भोपाल:- मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण ऑर्गनाइजेशनल के राष्ट्रीय सचिव, डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी , श्रीमती गीता अवस्थी एवं बालाजी परिसर परिवार के संयोजन में, तिरुपति अभिनव होम्स में, काव्य धारा प्रवाह मंच द्वारा, शानदार लाजवाब एवं ओजस्वी "भव्य कवि सम्मेलन" का कुशलतापूर्वक सफल आयोजन हुआ। जिसमें भोपाल एवं अन्य क्षेत्रों से आए कविर्विदो ने, अपनी बेहतरीन काव्य रचनाओं से, पूरे भोपाल में धूम मचा दी।
भारत पत्र के रिपोर्टर अनुरुद्ध कौरव से, काव्य धारा प्रवाह मंच की संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल एवं मंच संचालक एवं श्रीरामचरित मानस रसिक, मशहूर एवं ओजस्वी गायक, श्री लाल सिंह ठाकुर जी ने साझा वार्तालाप करते हुए बताया कि, मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण ऑर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय सचिव, डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी जी एवं श्रीमती गीता अवस्थी जी ने, काव्य धारा प्रवाह मंच को, भव्य कवि सम्मेलन के लिए निमंत्रित किया था। जिसका आयोजन, उनके एवं बालाजी परिसर परिवार द्वारा, तिरुपति अभिनव होम्स में किया गया था।
मंच को साझा करने आयोजकों में मुख्यत:, विशेष अतिथि के रूप में,
*कथाव्यास श्रद्धेय आचार्य पंडित श्री मधुसूदन शास्त्री जी* (वृंदावन वाले) सम्मिलित रहे ओर सभी को अपना आशीर्वाद दिया,
इनके साथ ही, मंच को साझा करने वाले अतिथियों में,
*पंडित श्री राकेश चतुर्वेदी जी (प्रदेश अध्यक्ष, ब्राह्मण एकता अस्मिता सहयोग संस्कार मंच*
*
*डॉक्टर श्री बाबूराम त्रिपाठी जी (वरिष्ठ नागरिक),*
*श्री मोहन रावजी (समाज सेवी),*
*श्री अनिल लालवानी जी, RTO अधिकारी, भोपाल*
*श्री अवध किशोर दीक्षित जी, (लखनऊ)*
*श्रीमती अनिता दीक्षित जी (लखनऊ)*
*श्री सज्जन सिंह अवस्थी जी*
*श्री आशीष त्रिवेदी जी, (कानपुर)*
*श्री उमाशंकर दीक्षित जी, (इटावा)*
*डॉक्टर ऋषि शर्मा जी (प्रोफेसर)*
*श्री लक्ष्मीकांत शरणागत जी, श्री वीरेंद्र सक्सेना जी*
आदि बहुत से उच्च पदस्थ अधिकारी एवं वरिष्ठ नागरिक मंच पर उपस्थित रहे और भव्य कवि सम्मेलन का रसास्वादन किया।
इनके साथ ही मंच की साज सज्जा और मंच को व्यवस्थित करने ओर भव्य कवि सम्मेलन को सफल बनाने में, परम सम्माननीय
*श्रीमती पूनम सिंह जी, श्रीमती भावना शर्मा जी, श्रीमती रेखा शर्मा जी, श्रीमती विनीता गांगेले जी* जैसी विदुषी मातृ शक्ति का सहयोग रहा।
इस कार्यक्रम के आरम्भ में, डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी जी द्वारा, समस्त कविर्विदो के स्वागत सम्मान में, अभिनंदन उद्बोधन किया गया और, उसके बाद मंच पर उपस्थित पंडित जी के द्वारा मां सरस्वती जी की पूजा की गई।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता स्वयं डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी जी के द्वारा की गई ओर डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी जी ने, स्वयं लिखित प्यारी रचना भी सुनाई, इस कार्यक्रम के मंच संचालक रहे, जिला रायसेन के मशहूर एवं प्रख्यात गायक, कवि एवं श्रीरामचरित मानस के रसिक, श्री लाल सिंह ठाकुर जी, जिन्होंने मंच का संचालन बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया, इस भव्य कवि सम्मेलन के पंडाल में बैठे दर्शक, श्री लाल सिंह ठाकुर जी के संचालन ओर उनकी गायकी के प्रशंसक हो गए।
कार्यक्रम का आरंभ, मंच संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल एवं नवोदित कवयित्री सुहानी पटेल जी ने, संयुक्त रूप से, मां सरस्वती जी की वंदना, बहुत ही सुरीले अंदाज में गाकर किया।
मंच संचालक जी ने सर्वप्रथम भोपाल की कवयित्री श्रीमती रचना गुरु जी को आमंत्रित किया जिन्होंने बहुत ही शानदार,
"नाम हरि का जप ले बंदे, फिर पीछे पछताएगा।"
"जीवन नैय्या डगमग डोले, पार नहीं कर पाएगा।।"
रचना सुनाकर दर्शको की खूब वाह वाह लूटी।
इनके बाद, कवयित्री आदरणीया रूबी अरोड़ा जी ने, अपनी सुमधुर आवाज में,
"मां सब जानती है।"
जैसी ज्ञानवर्धक रचनाएं सुनाकर, ओर बुंदेली रचना सुनाकर, सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद नवोदित कवयित्री
सुश्री सुहानी पटेल ने अपनी बेहद प्रभावशाली रचना "मैं हूँ भारत की नारी" सुनाकर सभी श्रोताओं को अपनी आवाज के जादू से सभी का मन मोह लिया। उनकी रचना की सुंदरता और आवाज की माधुरी ने श्रोताओं को इतना प्रभावित किया कि वे सभी उनकी प्रतिभा की प्रशंसा करते नहीं थके।
मध्य प्रदेश के पिपरिया से आई, श्रृंगार रस की कवयित्री, श्रीमति रोशनी रावत जी ने, श्री राधे रानी ओर श्री कृष्ण भगवान के चरणो में समर्पित,
"जब से आए हो, मेरे हृदय में प्रिय।"
जैसी बहुत ही प्यारी रचना सुनाई। उन्होंने अपने कुछ बेहतरीन मुक्तक सुनाकर, सम्पूर्ण पंडाल में बैठे दर्शको एवं आयोजकों का हृदय जीत लिया।
मंच संचालक श्री लाल सिंह ठाकुर जी ने अपना प्रथम रचना पाठ, गौ माता के लिए समर्पित किया, उनके द्वारा गौ माता के संबंध में मार्मिक रचना, हूबहू रविन्द्र जैन की आवाज में सुनाकर, प्रत्येक दर्शक को करताल बजाने के लिए विवश कर दिया, दर्शको के निवेदन पर, श्री लाल सिंह ठाकुर जी ने, ओर भी सुंदर सुंदर रचनाएं, अपनी सुमधुर आवाज में सुनाई। जिसमें से,
"अगर नोट मरने पे, जो साथ जाते"
बहुत पसंद की गई ओर रामायण के एक प्रसिद्ध प्रसंग पर सुनाई उनकी रचना ने, सभी का हृदय जीत लिया।
उनकी इस रचना को सुनकर, सभी आयोजकों ने, श्री लाल सिंह ठाकुर जी का सम्मान, बारी बारी से, फूलों का हार पहनाते हुए, गले से लगाकर उन्हें बधाई देते हुए उनकी बहुत प्रशंसा की।
भोपाल की कवयित्री श्रीमती रेनू गोस्वामी जी ने सुंदर मुक्तक और रचनाएं सुनाई, उनकी रचना
"घर घर नहीं, रैन बसेरा।"
ओर
"दिखावटी बनावटी दुनिया को नामंजूर कर।"
बहुत ही पसंद की गई। उनकी रचनाओं ने मंच का सुंदर माहौल बना दिया।
इनके बाद,
मंच संस्थापिका श्रीमती पायल पटेल जी ने, बहुत ही प्यारी रचनाएं सुनाई, उनकी रचना,
"मौत भी मुझे आशिकाना चाहिए"
को सुनकर, पूरे पंडाल का माहौल, वृंदावन जैसा हो गया और हर कोई, राधे राधे करने लगा। उनकी दूसरी रचना,
"ओ कन्हैया, मेरा इतना काम कर दे।"
ओर
"साजिशो का शहर"
को भी दर्शको ने इतना पसंद किया कि, हर कोई उनके सुर में सुर मिलाकर, गा रहा था।
अंतिम पायदान पर, एक बार फिर से, श्री लाल सिंह ठाकुर जी ने, अपनी लाजवाब आवाज में रचना सुनाकर, पूरे पंडाल ही नहीं, पूरे भोपाल का हृदय जीत लिया। उनकी रचनाएं ओर उनकी गायकी के अंदाज को सुनकर, प्रत्येक दर्शक, आयोजक एवं मंच पर उपस्थित कविर्विद, उन्हें हृदय से बधाई देने लगे और एक बार फिर से, मुख्य आयोजकों ने उनका सम्मान, फूलों का हार पहनाकर और उन्हें गले से लगाकर किया। जिसे देख कर, हर कोई गदगद हो गया और पूरा पंडाल तालियों से, श्री लाल सिंह ठाकुर जी का सम्मान करते हुए नजर आने लगा।
भव्य कवि सम्मेलन के अंत में, आयोजक डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी जी, बालाजी परिसर परिवार, ओर मंच पर उपस्थित, उच्च पदस्थ उनके मित्र और परिवार वालो एवं वरिष्ठ नागरिकों ने, काव्य धारा प्रवाह मंच की पूरी टीम एवं मंच को साझा करने वाले सभी कविर्विदो का, बहुत ही प्रेम से आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया ओर सभी को राधा रानी जी के नाम के पटके और शानदार शील्ड देकर, ओर तिलक लगाकर, फूल माला पहनाकर, सभी को सम्मानित किया। ओर
*श्रीमती पूनम सिंह जी, श्रीमती भावना शर्मा जी, श्रीमती रेखा शर्मा जी, श्रीमती विनीता गांगेले जी ,श्रीमती नंदनी लोधी* ने सभी कवयित्रियों का फूल माला, दुपट्टा और तिलक लगाकर सम्मान किया।
डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी जी ने, शानदार, जानदार कवि सम्मेलन ओर सनातन धर्म की जन-जागृति जगाने के लिए, काव्य धारा प्रवाह मंच का आभार व्यक्त किया ओर बधाई दी।
श्रीमती पायल पटेल जी ने, भारत पत्र को बताया कि, इस सफल आयोजन के बाद, आयोजकों ने भरोसा दिलाया कि, उनकी टीम, शीघ्र ही, काव्य धारा प्रवाह मंच को लेकर, एक ओर भव्य कवि सम्मेलन, भविष्य में आयोजित करेंगे। आयोजक डॉक्टर श्रीकांत अवस्थी एवं उनके सभी मित्रो ने कहा कि, काव्य धारा प्रवाह मंच, हिन्दी साहित्य, सनातन धर्म के लिए जो, मौलिक जन जागृति का कार्य कर रहे है, वह अतुलनीय एवं अलौकिक है, ओर विशेष बात यह है कि, काव्य धारा प्रवाह मंच का संचालन, रचनाएं ओर प्रस्तुतिकरण, मौलिक एवं असरदार होती है। उन्होंने काव्य धारा प्रवाह मंच की सम्पूर्ण टीम, ओर उनसे जुड़े सभी कविर्विदो को बार बार धन्यवाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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