीमेंट का प्लास्टर क्यों गिर रहा है इसको लेकर भी कुछ कारण हो सकते हैं, जैसे दुकान निर्माण के समय सीमेंट की मात्रा कम रखी गई हो, दुकान निर्माण का निर्माण ठीक प्रकार से नहीं किया गया हो, एवं दुकानों की छतो से बारिश के पानी का रिसाव होने से भी समय के साथ प्लास्टर गिरने लगता है इसलिए समय-समय पर दुकानों के मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है,
मुख्य नगर परिषद अधिकारी जगजीवन शर्मा से इस संबंध में चर्चा की गई, उन्होंने कहा नगर परिषद के इंजीनियर को मौके पर भेज कर इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी इसके बाद दुकानों के बरामदे एवं छत के अंदर प्लास्टर करवाने का कार्य करवाया जाएगा,