ओमप्रकाश कसेरा
जावद देश भर में कहीं पुल गिर रहे हैं, तो कहीं एयरपोर्ट की छत से पानी लीकेज हो रहा है, ऐसे समय में ग्रामीण क्षेत्र की पुलिया के बीच सेंटर से मिट्टी बारिश के पानी में बह जाए और पुलिया के ऊपर गड्ढा हो जाए तो किसी को हैरान नहीं होना चाहिए, क्योंकि वर्ष 2014 के बाद देशभर में यही हो रहा है कहीं पुल नदी में गिर रहे हैं, तो कहीं पर एयरपोर्ट की छत से ही पानी लीकेज होने लगता है यही सुशासन है
तहसील मुख्यालय से करीब 4 किलोमीटर दूर बावल जाने वाले मार्ग पर ग्राम केलुखेड़ा से करीब 2 किलोमीटर पहले पुलिया की हालत देखिए कल शुक्रवार को दोपहर के समय हुई बारिश से पुलिया के पास से मिट्टी बह गई, और पुलिया के नीचे पाइप से जॉइंट खुलकर अलग हो गया, इस पुलिया का निर्माण
मध्य प्रदेश ग्रामीण सतर्कता कार्यक्रम विश्व बैंक एवं आई,ए,आई, बी से सहायति, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत नियमित ग्रेवल मार्ग का डामरीकरण का कार्य, सड़क का नाम जावद मोरवन से केलुखेड़ा लंबाई 3.700 किलोमीटर, पैकेज ए, एम,पी, 27 बी.01 अनुमानित लागत,
ठेकेदार द्वारा 5 वर्ष की गारंटी दी गई है, 5 वर्ष के संधारण की लागत,
कार्य की निर्धारित दिनांक, ठेकेदार का नाम कृष्ण कंस्ट्रक्शन कंपनी झुंझुनू, क्रियान्वयन इकाई नीमच, मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
द्वारा करवाया गया,
पुलिया का निर्माण
मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क सतर्कता कार्यक्रम के अंतर्गत, बीटी सड़क, पुलिया का नाम, पुलिया का कार्य, सड़क पेमेंट का विवरण, 6.00 मीटर, चौड़ाई 3.00 मीटर, पुलिया एवं सड़क निर्माण की लागत, कार्य प्रारंभ होने से लगाकर कार्य समाप्त होने एवं गारंटी की अवधि केलुखेड़ा जाने वाले मार्ग पर स्थित बोर्ड के ऊपर दर्शीई नहीं गई है, जबकि नियम के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में सड़क एवं पुलिया निर्माण की लागत, कार्य प्रारंभ होने से समाप्त होने, एवं निर्माण कार्य से संबंधित गारंटी की अवधि ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश करने से पूर्व बॉर्डर पर दर्शीई जाती है,
एक अनुमान के मुताबिक पुलिया एवं सड़क का निर्माण कार्य करीब 4 वर्ष पहले हुआ था, और इतने कम समय में पुलिया के पास से मिट्टी बारिश के पानी में बह गई,
भारी वाहन ग्रामीण क्षेत्र की ओर नहीं निकलते यहां तक की यात्री बस भी उक्त मार्ग पर नहीं निकलती है, फिर भी सड़क पर हो गए गड्ढे जिसको लेकर
सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, ग्राम केलूखेड़ा जाने वाले मार्ग पर करीब 3 से 4 वर्ष पहले डामरी करण सड़क का निर्माण कार्य हुआ था, और 3 वर्ष में ही डामरीकरण की सड़क पर गड्ढे होकर जगह-जगह गिट्टी निकलती हुई दिखाई दे रही है, जिससे ग्राम केलुखेड़ा, बरखेड़ा जाट, एवं लालपुरा के ग्रामीणों को आने जाने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,
पुलिया के पाइप का जॉइंट निकल गया,
भारतीय जनता पार्टी शासन एवं विधायक(पूर्व मंत्री) ओमप्रकाश सकलेचा के विधानसभा क्षेत्र में पुलिया का निर्माण इस प्रकार हो रहा है, जहां पर पुलिया ट्रैक्टर, कार, एवं
मोटरसाइकिल का वजन भी सहन नहीं कर सकती है, और पुलिया निर्माण के दौरान लगाए गए सीमेंट पाइप से जॉइंट निकल कर अलग हो जाते हैं, और पाइप के नीचे सीमेंट,रेत, की जगह उपयोग में लाई गई भ्रष्टाचार की मिट्टी बारिश के पानी में बहकर निकल जाती है, जबकि पुलिया के नीचे से होकर सिर्फ खेतों का पानी निकलता है, अगर शहरी क्षेत्र से बारिश का पानी इस पुलिया के नीचे से होकर निकल जाए, तो हो सकता है पुलिया ही बारिश के पानी में बह जाए, और अधिकारियों की हालत देखिए वह कहते हैं पुलिया को रिपेयर करवाएंगे,
मुख्यमंत्री सड़क योजना के उप यंत्री,
तोविंदर सिंह जौहरी
से इस संबंध में चर्चा की गई, जिस पर उन्होंने बताया की पुलिया के पास से मिट्टी निकलने की जानकारी उन्हें प्राप्त हो गई है, वे पुलिया को रिपेयरिंग करवाने का कार्य करवाएंगे,
उनसे सवाल किया गया की पुलिया का निर्माण कब हुआ, और सीमेंट पाइप का जॉइंट किस प्रकार निकल गया,
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा पुलिया और सड़क निर्माण कार्य गारंटी के अंतर्गत है ठेकेदार द्वारा यह कार्य करवाए जाएंगे, आगामी समय में 2 पाइप से पुलिया का निर्माण किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को आने जाने के दौरान परेशानी नहीं होगी,
अहम सवाल यह है
जब पुलिया का निर्माण हो रहा था, उस समय अधिकारी क्या कर रहे थे, क्या उन्होंने पुलिया एवं सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार की जांच की थी,
अगर अधिकारी इस और जांच करते हैं, तो पुलिया का निर्माण पूरी तरह गुणवत्ता के साथ होता
परंतु शायद ऐसा नहीं हुआ, इसीलिए भ्रष्टाचार की पुलिया के नीचे एवं पाइप आसपास सीमेंट, रेत, के स्थान पर मिट्टी दिखाई दे रही है,