नीमच की देश में अपनी एक अलग पहचान:नीमच में देश की पहली पॉलीसिलिकॉन फैक्टरी खुलेगी; यहीं बनेंगे पैनल, इससे सोलर एनर्जी 15 से 20 फीसदी तक सस्ती हो जाएगी

नीमच - जावद। उद्योग के क्षेत्र में नीमच देश में अपनी एक अलग पहचान बनाने जा रहा है। यहां देश की पहली पॉलीसिलिकॉन बनाने की फैक्टरी लगेगी। प्रशासन ने जावद तहसील के रतनगढ़-दड़ोली मार्ग पर कंपनी के लिए 225 हेक्टेयर जमीन सुरक्षित कर आवंटन के लिए फाइल मप्र शासन को भेज दी है। इससे सोलर पैनल व ऊर्जा उत्पादन 15 से 20 फीसदी से भी अधिक सस्ता हो जाएगा। कंपनी का 2025 तक 25 हजार टन उत्पादन का लक्ष्य है। वर्तमान में भारत पॉलीसिलिकॉन एवं वेफर्स चीन व नार्थ कोरिया से आयात करता है। प्राकृतिक ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण सोलर पैनल निर्माण के लिए आज भी हम चीन पर निर्भर हैं।

कुछ सालों पहले तक सोलर पैनल निर्माण के लिए सोलर सेल भी हम चीन से ही मंगाया करते थे। अब सोलर सेल का उत्पादन देश में होने लगा लेकिन अभी भी इसके लिए उपयोग होने वाला रॉ मटेरियल पॉलीसिलिकॉन विश्व का 90 फीसदी चीन ही एक्सपोर्ट करता है। वर्तमान में भारत में पॉलीसिलिकॉन का उत्पादन नहीं हो रहा है। केंद्र शासन ने इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक साल पहले प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) योजना में कंपनियों को सहयोग देना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने ओडिशा, वेस्ट बंगाल, मेघालय, आंध्रप्रदेश में काम करने वाली अलोम सोलर कंपनी को रतनगढ़-दड़ोली मार्ग पर जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली।

इसलिए नीमच में आएगी फैक्टरी
नीमच पहाड़ी क्षेत्र में जमीन उपलब्ध है। फैक्टरी के लिए गांधीसागर में पर्याप्त पानी है। सिलिकॉन बनाने के लिए आवश्यक चारकोल के लिए यहां बबूल व अन्य तरह के पेड़ उपलब्ध हैं। अलोम सोलर कंपनी के आकर्ष अग्रवाल ने प्रजेंटेशन में बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में मेटल ग्रेड सिलिकॉन की खपत 2.2 मिलियन टन थी। पॉलीसिलिकॉन की मांग 2016 से निरंतर प्रतिवर्ष 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है। साल के अंत तक वैश्विक पॉलीसिलिकॉन उत्पादन क्षमता 298 किलोग्राम प्रति वाट तक पहुंच सकती है। पॉलीसिलिकॉन का एक किलाग्राम सौर सेल अपने जीवन काॅल में 7 हजार किलोग्राम से अधिक सीओटू उत्सर्जन बचाता है।

ऐसे तैयार होगा पॉलीसिलिकॉन
सोलर पैनल के लिए सिलिकॉन की आवश्यकता होती है। जिसे रेत से निकाला जाता है। रेत व कार्बन को 2 हजार डिग्री पर गर्म करने पर सिलिकॉन की सिल्लियां तैयार होती हैं। इनसे केमिकल प्रोसेस कर उसे भाप में बदला जाता है, उससे 99.99 शुद्ध पॉलीसिलिकॉन मिलता है। इससे वेफर्स व सोलर सेल का निर्माण किया जाता है। सोलर सेल से पैनल बनाए जाएंगे।

"आलोम सोलर कंपनी के अधिकारी आए थे। रतनगढ़ तरोली रोड पर एमएसएमई को जमीन अलाॅट है। जमीन पसंद भी आ गई है। आवंटन की प्रक्रिया भोपाल से होना है, प्रस्ताव भोपाल भेज दिया है।'

- शिवानी गर्ग, एसडीएम जावद, जिला नीमच

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